मध्य प्रदेश में एक युवक को लापरवाही का खामियाजा भुगतना पड़ गया. यहां के शहडोल रेलवे स्टेशन पर युवक ने बोतल क्रेशर को पानी की मशीन समझकर गलती से हाथ डाल दिया. जिससे उसका हाथ बोतल क्रेशर में फंस गया. इस घटना से लोगों में हड़कंप मच गया. सूचना पर मेडिकल टीम भी पहुंच गई और करीब 3 घंटे की मशक्कत के बाद मशीन से हाथ को बाहर निकाला. लेकिन तब तक हाथ कुचल चुका था. ऐसे में डॉक्टरों को जान बचाने के लिए पंजा भी काटना पड़ गया.
यह पूरा मामला शहडोल रेलवे स्टेशन का है. जहां उमरिया जिले के मानपुर का रहने वाला 25 वर्षीय सौरभ गुप्ता स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर-1 पर ट्रेन का इंतजार कर रहा था. इस दौरान उसने प्लेटफॉर्म पर लगी बोतल क्रेशर को पानी की मशीन समझ लिया और गलती से हाथ डाल दिया. जिससे अगले ही सेकंड मशीन के तेज़ ब्लेड उसके हाथ को अंदर की ओर खींचते चले गए.
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सौरभ दर्द से तड़पकर चीखने लगा. जिसपर फौरन आरपीएफ, जीआरपी और रेलवे की मेडिकल टीम भी पहुंच गई. लेकिन सौरभ का हाथ इतनी गहराई में फंस गया था कि उसे निकालना लगभग नामुमकिन लग रहा था.
जान बचाने के लिए डॉक्टरों को काटना पड़ा पंजा
3 घंटे तक हाथ को बाहर निकालने का रेस्क्यू चला और कटर से मशीन को काटा गया. फिर काफी मशक्कत के बाद उसका हाथ बाहर निकला. फिलहाल उसका हाथ बुरी तरह कुचल चुका था. जिसके चलते उसकी जान बचाने के लिए मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों को हाथ का पंजा काटना पड़ा.
शहडोल जीआरपी थाना प्रभारी आरएम झरिया ने बताया कि एक युवक ने पानी की मशीन समझकर बोतल क्रेशर में हाथ डाल दिया था. जिससे उसका हाथ अंदर फंस गया और करीब 3 घंटे बाद हाथ निकला. लेकिन तब तक हाथ बुरी तरह कुचल गया था. ऐसे में उसकी जान बचाने के लिए हाथ के पंजे को काटना पड़ा.
रावेंद्र शुक्ला