कर्नल सोफिया कुरैशी के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में जांच का सामना कर रहे मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह इंदौर में आयोजित सरकार की कैबिनेट मीटिंग में नहीं दिखे. राजबाड़ा महल में कैबिनेट मीटिंग महान शासक अहिल्याबाई होल्कर की 300वीं जयंती वर्ष के समापन के अवसर पर आयोजित की गई थी.
एक सरकारी अधिकारी ने बताया कि शाह मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में भाग लेने के लिए ऐतिहासिक राजबाड़ा महल नहीं पहुंचे. उनके पास जनजातीय मामले, सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन और भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास विभाग हैं.
BJP प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने दी सफाई
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने विजय शाह की गैर मौजूदगी पर सफाई देते हुए कहा, "कैबिनेट बैठक में न पहुंचना व्यक्तिगत कारणों से हो सकता है. कई बार कुछ मंत्री कैबिनेट में उपस्थित नहीं हो पाते. विजय शाह जी का कोई निजी कारण हो सकता है."
शर्मा ने यह भी स्पष्ट किया कि विजय शाह के विवादित बयान का मामला सर्वोच्च न्यायालय के अधिकार क्षेत्र में है. शर्मा ने कहा, "सर्वोच्च न्यायालय ने विशेष जांच दल (SIT) गठित करने का आदेश दिया है. एसआईटी गंभीरता से जांच करेगी और अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी.
SIT मामले की जांच में जुटी
कर्नल कुरैशी के बारे में 'अभद्र' टिप्पणी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गत सोमवार को मंत्री विजय शाह को जमकर फटकार लगाई और उनके खिलाफ दर्ज FIR की जांच के लिए तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया.
बता दें कि विजय शाह उस समय आलोचनाओं के घेरे में आ गए जब एक वीडियो में उन्हें ऑपरेशन सिंदूर पर मीडिया ब्रीफिंग के दौरान एक अन्य महिला अधिकारी विंग कमांडर व्योमिका सिंह के साथ कर्नल कुरैशी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए दिखाया गया.
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने इससे पहले विजय शाह को कर्नल कुरैशी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने को लेकर फटकार लगाई थी. अदालत ने पुलिस को दुश्मनी और नफरत को बढ़ावा देने के आरोप में विजय शाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था. कड़ी निंदा के बाद कैबिनेट मंत्री ने खेद व्यक्त किया और कहा कि वह कर्नल कुरैशी का अपनी बहन से अधिक सम्मान करते हैं. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस मााफी को खारिज कर दिया और कड़े शब्दों में जमकर फटकार लगाई.
इस बीच, कांग्रेस ने फिर से मांग की कि शाह को मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाए.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने एक बयान में कहा, "कर्नल कुरैशी के बारे में आपत्तिजनक टिप्पणी के लिए सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट ने शाह को कड़ी फटकार लगाई है और उनकी माफी को खारिज कर दिया है. इसके बावजूद शाह की बर्खास्तगी पर कोई फैसला क्यों नहीं लिया गया?"
रवीश पाल सिंह / अमृतांशी जोशी