राजस्थान में चल रहे सियासी घमासान के बीच गहलोत कैबिनेट ने बड़ा फैसला लिया है. सीएम ने बीते गुरुवार को सचिन पायलट को "गद्दार" कहा और बोले कि वो कभी राज्य के सीएम नहीं बन सकते. गहलोत के इस बयान के बाद सचिन पायलट ने भी पलटवार किया. प्रदेश में चल रही सियासी बयानबाजी के बीच राजस्थान कैबिनेट ने बड़ा फैसला लिया है.
गहलोत कैबिनेट ने साल 2018 के बीजेपी सरकार के एक फैसले को वापस ले लिया है. दरअसल बीजेपी ने पूर्व सैनिकों को मंत्रिस्तरीय और अधीनस्थ सेवाओं में 12.5 फीसदी आरक्षण देने का फैसला लिया था. ये आरक्षण ओबीसी कोटे के अंदर ही था. अब गहलोत सरकार ने इस नोटिफिकेशन को वापस ले लिया है और पूर्व सैनिकों के लिए अलग से आरक्षण के लिए नोटिफिकेशन जारी करेगी.
विद्रोह करने वाले को स्वीकार नहीं करेंगे विधायक: गहलोत
बता दें कि राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच सीएम पद के लिए खींचतान चल रही है. गुरुवार को एक निजी मीडिया चैनल से बात करते हुए गहलोत ने कहा था, 'विधायक किसी ऐसे को कैसे स्वीकार कर सकते हैं जिसने विद्रोह किया हो, जिसे गद्दार करार दिया गया हो. वह सीएम कैसे बन सकता है? विधायक ऐसे शख्स को सीएम के रूप में कैसे स्वीकार कर सकते हैं. सबूत हैं कि विधायकों को 10-10 करोड़ रुपये बांटे गए थे, ताकि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार को गिराया जा सके.'
पायलट बोले- झूठे और बेबुनियाद आरोप लगाने की जरूरत नहीं
गहलोत के इस बयान के बाद हलचल राजस्थान के साथ-साथ दिल्ली में भी देखने को मिली. सबसे पहले इसपर सचिन पायलट की ही प्रतिक्रिया आई. उन्होंने कहा, 'मैंने अशोक गहलोत की बात सुनी. पहले भी उन्होंने बहुत बातें मेरे बारे में बोली हैं. इस प्रकार के झूठे और बेबुनियाद आरोप लगाने की आज जरूरत नहीं है. आज जरूरत इस बात की है कि हम कैसे पार्टी को मजबूत करें.'
सीनियर और अनुभवी नेता हैं गहलोत: पायलट
पायलट ने कहा कि गहलोत सीनियर और अनुभवी नेता हैं. मुझे नहीं पता कि कौन उनको मेरे बारे में झूठे और बेबुनियाद आरोप लगाने की सलाह दे रहा है. आज भारत जोड़ो यात्रा को सफल बनाने की जरूरत है. वह यह भी बोले कि जब मैं प्रदेश में पार्टी अध्यक्ष था तब राजस्थान में बीजेपी बुरी तरह हारी थी. बावजूद इसके कांग्रेस अध्यक्ष ने गहलोत को दूसरा मौका देते हुए सीएम बनाया था. आज हमें फिर इस बात की तैयारी करनी चाहिए कि कैसे राजस्थान में चुनाव जीता जाए.
जयकिशन शर्मा