'मंदिर वहीं बनाएंगे, तोड़ने वालों पर होगी FIR', अलवर मामले में कांग्रेस का ऐलान

राजस्थान के अलवर जिले के राजगढ़ में मंदिर तोड़े जाने के मामले में कांग्रेस ने नगर पालिका चेयरमैन के खिलाफ एफआईआर कराने का ऐलान किया है साथ ही कांग्रेस नेता भंवर जितेंद्र सिंह ने यह भी कहा कि मंदिर उसी जगह पर बनवाएंगे.

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अलवर में मंदिर तोड़े जाने का मामला (फाइल फोटो) अलवर में मंदिर तोड़े जाने का मामला (फाइल फोटो)

देव अंकुर

  • जयपुर,
  • 23 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 9:08 PM IST
  • कांग्रेस नेताओं का भी हुआ विरोध
  • अलवर में मंदिर तोड़े जाने पर विवाद
  • बीजेपी और कांग्रेस आमने-सामने

राजस्थान के अलवर में 300 साल पुराना मंदिर ढहाए जाने के मामले में अब कांग्रेस एकदम फ्रंटफुट पर है. कांग्रेस नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने अलवर जिले के राजगढ़ का दौरा किया. कांग्रेस नेताओं को इस दौरान लोगों के आक्रोश का भी सामना करना पड़ा. कांग्रेस नेता भंवर जितेंद्र सिंह ने ऐलान किया है कि उसी जगह मंदिर का फिर से बनवाएंगे.

भंवर जितेंद्र सिंह ने कहा- आश्वस्त करना चाहता हूं कि उसी जगह मंदिर का निर्माण कराएंगे. उन्होंने ये भी कहा कि नगर पालिका चेयरमैन के साथ ही मंदिर तोड़े जाने के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ एफआईआर कराई जाएगी. इससे पहले कांग्रेस नेताओं के मौके पर पहुंचने पर लोगों ने उनके खिलाफ नारेबाजी की. लोगों ने अशोक गहलोत और भंवर जितेंद्र सिंह के खिलाफ भी नारे लगाए.

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जिला प्रशासन ने भी ऐलान किया है कि राजगढ़ में जिन तीन मंदिरों को तोड़ा गया था, उनका फिर से निर्माण कराया जाएगा. दूसरी तरफ, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने घटना की निंदा की है. ओवैसी ने कहा कि बीजेपी के नेतृत्व वाले नगर पालिका बोर्ड ने ये निर्णय लिया और कांग्रेस की सरकार ने प्राचीन मंदिर तोड़े जाने के निर्णय को स्वीकार किया. कांग्रेस और बीजेपी, दोनों ही इसके लिए बराबर के जिम्मेदार हैं. उन्हें जनता से माफी मांगनी चाहिए.

विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेताओं का प्रतिनिधिमंडल भी अलवर जिले के राजगढ़ पहुंचा था. बीजेपी नेताओं के प्रतिनिधिमंडल में शामिल सांसद सुमेधानंद ने अशोक गहलोत सरकार की ओर से मंदिर गिराए जाने को औरंगजेब जैसी कार्रवाई बताया था. बीजेपी सांसद सुमेधानंद ने कहा था कि यहां दुकानें, मंदिर और घर तोड़े गए. उन्होंने कांग्रेस की ओर से नगर पालिका बोर्ड में प्रस्ताव पारित कर अतिक्रमण हटाए जाने का जिक्र करते हुए बीजेपी पर लगाए गए आरोप खारिज कर दिया और कहा कि नगर पालिका बोर्ड ने कोई भी मंदिर तोड़ने की मंजूरी नहीं दी थी. बीजेपी सांसद किरोड़ीलाल मीणा ने इसे दबाव में की गई कार्रवाई बताया था.

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बता दें कि अलवर जिले के राजगढ़ में 300 साल पुराना मंदिर तोड़े जाने के बाद हिंदूवादी संगठन भड़क गए थे. बीजेपी नेता और महंत प्रकाश दास ने जूते पहनकर शिवालय में जाने से धार्मिक भावनाएं आहत होने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पुनिया ने कहा था कि सरकार को रास्ता निकालकर मंदिर बचाना चाहिए था.

 

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