Uttarkashi Cloudburst: उत्तरकाशी में जहां हुई तबाही, वहां स्कूल बंद... धराली में आज भी भारी बारिश का अलर्ट, बड़े अपडेट्स

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में भारी तबाही मची है. धराली में कुदरत का कहर बरपा है. सिर्फ 34 सेकेंड में उत्तरकाशी में खीरगंगा में मौत आई, लोगों को संभलने का भी मौका नहीं मिला.

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Rescue operation underway following flash floods triggered by a cloudburst in Dharali of Uttarkashi district, Uttarakhand (PTI Photo) Rescue operation underway following flash floods triggered by a cloudburst in Dharali of Uttarkashi district, Uttarakhand (PTI Photo)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 06 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 10:18 AM IST

उत्तराखंड के उत्तरकाशी ज़िले के धराली में मंगलवार को बादल फटने से अचानक बाढ़ आ गई, जिससे कई घर क्षतिग्रस्त हो गए या पानी में बह गए और भारी तबाही हुई. ये घटना धराली के ऊंचाई वाले गांवों में हुई. स्थानीय प्रशासन के अनुसार, इसमें कम से कम चार लोगों की मौत हो गई है जबकि 50 से ज्यादा लोग लापता है. राहत और बचाव के लिए सेना के साथ-साथ NDRF, SDRF, ITBP की टीमें जुटी है. जानकारी के मुताबिक अबतक 130 से ज्यादा लोगों का रेस्क्यू कर लिया गया है और सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. लेकिन इस इलाके में लगातार हो रही बारिश ने परेशानियां बढ़ा दी हैं.

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बारिश का अलर्ट, स्कूल भी बंद

एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, सेना और आईटीबीपी की टीमें मौके पर मौजूद हैं. हालात को देखते हुए धराली और हर्षिल में सभी शैक्षणिक संस्थान बंद कर दिए गए हैं और केवल आपातकालीन सेवाएं ही चालू रखी गई हैं. मौसम पूर्वानुमान एजेंसी के मुताबिक, दो दिन इस इलाके में और बारिश होने की संभावना है. जमीन पहले से ही भीगी होने के कारण, मध्यम बारिश भी नए फ्लैश फ्लड या भूस्खलन का कारण बन सकती है. प्रशासन ने अलर्ट जारी किया है और लोगों को सतर्क रहने व स्थानीय निर्देशों का पालन करने की सलाह दी है.

मौसम विभाग ने एक सेटेलाइट इमेज जारी की है. जिसमें जम्मू कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तर पश्चिम उत्तर प्रदेश, पूर्वी बिहार, गंगा के मैदानी क्षेत्र, पश्चिम बंगाल, उप हिमालयी पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तेलंगाना, मराठवाड़ा, कर्नाटक, कोंकण गोवा और लक्षद्वीप द्वीप क्षेत्र में बादलों का पहरा नजर आ रहे है. इन इलाकों में आज भी भारी से बहुत भारी बारिश का अलर्ट है.

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मुश्किल हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन

वहीं, स्काईमेट के मुताबिक, कम दबाव क्षेत्र का अवशेष, उत्तराखंड और पश्चिमी यूपी में कमजोर परिसंचरण के रूप में बना हुआ है. ‘ब्रेक मॉनसून’ की स्थिति में मॉनसून ट्रफ तराई क्षेत्रों में खिसक गया है और पश्चिमी विक्षोभ के आने से यह और सक्रिय हो गया है. इसके चलते आज भी कई जगहों पर तेज़ बारिश की संभावना है. बता दें कि बादल फटने के बाद पूरा का पूरा गांव मलबे में समा गया है. कई किलोमीटर दूर तक सड़कें तबाह हो गई हैं. जिससे रेस्क्यू ऑपरेशन में मुश्किलें आ रही हैं.

इसी बीच मुख्यमंत्री ने प्रभावित लोगों के लिए भोजन, आवास और दवाओं की तत्काल व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं. बचाव अभियान में तेज़ी लाने के लिए सेना से अतिरिक्त हेलीकॉप्टर मंगवाए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री ने संबंधित अधिकारियों को मंगलवार रात को ही प्रभावित क्षेत्र में बाधित संचार लाइनों को बहाल करने को कहा ताकि प्रभावित लोगों से संपर्क किया जा सके.

होटल, होमस्टे में प्रभावित लोगों का इंतजाम

धराली और हर्षिल क्षेत्र में प्रभावित लोगों को रेस्क्यू कर होटल, होमस्टे आदि में आवास, भोजन और दवाओं की व्यवस्था की गई है. धामी ने वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों को हर्षिल क्षेत्र में बन रही झील को जल्द से जल्द खोलने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने प्रभावितों को एयरलिफ्ट करने के लिए भारतीय वायुसेना के एमआई-17 विमान का इस्तेमाल करने के भी निर्देश दिए हैं. उन्होंने बेघर हुए लोगों के रहने के लिए अच्छी वैकल्पिक व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं.

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महज 34 सेकेंड में धराली में बरपा कुदरत का कहर

बता दें कि उत्तराखंड के उत्तरकाशी में भारी तबाही मची है. धराली में कुदरत का कहर बरपा है. सिर्फ 34 सेकेंड में उत्तरकाशी में खीरगंगा में मौत आई, लोगों को संभलने का भी मौका नहीं मिला. सबकुछ सामान्य गति से चल रहा था, लोग अपने घरों में थे. इसी इलाके में होटल, होम स्टे और लॉज बने हुए थे लेकिन अचानक से बादल फटने के बाद बहुत तेज गति से पानी आया और सबकुछ बर्बाद करता हुआ चला गया.

ताजा हुईं केदारनाथ जलप्रलय की यादें

इस घटना की कई वीडियो भी सामने आईं, कई विचलित करने वाले वीडियो में से एक में एक पीड़ित को यह कहते सुना गया, "सब कुछ खत्म हो गया है." घटना के भयावह वीडियो में कुछ लोग बाढ़ के पानी से अपनी जान बचाने के लिए भागते और चीखते हुए दिखाई दे रहे हैं, जो उनके करीब आ रहा है और अंततः उन्हें निगल रहा है. एक अन्य वीडियो में एक व्यक्ति कीचड़ भरे पानी में चलने की कोशिश करता हुआ दिखाई दे रहा है, लेकिन वह ऐसा करने में असमर्थ है. इस भीषण तबाही ने 2013 में केदारनाथ में आई जलप्रलय और 2021 की ऋषिगंगा आपदा की भयावह यादें ताजा कर दीं. 

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जिस प्रकार केदारनाथ में बाढ़ ने तीर्थयात्रियों से भरे स्थान को खामोश कर दिया था और ऋषिगंगा में काम का सामान्य दिन एक जल विद्युत परियोजना के सैकड़ों श्रमिकों के लिए घातक आपदा में बदल गया था, उसी प्रकार बादल फटने के बाद खीर गंगा नदी के उफनते पानी ने धराली में बड़े होटलों और घरों को बहा दिया और गंगोत्री के रास्ते में स्थित जीवंत स्थान को मलबे के ढेर के नीचे दफना दिया.

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