यूरोप के कुछ देशों में 'स्लीप डिवोर्स' का ट्रेंड काफी बढ़ रहा है. स्वीडन और नॉर्वे जैसे नॉर्डिक देशों में लोग अच्छी और सुकून भरी नींद के लिए इसे अपना रहे हैं. यह ट्रेंड में साथी से अलग सोने या कभी-कभी अलग-अलग कमरे में भी सोने के फायदों पर आधारित है.
इस स्कैंडिनेवियाई नींद पद्धति ने कपल्स के अलग-अलग सोने की अवधारणा को लोकप्रिय बनाया है. लेकिन ताइवान के शोधकर्ताओं के एक नए अध्ययन से पता चलता है कि अपने साथी से अलग सोने से दोनों के मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है.
क्या है स्लीप डिवोर्स
स्लीप डिवोर्स का मतलब है कि कपल्स रात में अलग-अलग बिस्तर या अलग-अलग कमरों में सोते हैं ताकि उनकी नींद कॉम्प्रोमाइज ना हो. यह कपल्स को खर्राटों, देर तक जागने जैसी आदतों या फिर कई तरह हेल्थ इश्यूज से बचाने में मदद करता है. हालांकि कई रिसर्च इस ट्रेंड को कपल्स के बीच के रिश्ते के लिए अच्छा नहीं मानती हैं क्योंकि इससे उनके बीच इमोशनल बॉन्ड कम हो सकता है.
अलग सोना अच्छा है या बुरा
'बीएमसी पब्लिक हेल्थ' नामक पत्रिका में प्रकाशित शोध में साइकोलॉजिकल हेल्थ और सोने की व्यवस्था के बीच का एनासिसिस करने के लिए उत्तरी ताइवान के 860 वयस्क जोड़ों का सर्वेक्षण किया गया था.
इस एनासिसिस में किसी व्यक्ति की निजी और बतौर कपल दोनों तरह से ही उनकी नींद की आदतों और मेंटल हेल्थ पर रिसर्च की गई. इसमें मेंटल हेल्थ को खुशी, जीवन से संतुष्टि और शांति के आधार पर मापा गया जबकि नींद के माप का आकलन एक डिटेल मेथड के जरिए किया गया.
परिणामों से पता चला कि अलग-अलग कमरों में सोने वाले वृद्ध जोड़ों की मेंटल हेल्थ साथ सोने वाले जोड़ों की तुलना में कमजोर पाई गई.
साथ सोने से होती है नींद डिस्टर्ब
शोधकर्ताओं ने इस स्टडी से निष्कर्ष निकाला कि सोने की व्यवस्था किसी भी कपल की साइकोलॉजिकल हेल्थ में एक फैक्टर को रिप्रेजेंट करती है. यानी अगर जोड़ा साथ में सोता है तो इससे कहीं ना कहीं उसकी नींद प्रभावित होती है. लेकिन अलग सोने से मेंटल हेल्थ पर असर पड़ता है.
बिस्तर की दूरी पैदा कर सकती है रिश्ते में दूरी
RAND कॉर्पोरेशन की वरिष्ठ वैज्ञानिक और 'शेयरिंग द कवर्स: एवरी कपल्स गाइड टू बेटर स्लीप' की लेखिका वेंडी ट्रॉक्सेल ने 'फॉक्स न्यूज डिजिटल' के साथ एक इंटरव्यू में इस स्टडी के निष्कर्षों पर चर्चा की.
वेंडी ट्रॉक्सेल इस अध्ययन में शामिल नहीं थीं, लेकिन उन्होंने इसकी स्टडी कर बताया कि अलग-अलग सोने से कपल के इमोशनल हेल्थ पर असर पड़ सकता है. यहां तक कि आम धारणा के आधार पर भी अगर देखा जाए तो अलग-अलग सोना रिश्ते में किसी नकारात्मक बात का संकेत देता है.
ट्रॉक्सेल ने आगे कहा, इस नए अध्ययन की खास बात यह है कि यह बताता है कि कपल के सोने की आदतें भी स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती हैं और इस बात पर रोशनी डालती है कि जीवन भर की सेहत बनाए रखने में नींद और रिश्ते कितनी मजबूती से जुड़े हुए हैं.
aajtak.in