Health and Weight loss: अगर आप वजन घटाने की कोशिश कर रहे हैं या डायबिटीज-फ्रेंडली डाइट ढूंढ रहे हैं, तो रागी आपकी थाली में बड़ा बदलाव ला सकती है. मशहूर शेफ संजीव कपूर ने रागी रोटी को लेकर एक आसान लेकिन असरदार तरीका बताया, जिससे रोटियां न सिर्फ सॉफ्ट बनती हैं बल्कि स्वाद में भी बेहतरीन होती हैं. वेट लॉस करने वालों के लिए रागी की रोटियां बहुत फायदेमंद मानी जाती हैं. गेहूं की बजाय कई फिटनेस एक्सपर्ट रागी को अच्छा मानते हैं.
न्यूट्रिशनिस्ट के अनुसार, गेहूं की रोटी की जगह रागी रोटी खाने से कैलोरी कंट्रोल होती है. लंबे समय तक पेट भरा रहता है और ब्लड शुगर स्पाइक नहीं होता. बैलेंस डाइट और हल्की एक्सरसाइज के साथ रागी को नियमित रूप से अपने खाने में शामिल करने पर 1–2 किलो फैट लॉस हर महीने तक संभव माना जाता है. हालांकि, यह हर व्यक्ति के शरीर और लाइफस्टाइल पर निर्भर करता है.
अक्सर जो लोग रागी की रोटियां बनाते हैं तो उनका कहना होता है कि यह बहुत सख्त होती हैं. ऐसे में एक इंटरव्यू में शेफ संजीव कपूर ने बताया कि रागी रोटी हार्ड बनने की सबसे बड़ी वजह सही तरीका न अपनाना है. उनका कहना है, 'रागी के आटे में उबलता पानी, नमक और थोड़ा घी डालकर उसे ढककर रखना बेहद जरूरी है. लोग यही स्टेप छोड़ देते हैं और फिर शिकायत करते हैं कि रोटी हार्ड बनती है.'
मुंबई के वॉकहार्ट हॉस्पिटल्स में सीनियर डाइटिशियन रिया देसाई ने अनुसार, 'रागी, ज्वार और बाजरा जैसे मिलेट्स का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है और इनमें फाइबर भरपूर होता है. ये ब्लड शुगर को कंट्रोल करने, पेट भरा रखने और क्रेविंग कम करने में मदद करते हैं.'
अगर आप गेहूं की रोटी से ब्रेक लेकर कुछ हेल्दी अपनाना चाहते हैं, तो रागी रोटी एक बेहतरीन ऑप्शन है. सही तरीके से बनाई गई रागी रोटी न सिर्फ सॉफ्ट होती है, बल्कि वजन घटाने और डायबिटीज कंट्रोल में भी मददगार साबित हो सकती है. गेहूं की रोटी की जगह रागी रोटी खाने से हर महीने 1–2 किलो तक वजन घट सकता है, लेकिन इसके पीछे न्यूट्रिशन कारण है.
रागी में गेहूं की तुलना में कैलोरी कम और फाइबर ज्यादा होता है. ज्यादा फाइबर होने के कारण रागी देर से पचती है, जिससे पेट लंबे समय तक भरा रहता है और बार-बार खाने की इच्छा कम होती है. इससे कुल कैलोरी इनटेक अपने आप घट जाता है, जिससे वेट लॉस में फायदा मिलता है.
रागी का ग्लाइसेमिक इंडेक्स गेहूं से कम होता है, यानी यह ब्लड शुगर को धीरे-धीरे बढ़ाती है. इससे इंसुलिन स्पाइक कम होता है और शरीर में फैट स्टोर होने का प्रोसेस धीमा पड़ जाता है. यही वजह है कि डायबिटीज या प्रीडायबिटीज वाले लोगों के लिए रागी रोटी ज्यादा फायदेमंद मानी जाती है.
इसके अलावा, रागी में मौजूद कैल्शियम और आयरन मेटाबॉलिज्म को बेहतर बनाने में मदद करते हैं, जिससे फैट बर्न करने की शक्ति बढ़ती है. अगर कोई व्यक्ति रोज की डाइट में 2–3 गेहूं की रोटी की जगह रागी रोटी शामिल करें, तली-भुनी चीजों से परहेज रखें और थोड़ी फिजिकल एक्टिविटी करें, तो महीने में 1 से 2 किलो तक वजन कम होना संभव है.
आजतक लाइफस्टाइल डेस्क