प्राइवेट अस्पताल के गार्ड से प्यार के बाद युवती ने की Love मैरिज, कोर्ट में बोली- मैं 21 की हूं, अब घर नहीं लौटूंगी

MP News: पिता की ओर से लगाई गई बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को खारिज करते हुए मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने पुलिस को आदेश कर दिया कि युवती जहां रहना चाहे, उसे वहां रहने दिया जाए.

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कोर्ट में युवती ने माता-पिता के साथ जाने से किया इनकार. (सांकेतिक तस्वीर) कोर्ट में युवती ने माता-पिता के साथ जाने से किया इनकार. (सांकेतिक तस्वीर)

हेमंत शर्मा

  • ग्वालियर/शिवपुरी ,
  • 14 मई 2024,
  • अपडेटेड 3:45 PM IST

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को खारिज कर बालिग युवती को उसके पति के साथ ही भेज दिया. जबकि पिता ने बेटी को घर ले जाने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. कोर्ट ने कहा कि युवती बालिग है और अपनी मर्जी से कहीं भी जा सकती है.  

दरअसल, शिवपुरी जिले के निवासी राजा वर्मा (बदला हुआ नाम) की बेटी अब उनके साथ नहीं रहना चाहती है. दो महीने पहले राजा की बेटी ने करण रजक नाम के युवक से प्रेम विवाह कर लिया. करण पड़ोसी जिले ग्वालियर के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में गार्ड की नौकरी करता है. शादी करने के बाद युवती करण के साथ ही रहने लगी. 

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पिता ने अपनी बेटी को वापस पाने की खातिर मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच का दरवाजा खटखटाया और कोर्ट में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की. सोमवार को याचिका पर सुनवाई हुई. इस दौरान पुलिस युवती को लेकर कोर्ट में पहुंची. 

युवती ने कोर्ट में बयान दिया कि वह 21 साल की हो चुकी है, वह बालिग है, उसने करण रजक से प्रेम विवाह किया है, क्योंकि वह बालिग है इसलिए वह अपनी मर्जी की मालिक है, अब वह अपने मां-बाप के साथ नहीं रहना चाहती है, बल्कि वह तो अपने पति करण के साथ ही रहना चाहती है. 

हाईकोर्ट ने युवती के बयान पर पुलिस को आदेश कर दिया कि युवती जहां रहना चाहे, उसे वहां रहने दिया जाए.  

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