'फिल्म इंडस्ट्री छोड़ देना चाहता था...' नीम करोली के कैंची धाम जाकर बदले मनोज बाजपेयी के दिन

कुछ समय पहले ही एक इंटरव्यू में मनोज बाजपेयी ने बताया था कि वो एक बुरे दौरे से गुजर रहे थे. ये वो वक्त था जब एक बार उनके मन में आया कि अब उन्हें ये प्रोफेशन छोड़ देना चाहिए. तब उन्हें नीम करोली बाबा के कैंची धाम जाने का मौका मिला. और इस एक घटना ने उनका जीवन बदल दिया.

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मनोज बाजपेयी जब अपने करियर को लेकर बहुत चिंता में थे, तब वो नीम करोली बाबा के धाम पहुंचे थे. (Photo: Instagram/@bajpayee.manoj) मनोज बाजपेयी जब अपने करियर को लेकर बहुत चिंता में थे, तब वो नीम करोली बाबा के धाम पहुंचे थे. (Photo: Instagram/@bajpayee.manoj)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 26 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 4:16 PM IST

Neem Karoli Baba Kainchi Dham: 'द फैमिली मैन' का तीसरा सीजन अमेजन प्राइम पर रिलीज हो चुका है और ओटीटी प्लेटफॉर्म पर खूब धमाल मचा रहा है. 21 नवंबर को रिलीज हुई इस सीरीज में मनोज बाजपेयी और जयदीप अहलावत हैं. इस सीजन के कुल सात एपिसोड हैं. इसमें मनोज बाजपेयी के काम की चौतरफा प्रशंसा भी हो रही है. इससे पहले सितंबर में मनोज बाजपेयी की एक और फिल्म 'जुगनुमा' रिलीज हुई थी.

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इस फिल्म के रिलीज से ठीक पहले मनोज बाजपेयी ने एक इंटरव्यू में कहा था कि वो फिल्म इंडस्ट्री से दूर होने जा रहे थे. उनका मन बहुत बेचैन हो गया था. लेकिन फिर वो उत्तराखंड के नीम करोली बाबा के धाम पहुंचे और वहां उन्होंने जो कुछ महसूस किया, उससे उनके जीवन को एक नई दिशा मिली.

इस इंटरव्यू में उन्होंने बताया, 'मैं एक ऐसे दौर से गुजर रहा था, जिसमें मैं बहुत बेचैन हो चुका था. मुझे यहां तक लगने लगा था कि अब वो समय आ चुका है, जब मुझे इस प्रोफेशन को छोड़ देना चाहिए. 'जुगनुमा' से ठीक पहले मैंने तकरीबन एक साल तक कोई काम नहीं किया. मैं इसका जवाब ढूंढ ही रहा था कि 'जुगनुमा' के डायरेक्टर राम रेड्डी ने मुझे एक शूटिंग लोकेशन पर साथ चलने के लिए कहा.'

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मनोज बाजपेयी ने आगे कहा, 'शूटिंग लोकेशन पर जाने से पहले हम लोग नैनीताल स्थित नीम करोली बाबा के कैंची धाम और उनकी गुफा में पहुंचे. हम लगभग एक घंटा ऊपर चढ़कर गुफा तक पहुंचे और वहां ध्यान किया. इसके बाद वहां कुछ जादू सा हुआ. ये वो लम्हा था जब मुझे अपना जवाब मिल गया. नीचे उतरते वक्त राम और मैंने एक दूसरे को देखा और कहा कि हमें फिल्म मिल गई है.'

कैंची धाम की महिमा
नीम करोली बाबा का पावन कैंची धाम मंदिर अल्मोड़ा हाईवे के किनारे उत्तरवाहिनी नदी के तट पर स्थित है. नीम करोली बाबा की तपोभूमि होने के कारण यह स्थान हमेशा से श्रद्धा और आध्यात्मिक विश्वास का केंद्र रहा है. 10 सितंबर 1973 को बाबा ने महासमाधि ग्रहण कर देह त्याग दी थी. उनकी अस्थियां यहीं कैंची धाम में स्थापित की गईं, जिसके बाद 1974 में उनके मंदिर का निर्माण प्रारंभ हुआ.

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