राजस्थान कांग्रेस में बढ़ रही तकरार... अब सचिन पायलट के करीबी MLA ने प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा पर उठाए सवाल

राजस्थान में विधानसभा चुनाव से पहले प्रदेश कांग्रेस में फूट बढ़ती ही जा रही है. एक ओर जहां सचिन पायलट ने सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है तो वहीं सचिन पायलट के करीबी विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने कांग्रेस के प्रदेश चीफ सुखजिंदर सिंह रंधावा की कार्य क्षमता पर सवाल उठा दिए. 

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पायलट के खास सोलंकी ने अब राजस्थान कांग्रेस चीफ सुखजिंदर पर लगाए आरोप (फाइल फोटो) पायलट के खास सोलंकी ने अब राजस्थान कांग्रेस चीफ सुखजिंदर पर लगाए आरोप (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • जयपुर,
  • 11 मई 2023,
  • अपडेटेड 10:05 AM IST

राजस्थान के पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के करीबी माने जाने वाले विधायक वेद प्रकाश सोलंकी ने कांग्रेस की राजस्थान इकाई के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा को लेकर बड़ा बयान दे दिया. उन्होंने आरोप लगाया कि रंधावा स्थानीय नेताओं के बीच समन्वय स्थापित नहीं कर पा रहे हैं. सोलंकी ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को पत्र लिखकर यह बात कही. उन्होंने जयपुर में मीडिया से कहा कि रंधावा को नेताओं के बीच समन्वय स्थापित करना था, लेकिन वह ऐसा नहीं कर सके. हालांकि उन्होंने इस बारे में कुछ विस्तार से नहीं बताया. 

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सोलंकी ने कहा, 'रंधावा को समन्वय स्थापित करना चाहिए था. उन्होंने हमारी बात सुनी और इसके बाद उन्हें हमारे मुद्दों का समाधान करना चाहिए था.' उन्होंने कहा कि राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी प्रभारी और राज्य के नेताओं के बीच समन्वय बहुत जरूरी है. उन्होंने कहा कि अगर समन्वय नहीं होगा तो इससे पार्टी को नुकसान होगा.

इसके अलावा वेद प्रकाश सोलंकी ने सीएम अशोक गहलोत के 2020 के विद्रोह से बचने में मदद करने के लिए वसुंधरा राजे समेत बीजेपी नेताओं की प्रशंसा करने की भी आलोचना की. उन्होंने कहा कि सीएम बीजेपी से क्रॉस वोट करने वाली विधायक को बोल्ड कह रहे हैं, तो कांग्रेस को वोट करने वाले पायलट समर्थक कायर कैसे हो गए?

2020 में वसुंधरा ने बचाई थी मेरी सरकार: गहलोत

पिछले दिनों धौलपुर में एक कार्यक्रम के दौरान अशोक गहलोत ने कहा था,'जब वे कांग्रेस के अध्यक्ष थे, तो उन्होंने राज्य में भैरोंसिंह शेखावत के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार को गिराने की कोशिश का समर्थन करने से इनकार कर दिया था. इसी तरह 2020 की बगावत के वक्त वसुंधरा राजे और मेघवाल ने कहा था, राजस्थान में चुनी हुई सरकार गिराने की कोई परंपरा नहीं है.'कैलाश मेघवाल बीजेपी के मौजूदा विधायक हैं, वे स्पीकर भी रहे हैं. 

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अशोक गहलोत ने कहा, "मैं चाहता तो भैरों सिंह जी की सरकार गिरा सकता था. मैंने कहा कि यह अनैतिक काम है. जो आदमी बीमार है, वह अमेरिका में इलाज करवा रहा है, उसकी हालत बहुत गंभीर थी और उनकी पार्टी के नेता उनके पीछे ही उनकी सरकार गिराने की साजिश कर रहे थे.''

गहलोत ने कहा, ''कैलाश मेघवाल और वसुंधरा राजे ने भी ऐसा ही किया. उन्होंने कहा कि धन बल पर चुनी हुई सरकारों को गिराने की हमारी कभी परंपरा नहीं रही... क्या गलत किया उन्होंने?'' गहलोत ने दावा किया, राजे और मेघवाल ने अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनी कि उन्हें उन लोगों का समर्थन नहीं करना चाहिए. यही वजह है कि हमारी सरकार बच गई. मैं इस घटना को कभी नहीं भूलूंगा. 

गहलोत ने विधायक शोभारानी कुशवाह की भी तारीफ की, जिन्होंने पिछले साल राज्यसभा चुनाव में बीजेपी के विरोध में जाकर कांग्रेस उम्मीदवार के पक्ष में मतदान किया था.

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