विदेश दौरे से वापसी के बाद विपक्षी सांसदों का राष्ट्रवादी भाव कायम रहेगा?

शशि थरूर और असदुद्दीन ओवैसी से लेकर अभिषेक बनर्जी तक, अलग अलग राजनीतिक दल के होने के बावजूद सभी सांसद दुनिया भर में घूम घूम कर तिरंगा यात्रा निकाल रहे हैं, और एक सुर में पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए सभी मुल्कों को आगाह कर रहे हैं - आने वाले चुनावों में क्या नजारा होगा?

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विपक्षी सांसदों का विदेशों में तेवर देखते ही बन रहा है, राजनीतिक मिजाज तो आने वाले चुनावों में ही दिखेगा. विपक्षी सांसदों का विदेशों में तेवर देखते ही बन रहा है, राजनीतिक मिजाज तो आने वाले चुनावों में ही दिखेगा.

मृगांक शेखर

  • नई दिल्ली,
  • 27 मई 2025,
  • अपडेटेड 4:31 PM IST

ऑपरेशन सिंदूर जारी है. सीजफायर लागू है, लिहाजा सैन्य कार्रवाई थमी हुई है. जवाबी हमला होगा, अगर हमले की कोशिश हुई. और वो जोरदार होगा - दुनिया के तमाम मुल्कों में पहुंचे देश के सांसद ऐसे ही संदेश दे रहे हैं, और देश में ये जिम्मा खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने हाथ में ले रखी है. 

गुजरात पहुंचे मोदी ने पाकिस्तान को साफतौर पर कहा कि ऑपरेशन सिंदूर आतंक के अंत का मिशन है, और ये कि पाकिस्तान टेररिज्म को ही टूरिज्म समझता है. और, गुजरात से ही अपील करते हुए मोदी ने कहा, ऑपरेशन सिंदूर के लिए देश का नागरिक होने के नाते आप सभी को एक काम करना है... घरों में जाकर लिस्ट बनाएं कि आपके घर में सुबह से शाम तक कितनी विदेशी चीजों का उपयोग होता है... देश को बचाना है, बनाना है, आगे बढ़ाना है तो ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ सैनिकों के जिम्मे नहीं है, ऑपरेशन सिंदूर 140 करोड़ नागरिकों की भी जिम्मेदारी है. 

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बिना नाम लिए मोदी ने अमेरिका और चीन को भी सख्त संदेश दिया है. देश के सांसदों का सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल पूरी दुनिया घूम घूम कर पाकिस्तान को अलग थलग करने के मिशन में लगा हुआ है - और सबसे खास बात है कि अलग अलग विचारधारा और राजनीतिक दलों के होते हुए भी ये सभी सांसद एक सुर में एक ही बात बोल रहे हैं. 

आतंकवाद के खिलाफ एक ही आवाज है

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने न्यूयॉर्क में एक सामुदायिक कार्यक्रम के दौरान लोगों से कहते् हैं, अब आतंकवाद में शामिल कोई भी व्यक्ति सजा से नहीं बचेगा. जो बात ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने से पहले बिहार में प्रधानमंत्री मोदी ने कही थी, ऐसी सजा मिलेगी जिसकी कल्पना भी नहीं की होगी. 

और इस मामले में कांग्रेस सांसद शशि थरूर अकेले नहीं हैं. हर सांसद की भाषा, टोन, तेवर और संदेश एक ही है. शशि थरूर की ही तरह केंद्र में सत्ताधारी बीजेपी के रविशंकर प्रसाद और बैजयंत पांडा, शिवसेना के श्रीकांत शिंदे, JDU के संजय झा, डीएमके की कनिमोझी, NCP (SP) की सुप्रिया सुले किसी की बातें सुन लीजिये, कहीं कोई फर्क नहीं मिलेगा.

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AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी हों या तृणमूल कांग्रेस महासचिव अभिषेक बनर्जी पाकिस्तान के खिलाफ सभी एक ही तरीके से भारत का एक ही संदेश दे रहे हैं. शशि थरूर के नेतृत्व में सांसदों के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने न्यूयॉर्क में 9/11 स्मारक पर जाकर आतंकवादी हमलों में मारे गये लोगों को श्रद्धांजलि दी है. और, ये संदेश देने की कोशिश है कि दुनिया को आतंकवाद की साझा समस्या के खिलाफ लड़ाई में एकजुट होना होगा तभी सबको निजात और हर पीड़ित को इंसाफ मिल सकेगा. चाहे वे 9/11 के हों, 26/11 के हों या फिर पहलगाम टेरर अटैक के. 

असदुद्दीन ओवैसी का कहना है, इस्लाम आतंकवाद की निंदा करता है, और कुरान साफ तौर पर कहता है… बेकसूर व्यक्ति को मारना पूरी मानवता की हत्या के जैसा ही है. बहरीन में ओवैसी ने कहा, आतंकवादी ग्रुप निर्दोष लोगों की हत्या करते हैं, और उसे सही ठहराने के लिए मजहब का गलत इस्तेमाल करते हैं. 

टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी समझाते हैं, अगर आतंकवाद को एक खतरनाक पागल कुत्ता माना जाये, तो पाकिस्तान उसका दुष्ट हैंडलर है… हमें सबसे पहले इस हैंडलर से निबटने के लिए दुनिया को एकजुट करना होगा, नहीं तो ये और भी पागल कुत्तों को तैयार करता रहेगा. 

आने वाले चुनावों में क्या हाल होगा?

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ऐसे भी नहीं कि शशि थरूर कोई सरकारी प्रेस रिलीज बांच रहे हों. लगे हाथ वो ये भी बता देते हैं कि उनकी राजनीति अलग है, और अपनी जगह है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने वो सिर्फ देश की बात करने निकले हैं. देश के दुश्मनों से पूरी दुनिया को आगाह कराने निकले हैं. क्योंकि, वे सिर्फ भारत के दुश्मन नहीं हैं, बल्कि पूरी दुनिया के दुश्मन हैं. आतंकवादी किसी मुल्क विशेष के खिलाफ नहीं होते, ये बात अलग है कि एक खास मुल्क ऐसे आतंकवादियों को पाल रहा है. 

पूर्व विदेश राज्य मंत्री शशि थरूर कहते हैं, आप जानते हैं, मैं सरकार के लिए काम नहीं करता… मैं एक विपक्षी पार्टी के लिए काम करता हूं… मैंने खुद एक लेख लिखा था, जिसमें कहा था कि अब समय आ गया है कि जोरदार तरीके से हमला किया जाये, लेकिन समझदारी से… मुझे ये कहते हुए खुशी हो रही है कि भारत ने बिल्कुल यही किया. 9 खास आतंकवादी ठिकानों, मुख्यालयों और लॉन्चपैड पर बेहद सटीक और सोच-समझ कर कार्रवाई की गई.

जो बातें सेना की प्रेस ब्रीफिंग में सुनने को मिलती थी, जो बात विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बताई, और जो बात आदमपुर एयरबेस पहुंचकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान से कही, शशि थरूर और बाकी नेता भी वही सब दोहरा रहे हैं. न्यूयॉर्क में शशि थरूर ने पाकिस्तान को साफ साफ बोल दिया, ‘हम कुछ भी शुरू नहीं करना चाहते थे’ - और बता दिया, हम आतंकवादियों को केवल एक संदेश भेज रहे थे… आपने शुरू किया, हमने जवाब दिया.

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शशि थरूर ने ये बोल कर अपना पक्ष तो साफ कर दिया है, असदुद्दीन ओवैसी और अभिषेक बनर्जी का क्या रुख होगा, अभी देखना होगा. तीनो ही नेताओं को अलग अलग राज्यों में विधानसभा चुनाव में उतरना है. 

असदुद्दीन ओवैसी की नजर कुछ दिन बाद होने जा रहे बिहार चुनाव पर टिकी होगी. बिहार चुनाव में ओवैसी की पार्टी एनडीए और इंडिया गठबंधन से बराबर दूरी बनाये रखेगी या किसी एक तरफ भी हो सकती है, ये भी देखना होगा. 

अगले साल, 2026 में केरल और पश्चिम बंगाल दोनो राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. अभिषेक बनर्जी का स्टैंड तो साफ है, वो टीएमसी नेता होने के नाते बीजेपी के खिलाफ है मैदान में नजर आएंगे - शशि थरूर को लेकर अभी कुछ भी पक्का नहीं है. 

विदेशों में भले ही शशि थरूर विपक्षी पार्टी कांग्रेस के लिए काम करने की बात भले कर रहे हों, लेकिन लौटने के बाद वो खुद भी और कांग्रेस एक दूसरे के साथ रहना चाहेंगे या नहीं, कहना मुश्किल है. कांग्रेस नेतृत्व को वो पहले भी समझा चुके हैं कि उनके पास विकल्प की कमी नहीं है - और सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल किये जाने पर कांग्रेस ने कितना बवाल किया, सबने देखा ही है. 
 

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