Fatty Liver: आजकल के दौर में हर उम्र के लोगों में फैटी लिवर की बीमारी खासकर नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर डिजीज (NAFLD) एक बड़ी स्वास्थ्य समस्या बनकर उभरी है. फैटी लिवर तब होता है जब लिवर में ज्यादा फैट जमा हो जाता है जिससे सूजन और आगे चलकर लिवर की और गंभीर बीमारियां पैदा हो सकती हैं.
क्यों होता है फैटी लिवर
हालांकि शराब का सेवन फैटी लिवर के लिए एक जाना-माना रिस्क फैक्टर है लेकिन नॉन-अल्कोहलिक फैटी लिवर के कई और कारण भी हैं. फैटी लिवर की बीमारी के मुख्य कारणों में से एक मोटापा है. शरीर का ज्यादा वजन, खासकर पेट की चर्बी फैटी लिवर का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ाती है.
फैटी लिवर से कैसे बचें
इसके अलावा आलस भरी जीवनशैली, खराब खानपान की आदतें और डायबिटीज जैसी कंडीशन भी फैटी लिवर के रिस्क को और बढ़ा सकती हैं. हालांकि कोई भी स्वस्थ जीवनशैली को फॉलो कर और अपनी डाइट में कुछ बदलाव करके फैटी लिवर से बच सकता है और उसे ठीक कर सकता है.
डॉ. सौरभ सेठी, जिन्हें लोकप्रिय रूप से गट डॉक्टर के नाम से जाना जाता है, जो AIIMS, हार्वर्ड और स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में ट्रेंड गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट हैं, उन्होंने फैटी लिवर से पीड़ित लोगों के लिए लिए तीन ताकतवर ड्रिंक्स बताई हैं.
फैटी लिवर की बीमारी में ये 3 ड्रिंक्स
उन्होंने एक इंस्टाग्राम वीडियो में कहा, 'मैं एक लिवर विशेषज्ञ हूं और ये तीन ड्रिंक्स हैं जिनकी सलाह मैं अक्सर फैटी लिवर की बीमारी वाले अपने मरीजों को देता हूं.'
1. चुकंदर का जूस
चुकंदर का जूस अपने हाई नाइट्रेट और एंटीऑक्सिडेंट्स के लिए जाना जाता है जो लिवर के स्वास्थ्य को सपोर्ट कर सकता है. चुकंदर लिवर में सूजन, ऑक्सिडेटिव तनाव को कम करने, डिटॉक्सिफिकेशन प्रक्रिया को बढ़ावा देने और लिवर के फंक्शन में सुधार करने में मदद कर सकता है. इसके अलावा चुकंदर का जूस पोषक तत्वों से भी भरपूर होता है जो ओवरऑल हेल्थ को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है.
2. कॉफी
कई अध्ययनों से पता चला है कि कॉफी का सेवन फैटी लिवर सहित लिवर की बीमारी के जोखिम को कम करने से जुड़ा है. डॉ. सेठी ने बताया कि कॉफी फैटी लिवर और फाइब्रोसिस के जोखिम को कम कर सकती है. बिना चीनी की कॉफी पिएं. आप चाहें तो थोड़ा शहद, मोंकफ्रूट या स्टीविया बिना मिला सकते हैं.
3. ग्रीन टी
डॉ. सेठी ने कहा कि ग्रीन टी में EGCG जैसे कैटेचिन भरपूर मात्रा में होते हैं जो लिवर एंजाइम को बेहतर बनाने और फैट जमा होने को कम करने में मददगार साबित हुए हैं. इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण लिवर को नुकसान से बचाने में भी मदद कर सकते हैं. रेगुलर ग्रीन टी पीने से फैटी लिवर को मैनेज करने में मदद मिल सकती है.
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