जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले में जान गंवाने वाले इंदौर के सुशील नथानियल का गुरुवार को जूनी इंदौर कब्रिस्तान में ईसाई रीति-रिवाजों के साथ अंतिम संस्कार किया गया. इस दौरान उनकी पत्नी जेनिफर, बेटा ऑस्टिन, बेटी आकांक्षा, परिजन, रिश्तेदार, दोस्त, मध्य प्रदेश के मंत्री तुलसी सिलावट और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे. अंतिम यात्रा में शामिल लोगों ने सुशील को नम आंखों से विदाई दी गई.
सुशील नथानियल का बेटा ऑस्टिन (21) इस हमले का चश्मदीद है. उसने इंदौर में मीडिया से बातचीत में हमले के भयावह पलों का खुलासा किया. कहा कि आतंकी ने उसके सामने ही पिता सुशील की गोली मारकर हत्या कर दी.
ऑस्टिन ने कहा, “वहां पुलिस और सेना को होना चाहिए, क्योंकि यह बहुत बड़ी पर्यटक जगह है. आतंकी सबसे पूछ रहे थे, 'मुस्लिम-मुस्लिम?' जो मुस्लिम नहीं था, उसे सीधे गोली मार दी. मेरे सामने उन्होंने 6 लोगों को गोली मारी.''
ऑस्टिन ने चौंकाने वाला खुलासा करते हुए कहा, “जिसने कहा कि वह मुस्लिम है, उससे आतंकियों ने कलमा पढ़ने को कहा. फिर नीचे का कपड़ा खोलकर खतना की जांच की. जिनका खतना नहीं था, उन्हें भी गोली मार दी. आतंकी 15-16 साल के बच्चे जैसे लग रहे थे. कम से कम चार आतंकी थे, जो सिर पर कैमरा लगाए थे और सेल्फी ले रहे थे.'' सदमे में डूबे ऑस्टिन ने आखिर में मीडिया से कहा, ''अब बस करिए प्लीज'' और उन्हें जाने को कहा.
सुशील की पत्नी जेनिफर ने देवर संजय को बताई आपबीती
सुशील के भाई संजय ने आजतक से बातचीत में बताया कि सुशील की पत्नी जेनिफर ने फोन पर और मुख्यमंत्री मोहन यादव से मुलाकात में हमले की पूरी घटना बयां की. संजय के अनुसार, ''आतंकियों ने सुशील को घुटनों के बल बैठाया और कलमा पढ़ने को कहा. सुशील ने उनके इरादे भांपकर पहले पत्नी जेनिफर और बच्चों को छिपा दिया. जब सुशील ने कहा कि वह ईसाई हैं और कलमा पढ़ना नहीं जानते, तो आतंकियों ने उनकी कनपटी पर बंदूक रखकर गोली मार दी.''
संजय ने बताया कि जेनिफर ने यह भी खुलासा किया कि आतंकियों ने दो अन्य लोगों के कपड़े उतारकर खतना की जांच की और जब खतना नहीं दिखा, तो उन्हें भी गोली मार दी. संजय ने कहा, ''सुशील ने शादी की कसम निभाते हुए अपनी जान देकर पत्नी और बच्चों की रक्षा की.''
पहलगाम की बैसारन घाटी में हुए इस हमले में आतंकियों ने पर्यटकों को निशाना बनाया. सुशील नथानियल अपनी पत्नी जेनिफर का जन्मदिन मनाने बेटे ऑस्टिन, बेटी आकांक्षा के साथ कश्मीर गए थे. हमले में सुशील की मौत हो गई, जबकि आकांक्षा के पैर में गोली लगी. जेनिफर और ऑस्टिन किसी तरह सुरक्षित बचे, लेकिन गहरे सदमे में हैं.
सुशील के अंतिम संस्कार के दौरान वीणा नगर स्थित उनके घर पर शोक व्यक्त करने वालों का तांता लगा रहा. मंत्री तुलसी सिलावट और जीतू पटवारी ने परिवार को सांत्वना दी. सुशील के मिलनसार स्वभाव को याद कर परिजन और पड़ोसी भावुक हो गए. शहर में आतंकवाद के खिलाफ आक्रोश देखा गया और लोग सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.
रवीश पाल सिंह