प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी सादगी और डिसिप्लिन लाइफस्टाइल के लिए जाने जाते हैं. हाल ही में उन्होंने वनडे विश्व कप जीतने वाली भारतीय महिला क्रिकेट टीम से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने खिलाड़ियों की जमकर तारीफ की और उनका हौसला बढ़ाया. मुलाकात के दौरान क्रिकेटर हरलीन कौर देओल ने पीएम मोदी से एक ऐसा सवाल पूछ लिया, जिस पर खुद पीएम मोदी भी मुस्कुरा उठे. हरलीन ने पीएम मोदी से पूछा कि आपका स्किन केयर रूटीन क्या है क्योंकि आपकी स्किन बहुत ग्लो करती है.
इस सवाल पर मुस्कुराते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, 'मैंने कभी इस तरफ ध्यान नहीं दिया. बीते 25 सालों से मैं सरकार में हूं, लोगों का आशीर्वाद ही मुझे ग्लो देता है.'
पीएम मोदी का स्किनकेयर सीक्रेट
ये पहला मौका नहीं है जब पीएम मोदी की ग्लोइंग स्किन की चर्चा हुई हो. साल 2020 में भी उनसे यही सवाल पूछा गया था जिसपर उन्होंने मुस्कुराते हुए बड़ा दिलचस्प जवाब दिया. पीएम मोदी ने कहा, 'कई साल पहले किसी ने मुझसे पूछा था कि आपका चेहरा इतना चमकता कैसे है? मैंने कहा, 'मैं खूब मेहनत करता हूं और इतना पसीना बहाता हूं कि उसी से चेहरा मसाज हो जाता है बस यही मेरा ग्लो सीक्रेट है.'
पीएम मोदी ने भले ही यह बात मजाक में कही हो. लेकिन वैज्ञानिक रूप से भी पसीना आना स्किन के लिए फायदेमंद माना जाता है. पसीने से शरीर के टॉक्सिंस निकलते हैं, ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और स्किन नेचुरली क्लीन व ग्लोइंग दिखती है. अगर आप रोजाना थोड़ी एक्सरसाइज करें, खूब पानी पिएं और पसीना आने के बाद स्किन को साफ रखें तो बिना किसी महंगे प्रोडक्ट के भी चेहरे पर नेचुरल ग्लो पाया जा सकता है. पसीना आना शरीर की एक नेचुरल प्रोसेस है जिससे स्किन तो ग्लोइंग होती ही है, साथ ही आपका ओवरऑल हेल्थ भी बेहतर रहता है.
इसके अलावा, भले ही पीएम मोदी ने स्किनकेयर पर कभी ध्यान न देने की बात कही हो लेकिन वे काफी डिसिप्लिन में रहते है. हाल ही में Lex Fridman Podcast पर उन्होंने अपनी डाइट, फास्टिंग और फिटनेस को लेकर कई बातें शेयर की. उन्होंने बताया कि उपवास करने से उनकी एनर्जी कम नहीं होती. वे कहते हैं कि मैं 74 साल का हूं, लेकिन फास्टिंग के दौरान भी उतना ही काम करता हूं, कभी-कभी उससे ज्यादा. मेरे लिए फास्टिंग एक तरह की भक्ति और सेल्फ डिसिप्लिन है.
पीएम मोदी का फास्टिंग रूटीन
मोदी जी ने बताया कि वे चातुर्मास के दौरान (जून से नवंबर के बीच) 24 घंटे में सिर्फ एक बार खाना खाते हैं. शारदीय नवरात्रि के दौरान वे सिर्फ गर्म पानी पीते हैं और किसी तरह का ठोस भोजन नहीं करते. चैत्र नवरात्रि में वे दिन में केवल एक बार फल खाते हैं, जैसे कि सिर्फ पपीता और यही रूटीन पूरे नौ दिन तक चलता है. वे कहते हैं कि पिछले 50-55 सालों से इस फास्टिंग ट्रेडिशन को फॉलो कर रहा हूं.
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