पाकिस्तान से आए 27 डॉक्टर्स अब कर सकेंगे इलाज, 9 साल पहले प्रताड़ित होकर आए थे भारत

Rajasthan News: पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के हालात किसी से छिपे नहीं हैं. आए दिन हिंसा, गोलीबारी और आतंकवाद पाक की पहचान बन चुकी है. इस पहचान ने वहां निवासरत हिंदू नागरिकों की जिंदगी मुहाल कर रखी है. न तो वे खुद सुरक्षित महसूस करते हैं और न ही परिवार. कुछ इसी तरह की पीड़ा लेकर काफी संख्या में हिंदू डॉक्टर भारत की शरण ले रहे हैं.

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(प्रतीकात्मक तस्वीर) (प्रतीकात्मक तस्वीर)

विशाल शर्मा

  • जयपुर ,
  • 28 जून 2023,
  • अपडेटेड 10:36 AM IST

पाकिस्तान के जुल्म-ओ-सितम से परेशान होकर पलायन कर भारत आए और फिर यहां की नागरिकता हासिल कर चुके पड़ोसी देश के उत्पीड़ित अल्पसंख्यक समुदायों के मेडिकल स्नातकों को भारत में 'प्रैक्टिस' करने की छूट दी गई है. सरकार का यह कदम उन चिकित्सा स्नातकों के लिए उम्मीद की एक नई किरण की तरह होगा जो पाकिस्तान से भारत आने के बाद देश में कानूनी रूप से चिकित्सक के तौर पर सेवा नहीं दे पा रहे थे. लेकिन अब राजस्थान में डॉक्टरी करने वाले 25 से अधिक पाकिस्तानी चिकित्सकों का नर सेवा करने का सपना पूरा हो सकेगा. केंद्र की मंजूरी के बाद राजस्थान मेडिकल काउंसिल ने पहल करते पाक विस्थापित हिंदू चिकित्सकों के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू की है.

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इसके लिए राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग ने उस प्रस्तावित परीक्षा से जुड़े दिशा-निर्देश तैयार करने के लिए एक विशेषज्ञ समूह का गठन किया था. इस पूरे काम में विशेष भूमिका राजस्थान मेडिकल काउंसिल के रजिस्ट्रार डॉ. मनीष शर्मा ने निभाई, जिन्होंने खुद एनएमसी से लगातार संवाद बनाया और दिल्ली दौरे पर गए. जिसके बाद ही चिकित्सकों का रजिस्ट्रेशन का सपना पूरा हो सका.  

डॉ. मनीष शर्मा ने बताया कि राजस्थान मेडिकल काउंसिल की तरफ से अब तक 27 चिकित्सकों का रजिस्ट्रेशन किया जा चुका है. अब ये सभी चिकित्सक मरीजों की सेवा करने के लिए पात्र हो गए है. हालांकि, 30 डॉक्टरों ने रजिस्ट्रेशन के लिए अप्रोच किया था. लेकिन फिलहाल 27 चिकित्सकों का रजिस्ट्रेशन हुआ है और बाकी 3 डॉक्टर्स की प्रक्रिया पूरी होने पर उनका भी रजिस्ट्रेशन कर दिया जाएगा. 

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बता दें कि पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के हालात किसी से छिपे नहीं हैं. आए दिन हिंसा, गोलीबारी और आतंकवाद पाक की पहचान बन चुकी है. इस पहचान ने वहां निवासरत हिंदू नागरिकों की जिंदगी मुहाल कर रखी है. न तो वे खुद सुरक्षित महसूस करते हैं और न ही परिवार. कुछ इसी तरह की पीड़ा लेकर काफी संख्या में हिंदू नागरिक भारत में शरण ले रहे हैं. इनमें से कई लोग ऐसे है, जो चिकित्सकीय पेशे से जुड़े हैं. लेकिन नियम कायदों के चलते कई साल भारत में रहने के बावजूद ये चिकित्सक प्रैक्टिस नहीं कर सकते थे. लेकिन हाल ही में केंद्र सरकार ने इन चिकित्सकों की पीड़ा को समझते हुए प्रोफेशनल एबिलिटी टेस्ट आयोजित करवाया.

इस टेस्ट में पास होने के साथ ही अब पाक विस्थापित चिकित्सकों के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू हुई है. जिसके तहत गुजरात के बाद अब राजस्थान में 9 साल पहले शरणार्थी बनकर आए पाक विस्थापित डॉक्टर्स का रजिस्ट्रेशन हुआ है.

 

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