'हिंदुस्तान नहीं तो क्या बांग्लादेश हिंदू राष्ट्र कहलाएगा...' बोले धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा, अगर मुगलों के नाम पर कोई ट्रेन चल सकती है, तो राम के नाम से भी ट्रेन चलनी चाहिए यह राम का देश है. उन्होंने कहा, कई लोग हमारी प्राचीन सनातन संस्कृति को टारगेट करते हैं. उसकी आलोचना करते हैं. त्रिदेवों की अवहेलना करते हैं. भगवान को ना मानने का वचन करवाते हैं.

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बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री

रवीश पाल सिंह

  • छतरपुर,
  • 21 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 7:20 AM IST

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने एक बार फिर हिंदू राष्ट्र की मांग उठाई. इतना ही नहीं उन्होंने सवाल पूछा कि अगर हिंदुस्तान हिंदू राष्ट्र नहीं कहलाएगा, तो क्या बांग्लादेश हिंदू राष्ट्र कहलाएगा. उन्होंने कहा, भारत में प्रत्येक नागरिक हिंदू है. हिंदुस्तान का मतलब हिंदुओं का स्थान है. जहां वैमनस्यता न हो. 

बागेश्वर धाम में हो रहा 7 दिन का धार्मिक आयोजन सोमवार को खत्म हो गया. इस कार्यक्रम में सीएम शिवराज सिंह चौहान, कांग्रेस नेता कमलनाथ समेत तमाम बड़े नेता शामिल हुए थे. इतना ही नहीं देशभर के बड़े साधु संत और कथावाचक भी इस कार्यक्रम में पहुंचे थे. 

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राम के नाम पर चले ट्रेन

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा, अगर मुगलों के नाम पर कोई ट्रेन चल सकती है, तो राम के नाम से भी ट्रेन चलनी चाहिए यह राम का देश है. उन्होंने कहा, कई लोग हमारी प्राचीन सनातन संस्कृति को टारगेट करते हैं. उसकी आलोचना करते हैं. त्रिदेवों की अवहेलना करते हैं. भगवान को ना मानने का वचन करवाते हैं.

उन्होंने कहा, देश का दुर्भाग्य है कि वीर शिवाजी जैसे महापुरुष की तस्वीर के साथ छेड़खानी की गई. यह देश का दुर्भाग्य है और ऐसे लोगों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए ताकि वे कभी ऐसी भूल ना करें. 
 
220 लोगों ने अपनाया सनातन धर्म

बागेश्वर धाम में चल रहे धार्मिक आयोजन के आखिरी दिन बड़ी संख्या में लोगों की घर वापसी कराई गई. धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने हजारों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में 220 लोगों को पीली पट्टिका पहनाकर सनातन धर्म में वापसी कराई. शास्त्री का दावा है कि खुद लोगों ने अपनी मर्जी से सनातन धर्म में वापसी की है. हिंदू जागरण मंच के लोग इन लोगों को बागेश्वर धाम लेकर पहुंचे थे.
 

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