Ganesh Chaturthi 2025: भगवान गणेश को भोग लगाते समय क्या करें और क्या न करें! इन नियमों का रखें खास ध्यान

Ganesh Chaturthi 2025: गणेश चतुर्थी 2025 पर बप्पा को चढ़ाया जाने वाला प्रसाद बेहद पवित्र माना जाता है. जानें प्रसाद बनाते समय क्या करें और क्या नहीं करें, ताकि आपकी पूजा पूरी श्रद्धा और शुद्धता से हो.

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गणेशोत्सव के दौरान करें प्याज, लहसुन और शराब से परहेज  (Photo: AI Generated) गणेशोत्सव के दौरान करें प्याज, लहसुन और शराब से परहेज (Photo: AI Generated)

आजतक लाइफस्टाइल डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 27 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 8:17 AM IST

Ganesh Chaturthi 2025 Do's And Don't:  गणेश चतुर्थी का त्योहार आज से शुरू हो चुका है. गणेश चतुर्थी को भगवान गणपति के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है और उनका जन्मोत्सव एक-दो नहीं पूरे 10 दिनों तक चलता है. इस साल गणेशोत्सव भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी, बुधवार, 27 अगस्त से शुरू होकर शनिवार, 6 सितंबर 2025 तक चलेगा.  गणेशोत्सव का समापन 6 सितंबर को भगवान गणेश के विसर्जन से होगा. 

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गणेशोत्सव पर सभी अपने घरों में गणपति की मूर्ती स्थापित करते हैं और उनकी पूजा अर्चना करते हैं. गणेश जी की पूजा की सबसे जरूरी रस्मों में से एक उन्हें भोग या प्रसाद चढ़ाना है. बप्पा को चढ़ाया जाने वाला भोग पवित्र माना जाता है, इसलिए इसे पवित्रता, भक्ति और सावधानी से तैयार किया जाना चाहिए. इस परंपरा को पवित्र बनाए रखने के लिए, प्रसाद तैयार करते समय कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए. आज हम आपको गणपति का प्रसाद बनाने के दौरान क्या सावधानियां बरतनी चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए वो बताएंगे. चलिए जानते हैं. 

प्रसाद तैयार करते समय क्या करें?

1. फ्रेश इंग्रेडिएंट्स का प्रयोग करें: हमेशा फ्रेश फल, अनाज, सब्जियां और दूध से बनी चीजें ही भगवान गणेश को चढ़ाएं.

2. सफाई बनाए रखें: प्रसाद बनाना शुरु करने से पहले अपने हाथ, बर्तन और खाना पकाने की जगह धो लें.

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3. सात्विक भोजन बनाएं: गणेशोत्सव के दौरान प्याज, लहसुन और मांस से परहेज करें. भोजन सादा और शुद्ध रखें.

4. घर के बने व्यंजनों को ही खाएं: बाहर से खरीदने के बजाय घर पर ही मोदक, लड्डू, पंचामृत और सुंदल बनाएं.

5. घी और गुड़ का इस्तेमाल करें: घी और गुड़ को पवित्र माना जाता है और मिठाइयों में इनका इस्तेमाल करना चाहिए.

6. पंचामृत बनाएं: दूध, दही, शहद, घी और चीनी को मिलाकर पंचामृत बनाएं. पूजा अनुष्ठानों में पंचामृत को जरूरी माना जाता है.

7. कम मात्रा में पकाएं: प्रसाद और परिवार के साथ बांटने के लिए पर्याप्त मात्रा में ही बनाएं, ज्यादा मात्रा से बचें, जिससे हर बार फ्रेश चढ़ा सकें.

8. पहले भोग लगाएं, बाद में चखें: खाने से पहले हमेशा भगवान गणेश को भोग लगाएं.

9. भोजन को ढककर रखें: भोग लगाने से पहले इसे धूल, मक्खियों या कीड़ों से बचाकर रखें.

प्रसाद बनाते समय क्या न करें?

1. प्याज, लहसुन, मांस या शराब ना खाएं: गणेशोत्सव के दौरान ये सब ना खाएं. ये वर्जित हैं.

2. पकाते समय चखें नहीं: प्रसाद चढ़ाए जाने तक उसे छुआ तक नहीं जाना चाहिए. इसलिए गलती से भी पकाते समय चखने की भूल ना करें.

3. बासी या डिब्बाबंद खाना न खाएं: हमेशा उसी दिन ताजा बनाएं.

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4. कभी भी गंदे बर्तनों का इस्तेमाल न करें: सभी बर्तन साफ और शुद्ध होने चाहिए.

5. खाना बर्बाद न करें: केवल जरूरत के अनुसार ही पकाएं.

6. प्लास्टिक के डिस्पोजेबल बर्तनों से बचें: खाना परोसने के लिए स्टील, पीतल या केले के पत्तों का इस्तेमाल करें.

7. मूर्ति के पास बचा हुआ खाना न रखें: बप्पा के सामने केवल ताजा प्रसाद ही रखें.

8. अनुष्ठान का सम्मान करें: खाने से पहले भक्तिपूर्वक नैवेद्यम अर्पित करें. 
 

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