Eating Eggs In Bird Flu: समय-समय पर राज्यों में कुछ बीमारियां फैलती हैं. जहां बरसात के मौसम में मच्छरों से फैलने वाले डेंगू और मलेरिया जैसे बुखार से लोग परेशान रहते हैं, वहीं एच-5 एवियन इन्फ्लुएंजा (बर्ड फ्लू) से भी लोग संक्रमित होते हैं. हाल ही में उत्तर प्रदेश में बर्ड फ्लू के मामले सामने आए हैं, जिसने डॉक्टर्स से लेकर राज्य सरकार तक को सतर्क कर दिया है. उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले के एक पोल्ट्री फार्म में मुर्गियों में संक्रमण की पुष्टि की गई है, जिसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी जिलों को एहतियात बरतने के निर्देश दिए हैं.
हाल ही में बर्ड फ्लू के फैलने के बाद, कई लोग इस बात को लेकर चिंतित जरूर होंगे कि क्या अंडे खाना उनके लिए सुरक्षित है? अगर आप भी उन लोगों में से हैं, जो अपनी सुबह की शुरुआत अंडों से करते हैं और अब अंडे खाने से डर रहे हैं तो आज हम आपको बर्ड फ्लू के बढ़ते हुए मामलों के बीच अंडे खाना चाहिए या नहीं इस बारे में बताते हैं.
बर्ड फ्लू या एवियन इन्फ्लूएंजा, एक ऐसा वायरस है जो मुख्य रूप से पक्षियों को प्रभावित करता है, लेकिन कभी-कभी इंसानों को भी संक्रमित कर सकता है. इस बात की संभावना होती है कि यह वायरस संक्रमित मुर्गियों द्वारा दिए गए अंडों में मौजूद हो सकता है, लेकिन डॉक्टर्स का कहना है कि अगर अंडों को सही तरीके से पकाया जाए तो संक्रमित होने का खतरा कम हो सकता है.
हैदराबाद के मेडिकल एडवाइजर और टेलीमेडिसिन विशेषज्ञ, डॉ. मुरली भास्कर एम (MBBS, FDM) ने इंटरव्यू के दौरान बताया था, बर्ड फ्लू आमतौर पर मुर्गियों को संक्रमित करने वाला वायरस है लेकिन संक्रमित मुर्गी के अंडों में भी यह वायरस मौजूद हो सकता है. हालांकि, ऐसा होने की संभावना बहुत कम होती है. लेकिन अगर अंडे को अच्छी तरह पकाया जाए तो वायरस पूरी तरह से खत्म हो जाता है और खाने के लिए सुरक्षित भी हो जाता है.'
डॉ. भास्कर कहते हैं कि बर्ड फ्लू के प्रकोप के दौरान अगर आप अंडे को सही तरीके से पकाएx, तो आप आसानी से उसे खा सकते हैं.
रिसर्च में सामने आया खौफनाक रूप?
हालांकि, भारतीय विज्ञान संस्थान/इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस (आईआईएससी) के रिसर्चर्स ने एक रिसर्च की है, जिसमें चिंताजनक संकेत पाए गए हैं कि एच5एन1 बर्ड फ्लू वायरस इंसानों के लिए एक बड़ा खतरा बन सकता है. स्टडी में जेनेटिक म्यूटेशन की ओर इशारा किया गया है. इस म्यूटेशन की वजह से वायरस आसानी से लोगों को संक्रमित कर सकता है.
H5N1 स्ट्रेन में पाया गया म्यूटेशन:
आईआईएससी के बायोकेमिस्ट्री विभाग के डॉ. केशवर्धन सन्नुला के नेतृत्व में रिसर्चर्स की टीम ने H5N1 वायरस के 2.3.4.4b क्लेड पर स्टडी की. ये क्लेड वर्तमान में दुनिया के कई हिस्सों में फैल रहा है और पक्षियों की कई प्रजातियों को संक्रमित कर चुका है.
उन्होंने पाया कि इस स्ट्रेन में मनुष्यों में पिछले महामारी फ्लू वायरसों में देखे गए म्यूटेशन की तरह ही हैं. ये परिवर्तन इसे मनुष्यों को ज्यादा प्रभावी ढंग से संक्रमित करने में मदद कर सकते हैं.
आजतक लाइफस्टाइल डेस्क