मध्य प्रदेश के रतलाम जिले (Ratlam Madhya Pradesh) के कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम के तबादले के विरोध में कई युवाओं ने ट्वीट किया है. युवाओं ने ट्वीट करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मांग की है कि कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम को रतलाम में ही पदस्थ रहने दिया जाए. बता दें कि साल 2004 में तत्कालीन कलेक्टर दीप्ति गौड़ मुखर्जी के तबादले पर भी विरोध हुआ था. अब रतलाम कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम के तबादले के विरोध में ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं ने अपने ट्विटर अकाउंट पर सीएम को हैश टैग कर तबादला निरस्त करने की मांग की है.
शनिवार को शासन ने रतलाम के कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम का तबादला खरगोन कर दिया था. उनके स्थान पर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी को रतलाम का कलेक्टर बनाए जाने के आदेश जारी किए थे. इन आदेश की सूचना जैसे ही रतलाम जिले में फैली, उसके बाद बड़ी संख्या में युवाओं ने सोशल मीडिया पर सरकार के इस आदेश का विरोध करना शुरू कर दिया. ट्विटर पर अपने अकाउंट से युवाओं ने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह को हैशटैग करते हुए तबादला निरस्त किए जाने की मांग की.
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लोगों का कहना है कि कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम की कार्यप्रणाली से युवा और आमजन काफी खुश थे, इस वजह से वे चाहते हैं कि कलेक्टर का तबादला नहीं किया जाए. जब कोरोना तेजी से फैल रहा था, नियंत्रण में नहीं आ रहा था, तब कुमार पुरुषोत्तम को रतलाम में पदस्थ किया गया था. कुमार ने आते ही सख्त निर्णय लिए और एक पखवाड़े में कोरोना को तेजी से नियंत्रित किया. अपराधियों के खिलाफ अभियान चलाया, बुलडोजर से कई कार्रवाई की गईं. कुमार पुरुषोत्तम ने कॉलोनाइजरों पर नकेल कसने के लिए अभियान शुरू किया.
इसके अलावा अपराधियों के खिलाफ अभियान चलाकर मकानों पर बुलडोजर चलवा दी थी. बैठक में लापरवाही करने वाले अधिकारियों को जमकर फटकार लगाते थे. जिले में अतिक्रमण के खिलाफ अभियान शुरू किया. जब कलेक्टर कुमार के तबादले की सूचना तेजी से वायरल हुई तो सोशल मीडिया में इसका जमकर विरोध होने लगा. लोगों ने लिखा कि रतलाम में अच्छे अधिकारी को हमेशा जल्दी हटा दिया जाता है. कलेक्टर के रूप में कुमार को रतलाम में 370 दिन हुए थे.
विजय मीणा