नवरात्रि के दौरान गरबा आयोजनों को लेकर रतलाम शहर के काजी अहमद अली ने मुस्लिम समाजजनों के नाम एक पत्र जारी किया है. काजी ने अपील की है कि अपने बच्चों को गरबा आयोजनों में जाने से रोकें, क्योंकि यह धार्मिक दृष्टि से उचित नहीं है.
काजी के पत्र में लिखा है, "जैसा कि आप सभी हज़रात को मालूम है कि हिंदू भाइयों का एक अहम और बड़ा नवरात्रि पर्व चल रहा है, जिसमें गरबे का आयोजन किया जाता है. कई बार ऐसा वाज़े तौर पर देखा गया है कि मुस्लिम लड़के-लड़कियां गरबा आयोजन में जाने से आयोजकों को कड़ी आपत्ति होती है और दो समाजों में विवाद की स्थिति उत्पन्न हो जाती है, जो हिंदुस्तान की गंगा-जमुनी तहजीब और आपसी भाईचारे पर बुरा असर डालती है."
काजी ने तमाम घर के बड़ों-बुजुर्गों से गुजारिश की है कि अपने बच्चों को गरबा आयोजनों में जाने से रोकें, क्योंकि यह दीनी लिहाज से भी कतई दुरुस्त नहीं है.
उधर, रतलाम के गरबा पंडालों में गैर-हिंदुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है. पंडालों पर लगे बैनर पर लिखा है, "गरबा प्रांगण में गैर हिंदू का आना सख्त मना है. मूर्ति पूजा को न मानने वाले मूर्तिपूजा से दूर रहे."
मध्य प्रदेश के भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने गैर-हिंदुओं के नवरात्रि उत्सव और गरबा नृत्य कार्यक्रमों में भाग लेने का स्वागत किया है, बशर्ते वे फिर से सनातन धर्म अपनाएं और माथे पर तिलक लगाने व आरती करने जैसे नियमों का पालन करें.
भोपाल की हुजूर सीट से विधायक शर्मा ने कहा कि अगर कुछ लोगों को लगता है कि उनके माता-पिता ने हिंदू धर्म के अलावा किसी अन्य धर्म को अपनाकर गलती की है और वे फिर से हिंदू बनना चाहते हैं, तो वे अब ऐसा कर सकते हैं, क्योंकि सभी का DNA हिंदू है.
पता हो कि देवी दुर्गा और उनके रूपों की पूजा को समर्पित नवरात्रि उत्सव 22 सितंबर से शुरू हुआ है. इस उत्सव के दौरान गुजरात का एक नृत्य गरबा खेला जाता है, जिसमें बड़ी संख्या में प्रतिभागी शामिल होते हैं.
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