पत्नी के कहने पर की थी 6 साल के बेटे की हत्या, कोर्ट ने पिता और सौतेली मां को सुनाई उम्रकैद की सजा

मध्य प्रदेश के इंदौर की एक अदालत ने छह साल के बच्चे की गला घोंटकर हत्या करने के मामले में उसके पिता और उसकी सौतेली मां को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. व्यक्ति ने दूसरी पत्नी के कहने पर ही बेटे की हत्या की थी.

Advertisement
सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर

aajtak.in

  • इंदौर,
  • 30 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 7:41 PM IST

मध्य प्रदेश के इंदौर की एक अदालत ने छह साल के बच्चे की गला घोंटकर हत्या करने के मामले में उसके पिता और उसकी सौतेली मां को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. अतिरिक्त सत्र न्यायालय के न्यायाधीश जितेंद्र सिंह कुशवाह ने 22 अक्टूबर को पारित आदेश में शशिपाल मुंडे (30) और उसकी पत्नी ममता उर्फ ​​पायल (30) को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 302 (हत्या) और 109 (किसी व्यक्ति को अपराध करने के लिए उकसाना) के तहत दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई.

Advertisement

यह भी पढ़ें: बेटी ने की लव मैरिज, तो दामाद को बेरहमी से मार डाला, 4 साल बाद पिता को मिली उम्रकैद की सजा

अभियोजन अधिकारी ने बुधवार को एक न्यूज एजेंसी को बताया कि अदालत ने दोनों आरोपियों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. मुंडे ने अपनी तीसरी पत्नी पायल के कहने पर 14 मई 2023 की रात शहर के तेजाजी नगर इलाके में अपने छह साल के बेटे प्रतीक की गला घोंटकर हत्या कर दी और इस घटना का वीडियो बनाकर पायल को भेजा.

मुंडे की पहली पत्नी और प्रतीक की मां की कुछ साल पहले मौत हो गई थी, जिसके बाद उसने दूसरी महिला से शादी कर ली. लेकिन वह उसे छोड़कर चली गई. इसके बाद मुंडे ने पायल (30) से शादी कर ली. लेकिन पहली पत्नी से पैदा हुआ प्रतीक उसकी आंखों में खटकता था. पायल ने अपने मायके में एक लड़के को जन्म दिया, लेकिन वह अपने ससुराल नहीं लौट रही थी. अधिकारी के अनुसार पायल ने अपने पति से कहा कि वह उसके घर तभी लौटेगी, जब वह प्रतीक को घर से निकाल देगा या उसे मार देगा.

Advertisement

अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने मुंडे के मोबाइल फोन से चार मिनट 47 सेकंड का एक वीडियो भी बरामद किया है. जिसमें वह अपने बेटे प्रतीक की गला घोंटकर हत्या करते हुए दिखाई दे रहा है. जब पिछले सप्ताह अदालत ने सजा सुनाई थी, तब दंपति का नाबालिग बेटा अपनी मां पायल के साथ जेल में था.

यह भी पढ़ें: पांच साल की बच्ची का अपहरण कर बलात्कार करने के जुर्म में शख्स को मिली उम्रकैद की सजा

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने कहा कि जिला प्रशासन को इस मासूम बच्चे के रहने और शिक्षा की उचित व्यवस्था करनी चाहिए, ताकि उसे एक जिम्मेदार नागरिक बनाया जा सके और दोनों अपराधियों की "कुंठित मानसिकता की छाया" से दूर रखा जा सके और समाज की मुख्यधारा से भी जोड़ा जा सके.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement