राजस्थान के झालावाड़ में इलाज के दौरान ब्रेन डेड घोषित 50 साल का शख्स तीन लोगों को नई जिंदगी दे गया. उसके दान किए गए अंग जयपुर और जोधपुर के अस्पतालों में भर्ती तीन मरीजों को प्रत्यारोपित किए गए. इसके साथ ही झालावाड़ सरकारी अस्पताल और मेडिकल कॉलेज राज्य का पहला ऑर्गन रिट्रीएवल सेंटर बन गया है.
मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. शिव भगवान शर्मा ने बताया कि 18 फरवरी को भूरिया को घर की छत से गिरने के बाद लगी चोटों के बाद इलाज के लिए अस्पताल लाया गया था. 24 फरवरी को इलाज के दौरान उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया. जिसके बाद झालावाड़ के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. साजिद खान और मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने मामले की जानकारी राज्य सरकार को दी.
राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री गगेंद्र सिंह और अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) शुभ्रा सिंह ने अस्पताल प्रशासन को निर्देश दिया कि वह परिवार को अंग दान के लिए सहमति देने के लिए परामर्श दें.
डॉ. शर्मा ने न्यूज एजेंसी को बताया कि अपने पति के लिवर और किडनी दान के लिए सहमति देने पर भूरिया की पत्नी से सहमति ली गई. शनिवार को मेडिकल कॉलेज को ऑर्गन रिट्रीएवल के लिए एक प्रमाण पत्र जारी किया गया और रविवार को ब्रेन डेड व्यक्ति से 2 किडनी, लिवर और कॉर्निया निकाला गया. एक किडनी और लिवर सवाई जयपुर के मान सिंह अस्पताल और दूसरी किडनी जोधपुर एम्स को आवंटित की गई.
झालावाड़ सीएमएचओ डॉ. खान ने बताया कि इन अंगों को जरूरतमंद मरीजों तक तत्काल पहुंचाने के लिए यातायात पुलिस के समन्वय से एक ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया और रविवार को अंगों को चार एम्बुलेंस द्वारा जयपुर और जोधपुर भेजा गया. दो अस्पतालों में तीन मरीजों को अंग प्रत्यारोपित किए गए हैं.
aajtak.in