पेट की कई समस्याओं में से एक है गैस बनने की समस्या. पेट में गैस बनना और गैस बनने के कारण भी बहुत सामान्य हैं. ज्यादा भोजन करना, देर तक भूखे रहने, तीखा या चटपटा खाना, ऐसा भोजन करना जो देर से पचता हो, ठीक तरीके से चबाकर न खाना और ज्यादा शराब पीने की वजह से भी पेट में गैस बनने लगती है.
इन सामान्य कारणों के अलावा कई दवाओं के सेवन के वजह से भी पेट में एसिडिटी या गैस बन सकती है. कई बार पेट में ज्यादा गैस ज्यादा बन जाने की वजह से सीने में भी दर्द होने लगता है. गैस ज्यादा चढ़ जाए तो उल्टियां तक आने लगती हैं. ज्यादातर लोग गैस की समस्या को कोई बीमारी नहीं समझते हैं और खुद ही उसकी दवाइयां लेने लगते हैं.
गैस्ट्रिक में ली जाने वाली दवाओं में पैंटाप्राजोल, ओमिप्राजोल, लैंसाप्राजोल, इसोमेप्राजोल, रेबिप्राजोल सहित और भी कई दवाएं हैं जिसे लोग खुद ही केमिस्ट की दुकान से खरीद कर खा लेते हैं.
पर क्या आप जानते हैं कि गैस की ये दवाइयां आपकी किडनी पर बुरा असर डालती हैं और इनके इस्तेमाल से आपकी किडनी खराब तक हो सकती है.
इस बात को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने सभी राज्यों के ड्रग्स कंट्रोलर को एक पत्र लिखा है.
इस पत्र में गैस की दवाएं बनाने वाली कंपनियों को एक चेतावनी नोट लिखने का निर्देश दिया गया है.
ड्रग्स कंट्रोलर को अब इस बात की जानकारी देनी होगी कि गैस की इस दवा में प्रोटॉन पंप इनहिबिटर्स की मात्रा है जिसका इस्तेमाल किडनी के लिए खतरनाक हो सकता है.
पत्र में कहा गया है कि गैस की दवा बनाने वाली कंपनियां दवा के रैपर पर ये जरूर लिखें कि इसके इस्तेमाल से किडनी पर असर पड़ सकता है.
दवाओं से मरीजों पर होने वाले साइड इफेक्ट्स पर काम करने वाली वैज्ञानिक संस्था आईपीसी की सलाह की बाद राज्यों के ड्रग्स कंट्रोलर को ये पत्र जारी किया गया है.
इसका उद्देश्य ये है कि लोग सुरक्षित तरीके से और डॉक्टर के परामर्श के बाद ही इन दवाओं का इस्तेमाल कर सकें.