केदारनाथ का 9 घंटे का सफर 36 मिनट में होगा पूरा! उत्तराखंड में बनेगा दुनिया का सबसे हाईटेक रोपवे

अडानी ग्रुप करीब 4 हजार करोड़ की लागत से रोपवे प्रोजेक्ट तैयार करने जा रहा है. बताया जा रहा है कि ये 12.9 किलोमीटर का रोपवे केदारनाथ की यात्रा को आसान बना देगा. जहां पहले केदारनाथ की यात्रा में करीब 9 घंटे का समय लग जाता है इस प्रोजेक्ट के तैयार होने के बाद 36 मिनट में यात्रा संभव होने का अनुमान लगाया जा रहा है.

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करीब 9 घंटे की केदारनाथ यात्रा अब 36 मिनट में संभव हो सकेगी (Photo: AI-Generated) करीब 9 घंटे की केदारनाथ यात्रा अब 36 मिनट में संभव हो सकेगी (Photo: AI-Generated)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 15 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 4:48 PM IST

पहाड़ों की गोद में बसा केदारनाथ धाम, हिमालय की ऊंचाइयों में स्थित एक ऐसा तीर्थ है जहां पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को न सिर्फ चढ़ाई करनी पड़ती है, बल्कि उन्हें बदलते मौसम, बारिश, बर्फबारी और कठिन रास्तों का भी सामना करना पड़ता है. यह यात्रा हिंदुओं की आस्था का प्रतीक है, लेकिन इसकी कठिनाई इसे कई बार चुनौतीपूर्ण बना देती है. खासकर बुजुर्गों, बच्चों के लिए यह यात्रा करना मुश्किल हो सकता है.

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अब इस यात्रा को आसान बनाने के लिए अडानी ग्रुप 4 हजार करोड़ से ज्यादा की लागत में 12.9 किलोमीटर लंबा रोपवे बनाने जा रहा है. इसमें सोनप्रयाग से केदारनाथ तक की यात्रा को 8 से 9 घंटे से घटाकर सिर्फ 36 मिनट में पूरा करने की बात कही जा रही है.

सोशल मीडिया पर शेयर की जानकारी
गौतम अडानी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर हुए एक वीडियो पोस्ट किया है. जिसमें लिखा है कि केदारनाथ धाम की कठिन चढ़ाई अब आसान होगी, अदाणी समूह श्रद्धालुओं की यात्रा को सरल और सुरक्षित बनाने के लिए यह रोपवे बना रहा है. इस पुण्य कार्य का हिस्सा बनना हमारे लिए गर्व की बात है.
 

वीडियो में दी गई है जानकारी
सोशल मीडिया पर शेयर की गई वीडियो में बताया गया है कि केदारनाथ यात्रा लाखों हिंदुओं की आस्था का केंद्र है, लेकिन कठिन, अप्रत्याशित रास्ते और लंबा समय इसे चुनौतीपूर्ण बनाते हैं. अब इसके लिए अडानी ग्रुप सुविधा को आस्था से जोड़ने का कदम उठा रहा है. अब 12.9 किलोमीटर लंबा केदारनाथ रोपवे की मदद से यात्रा का समय 8 से 9 घंटे से घटकर मात्र 36 मिनट होगा. हर घंटे 1 हजार 800 यात्री प्रति दिशा में यात्रा कर पाएंगे. इस रोपवे की गोंडोला में 35 सीटों की व्यवस्था होगी. और ये भारत का पहला 3S (Tricable) रोपवे बनेगा जो दुनिया की सबसे सुरक्षित और आधुनिक तकनीकों पर आधारित होगा.

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प्रकृति का ध्यान रखने की कही है बात
वीडियो में बताया गया है कि ये रोपवे समय बचाएगा और सुरक्षित सुगम यात्रा देगा. इसकी मदद से बुजुर्ग, बच्चे और महिलाएं आसानी से यात्रा कर पाएंगे, और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा. पहाड़ी क्षेत्रों में पर्यावरण संरक्षण चुनौती है, लेकिन अडानी ग्रुप ने सतत निर्माण, मंजूरी और स्थानीय भागीदारी का वादा किया है ताकि प्रकृति और आस्था का संतुलन बना रहे. जब आस्था की राह आसान और सुरक्षित होगी तब भारत की विरासत और मजबूत होगी.

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