मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 21 साल की मॉडल खुशी अहिरवार की मौत के मामले में मंगलवार की शाम बड़ा खुलासा हुआ. पुलिस को मिली पोस्टमार्टम रिपोर्ट में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए. रिपोर्ट के मुताबिक, मॉडल खुशी अहिरवार प्रेग्नेंट थी और उसकी मौत फैलोपियन ट्यूब फटने से हुई.
मेडिकल रिपोर्ट में कहा गया है कि खुशी के शरीर पर किसी भी तरह की बाहरी चोट के निशान नहीं मिले हैं, जिससे यह साफ होता है कि उसके शरीर पर कोई बाहरी अटैक नहीं हुआ था. हालांकि, अंदरूनी खून बहने (इंटरनल ब्लीडिंग) की वजह से उसकी मौत हुई.
डॉक्टरों के अनुसार, फैलोपियन ट्यूब फटने (Ruptured Fallopian Tube) की वजह से अचानक गंभीर इंटरनल ब्लीडिंग हुई, जिससे खुशी की मौत हो गई. फिलहाल यह साफ नहीं है कि ट्यूब किसी मेडिकल कॉम्प्लिकेशन के कारण फटी या किसी प्रकार की शारीरिक हिंसा (मारपीट) से यह स्थिति बनी. पुलिस ने अब विसरा सैंपल जांच के लिए भेजा है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि फैलोपियन ट्यूब फटने के पीछे का कारण क्या था.
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भोपाल में खुशी अहिरवार की मौत के बाद सागर जिले के मंडी बामोरा में उसका अंतिम संस्कार किया गया था. परिवार ने उसके बॉयफ्रेंड कासिम अहमद पर हत्या का आरोप लगाया था. अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद जांच का रुख बदल गया है. पुलिस मामले के हर पहलू की गहराई से पड़ताल कर रही है.
21 साल की मॉडल खुशी अहिरवार इंस्टाग्राम पर 'डायमंड गर्ल' नाम से कंटेंट बनाती थी. यह लड़की सागर जिले के मंडी बामोरा गांव की रहने वाली थी. उसने मेहनत और सपनों के बल पर छोटे शहर से निकलकर भोपाल तक का सफर तय किया था. लेकिन बीते दिनों उसकी जिंदगी अचानक थम गई. अस्पताल तक पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो गई, और अब सवाल यह है कि क्या यह हादसा था या किसी साजिश का हिस्सा?
खुशी अहिरवार उर्फ खुशबू निजी बैंक में जॉब करती थी. पढ़ाई के साथ-साथ उसने मॉडलिंग की शुरुआत की. सोशल मीडिया पर एक्टिव रहती थी. इंस्टाग्राम पर उसके 12 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स थे. अक्सर वह नए फोटोशूट और वीडियो पोस्ट करती थी.
रविवार और सोमवार की दरमियानी रात भोपाल के चिरायु अस्पताल से खजुरी थाना पुलिस को सूचना मिली कि दो लोग एक युवती को लेकर पहुंचे हैं, लेकिन वह अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ चुकी है. अस्पताल पहुंची पुलिस को वहां खुशी का बॉयफ्रेंड कासिम अहमद और एक बस कंडक्टर मिला था. पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा और कासिम को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू की.
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कासिम ने पुलिस को बताया था कि वह उज्जैन से बस द्वारा भोपाल लौट रहे थे. रास्ते में फंदा टोल के पास उसने खुशी को जगाने की कोशिश की, लेकिन वह बेसुध थी, शरीर ठंडा पड़ चुका था. घबराहट में दोनों उसे ऑटो से अस्पताल लेकर आए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
बहनों ने लगाए गंभीर आरोप
खुशी के परिजनों ने साफ कहा कि यह साधारण मौत नहीं है, बल्कि हत्या है. मृतका की बड़ी बहन ने कहा कि जब उन्होंने शव देखा, तो उसके कंधे, गर्दन और चेहरे पर चोट के निशान थे. कासिम ने बहन के साथ बेरहमी से मारपीट की, जिससे उसकी जान चली गई.
बहन प्रीति अहिरवार ने कहा कि खुशी और कासिम की पहचान दो साल पहले सिरोंज में हुई थी. वहां उसकी मुलाकात अमन नाम के युवक से हुई. अमन की पत्नी मुस्लिम थी, और उसी ने राहुल नाम के एक युवक से खुशी की पहचान करवाई, लेकिन बाद में पता चला कि राहुल का असली नाम कासिम अहमद है.
जब कासिम किसी अपराध में पकड़ा गया और जेल चला गया, तो खुशी उससे मिलने पहुंची. तभी उसे सच्चाई का पता चला कि राहुल नहीं, बल्कि उसका नाम कासिम अहमद है और वह मुस्लिम है. यह सुनकर खुशी टूट गई और उससे दूर होने लगी. परिवार को भी उसने बताया था. कासिम जेल से छूटते ही फिर उसके संपर्क में आया.
आखिरी कॉल और मौत की खबर
परिजनों का कहना है कि तीन दिन से खुशी से उनका कोई संपर्क नहीं हो पा रहा था. सोमवार रात अचानक कासिम ने फोन कर बताया कि वे इंदौर से भोपाल लौट रहे थे, तभी खुशी की तबीयत बिगड़ी और उसकी मौत हो गई. कासिम ने वीडियो कॉल पर खुशी का शव भी दिखाया.
कुछ घंटे बाद भोपाल पुलिस का फोन आया- शव की पहचान के लिए परिजनों को बुलाया गया. जब उन्होंने देखा, तो शरीर पर चोट के निशान साफ थे. सिर और गर्दन पर कई जगह चोटें थीं. खुशी का पोस्टमार्टम डॉक्टरों के एक पैनल द्वारा कराया गया है.
खुशी के घर सन्नाटा पसरा है. उसके पिता मानसिक रूप से अस्वस्थ रहते हैं और बड़े भाई की तीन साल पहले सड़क हादसे में मौत हो चुकी है. घर में अब सिर्फ मां और दो बड़ी बहनें हैं. खुशी ही परिवार की आर्थिक रीढ़ थी- उसकी नौकरी और मॉडलिंग से ही घर का खर्च चलता था.
पोस्टमार्टम के बाद शव सागर जिले के मंडी बामोरा लाया गया, जहां खुशी का अंतिम संस्कार किया गया. गांव में लोगों की भारी भीड़ उमड़ी. बहनों की चीखें और मां का विलाप लोगों की आंखें नम कर गया. फिलहाल पुलिस इस पूरे मामले की जांच में जुटी है. सवाल है कि क्या खुशी की मौत किसी झगड़े का नतीजा थी? आखिर उसके साथ हुआ क्या?
रवीश पाल सिंह / हिमांशु पुरोहित