मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के 90 डिग्री मोड वाले ब्रिज का मामला अभी थमा नहीं कि दूसरे महानगर ग्वालियर में नई बनी एक सड़क बार-बार धंस रही है. 2800 मीटर की यह रोड बारिश के मौसम में 12 दिन में 8 बार धंस चुकी है. सड़क की मिट्टी इतनी धंसी कि इसने सुरंग का रूप ले लिया. अब सोशल मीडिया पर सड़क के फोटो और वीडियो जमकर वायरल हो रहे हैं.
दरअसल, ग्वालियर शहर में स्टॉम वाटर ड्रेनेज सिस्टम प्रोजेक्ट चल रहा है. इसके तहत नगर निगम ने कुलदीप नर्सरी से एजी ऑफिस पुलिस तक करीब 2800 मीटर के स्टॉम वाटर ड्रेनेज सिस्टम के लिए जैन एंड राय कंपनी को 14.50 करोड़ ठेका दिया गया था. इसके बाद हाकिम शर्मा की एचएनएस कंपनी को 4.09 करोड़ का सड़क निर्माण का काम सौंपा गया. कुल मिलाकर पूरा प्रोजेक्ट 18 करोड़ रुपए से ज्यादा का है.
बीते दिनों पहले ही ड्रेनेज सिस्टम के लिए 4 से 7 मीटर की गहराई के गड्ढे खोदे गए थे और फिर प्रोजेक्ट पूरा होने पर सड़क भी बिछा दी गई. लेकिन बारिश ने ठेकेदारों के काम की पोल खोलकर रख दी.
ग्वालियर की बार बार धंसकती रोड का मुद्दा सिर्फ मध्य प्रदेश ही नहीं, बल्कि सोशल मीडिया के जरिए राष्ट्रीय स्तर पर वायरल हो चुका है. लोग तरह तरह के कैप्शन और कमेंट्स के साथ गुफानुमा और सुरंग बन चुकी सड़क की फोटो और वीडियो शेयर कर रहे हैं.
हैरानी की बात यह है कि निगम के इंजीनियरों ने भी ठेकेदारों से मिलीगभत करके रिपोर्ट ओके कर दी. प्रोजेक्ट में शामिल दोनों कंपनियों को अब तक 14 करोड़ का भगुतान भी हो चुका है.
नगर निगम के कमिश्नर संघप्रिय गौतम ने इस मामले में इंजीनियारों को नोटिस दिया है तो वहीं जिला कलेक्टर रुचिका चौहान ने एक जांच कमेटी का गठन कर दिया है.
भोपाल के 90 डिग्री ब्रिज पर भी उठे सवाल
इससे पहले राजधानी भोपाल में बने 90 डिग्री मोड वाले ब्रिज ने मध्य प्रदेश की देशभर में जगहंसाई करवाई. 18 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित इस रेलवे ओवरब्रिज की लंबाई 648 मीटर और चौड़ाई 8.5 मीटर है. सोशल मीडिया पर यूजर्स और स्थानीय लोगों ने भोपाल के इस रेलवे ओवरब्रिज की तस्वीर शेयर कर डिजाइन पर सवाल खड़े किए थे. उनका कहना है कि यह मोड़ एक दुर्घटना संभावित क्षेत्र बन सकता है क्योंकि लगभग 90 डिग्री पर गाड़ियों को यहां पर मुड़ना होगा.
इस मामले में मुख्यमंत्री मोहन यादव ने सख्त एक्शन लिया. लोक निर्माण विभाग (PWD) के 8 इंजीनियर्स के खिलाफ कार्रवाई की गई. 2 सीई सहित सात इंजीनियर्स को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया. एक सेवानिवृत एसई के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए. इस प्रोजेक्ट में आरओबी का त्रुटिपूर्ण डिजाइन बनाने पर निर्माण एजेंसी और डिजाइन कंसल्टेंट, दोनों को ब्लैक लिस्ट किया गया है. आरओबी में आवश्यक सुधार के लिए कमेटी बनाई गई है. सुधार के बाद ही आरओबी का लोकार्पण किया जाएगा. इस ओवरब्रिज का निर्माण कार्य 21 मार्च 2023 को शुरू हुआ था.
नीरज चौधरी