पांच साल की बच्ची का अपहरण कर बलात्कार करने के जुर्म में शख्स को मिली उम्रकैद की सजा

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में एक मासूम बच्ची का अपहरण करके बलात्कार करने के जुर्म में एक शख्स को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. इसके साथ ही अपराधी पर 15 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है. विशेष पॉक्सो अदालत ने 30 वर्षीय व्यक्ति को 5 वर्षीय बच्ची का अपहरण कर बलात्कार करने का दोषी पाया.

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aajtak.in

  • मुजफ्फरनगर ,
  • 22 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 5:48 PM IST

उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में एक मासूम बच्ची का अपहरण करके बलात्कार करने के जुर्म में एक शख्स को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. इसके साथ ही अपराधी पर 15 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है. एक विशेष पॉक्सो अदालत ने मंगलवार को 30 वर्षीय व्यक्ति को साल 2019 में पांच वर्षीय बच्ची का अपहरण कर बलात्कार करने का दोषी पाया, जिसके बाद उसे सजा सुनाई गई.

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विशेष न्यायाधीश अंजनी कुमार सिंह ने आरोपी फहीम उर्फ ​​फहीमुद्दीन पर आईपीसी की धारा 363 (गुमशुदगी) और 376 (बलात्कार) तथा यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो) के प्रावधानों के तहत दोषी ठहराया था. विशेष सरकारी वकील विनय कुमार अरोड़ा ने बताया कि यह घटना मार्च 2019 में जिले के मीरापुर थाना क्षेत्र के एक गांव में हुई थी. पीड़ित बच्ची खून से लथपथ पाई गई थी.

विशेष सरकारी वकील ने बताया कि इस वारदात के बाद पीड़ित बच्ची की हालत बहुत खराब थी. उसके गुप्तांगों पर चोट के निशान थे. उसे गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया था. इसके बाद पीड़िता के परिजनों ने स्थानीय पुलिस से संपर्क करके अज्ञात आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कराया था. पुलिस के द्वारा पूछताछ के दौरान आरोपी का नाम सामने आया, जो पीड़िता के परिवार को जानता था. 

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इसके बाद पुलिस ने अपराधी फहीम उर्फ ​​फहीमुद्दीन को गिरफ्तार कर लिया था. वो तबसे सलाखों के पीछे ही है. पिछले महीने भी साल 2011 के एक मामले में अदालत ने दो आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी. ये वारदात मुजफ्फरनगर के पुरकाजी क्षेत्र के एक गांव में हुई थी. उस वक्त दो लोगों ने 10वीं कक्षा की छात्रा का किडनैप कर गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया था. 

विशेष अपर सत्र न्यायाधीश मंजुला भालोटिया ने इस मामले में फैसला सुनाया था. विशेष सरकारी वकील प्रदीप बालियान ने बताया कि अदालत ने दर्शन और वंशी को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (बलात्कार) और यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम) सहित अन्य धाराओं के तहत दोषी पाया. इस मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में हुई, जिसमें 9 गवाह पेश किए गए. 

विशेष सरकारी वकील ने बताया कि आजीवन कारावास के अलावा प्रत्येक आरोपी पर 50-50 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया. पूरी राशि पीड़िता को दी गई. यह घटना 14 सितंबर 2011 को पुरकाजी थाने के एक गांव में हुई थी. पीड़ित लड़की स्कूल जा रही थी. उसी वक्त आरोपियों ने उसे रास्ते में रोक लिया. उसे पास के गन्ने के खेतों में ले गए और उसके साथ गैंगरेप किया था.

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