उत्तराखंड में फिर उठी मांग, IAS अफसरों की सीआर लिखने का मंत्रियों के पास हो अधिकार

कैबिनेट मीटिंग के दौरान मंत्री सतपाल महाराज ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सामने यह मुद्दा उठाया है. अन्य मंत्रियों ने भी यही मांग की. बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री इस मुद्दे पर जल्द कोई निर्णय ले सकते हैं.

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उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज (फाइल फोटो) उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज (फाइल फोटो)

दिलीप सिंह राठौड़

  • देहरादून,
  • 29 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 11:44 AM IST
  • उत्तराखंड के मंत्री सतपाल महाराज ने फिर की मांग
  • कैबिनेट मीटिंग में पुष्कर सिंह धामी से किया अनुरोध

उत्तराखंड सरकार में वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने एक बार फिर मंत्रियों के पास आईएएस अफसरों की सीआर लिखने के अधिकार की मांग की है. सतपाल महाराज ने मीडिया कर्मियों से बातचीत में कहा कि उन्होंने पहली कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से अनुरोध किया है कि ऐसे आईएएस अफसर जिनके विभागों में सचिव व अपर सचिव स्तर के अधिकारी शामिल होते हैं, मंत्रियों को उन अफसरों की कॉन्फिडेंशियल रिपोर्ट लिखने का अधिकार मिलना चाहिए. 

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दूसरे मंत्री भी सरकार से करें मांग

कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज का कहना है कि अन्य मंत्रियों को भी यह विषय सरकार के सामने लाना चाहिए. महाराज की मानें तो इससे एक अनुशासन आएगा. मंत्री के इस बयान के बाद ब्यूरोक्रेसी में हलचल मच गई है.

एनडी तिवारी के समय थी यह व्यवस्था

सतपाल महाराज पहले भी यह मांग कर चुके हैं. उनका कहना है कि अन्य राज्यों में इस तरह की व्यवस्था है. उत्तराखंड में एनडी तिवारी सरकार के समय यह व्यवस्था थी लेकिन बाद में इसे बंद कर दिया गया. इसे दुबारा शुरू किया जाना चाहिए. 

'मुख्यमंत्री उचित निर्णय लेंगे'

कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा और प्रेमचंद अग्रवाल ने भी उनकी मांग का समर्थन करते हुए इस व्यवस्था को जरूरी बताया. उन्होंने बताया कि पहली कैबिनेट में इस मुद्दे को मुख्यमंत्री के सामने रखा गया है. वह इस संबध में उचित निर्णय लेंगे. इसके पीछे की वजह काम में और अधिक पारदर्शिता और ब्यूरोक्रेसी पर नियंत्रण माना जा रहा है. पूर्व में इस तरह के विषय सामने आए हैं जब मंत्रियों की सचिवों के साथ बनी नहीं.

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2020 में भी उठाया था यह मुद्दा

- रेखा आर्या और आईएएस अफसर षणमुगम के बीच विवाद के बाद सतपाल महाराज ने सचिवों की सीआर लिखने का अधिकार मंत्रियों को दिया जाने की मांग की थी. उन्होंने कहा था कि ऐसा होने पर ही अफसर मंत्रियों की बात को तव्वजो देंगे. अभी यह अधिकार मुख्यमंत्री के पास है, यही वजह है कि मंत्रियों की बातों पर अफसर ध्यान नहीं देते हैं.
- सुबोध उनियाल ने कहा था कि मुख्य सचिव को यह आदेश जारी करना चाहिए कि अफसर अपनी सीआर संबंधित मंत्री से ही लिखवाएं.


 

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