गहलोत सरकार में सचिवालय में सोना मिलने के जिस मुद्दे को प्रधानमंत्री मोदी ने विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ा मुद्दा बनाया था, उसी पर गहलोत सरकार को क्लीनचीट देने पर हाईकोर्ट ने भजनलाल सरकार के एंटी करप्शन ब्यूरो को जमकर फटकार लगाई है. मामले को लेकर हाईकोर्ट इतना नाराज़ हुआ कि एंटी करप्शन के मुखिया एडीजी रवि प्रकाश मेहराड़ को कोर्ट बुलाकर कहा कि जिस आईटी विभाग में इतना भ्रष्टाचार हुआ कि घर में सोना नहीं रखने पर दफ़्तर की अलमारियां भर दी उसे क्लीनचीट देने का साहस कैसे कर सकते हैं.
यह भी पढ़ें: राजस्थान सरकार में मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने दिया इस्तीफा
अलमारियों में मिला था सोना
इस पर एसीबी के मुखिया एडीजी कोर्ट में खामोश खड़े रहे. कोर्ट ने कहा कि आपको जांच मॉनिटर तो करना चाहिए.2019 में आईटी विभाग के डिप्टी डायरेक्टर कुलदीप यादव के दफ़्तर में अलमारियों में सोना और पत्नी के बैंक अकाउंट में करोड़ों मिले थे. मगर एसीबी ने इस मामले की जांच में यह कहकर एफआर (फाइनल रिपोर्ट) लगा दी कि यादव की पत्नी के पिता ने गिफ़्ट दिया था.
नाराज़ कोर्ट ने एसीबी से कहा कि आप चार सप्ताह में गहलोत सरकार के 5 साल के सभी टेंडरों की जांज करें. इस पर एसीबी के मुखिया ने कहा कि सरकार से करवा लीजिए हमारे पास संसाधन कम हैं. साथ ही मामले की जांच इतने वक्त में नहीं होगा. इस पर कोर्ट ने कहा आप हीं जांच कीजिए वक्त हम देख लेंगे.
यह भी पढ़ें: राजस्थान सरकार ने बढ़ाई पीएम किसान सम्मान निधि की राशि, अब मिलेंगे 8000 रुपए सालाना
किरोड़ी लाल मीणा ने फाइनेंस सेक्रेटरी पर लगाया था आरोप
इस पूरे मामले को लेकर याचिकाकर्ता टीएन शर्मा का कहना कि आरोपी कुलदीप यादव के पास विभाग के बड़े अधिकारियों का पैसा है. जिसे सरकार बचाने में लगी है. आपको बता दें कि कांग्रेस सरकार में इस्तीफ़ा दिए मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने फाइनेंस सेक्रेटरी अखिल अरोड़ा पर आरोप लगाए थे. किरोड़ी के इस्तीफा वापस नहीं लेने की वजह यह भी बताई जा रही है कि भजनलाल सरकार ने गहलोत सरकार के फाइनेंस सेक्रेटरी अखिल अरोड़ा को बनाए रखा है.
शरत कुमार