उत्तराखंड के चमोली जिले के नंदानगर के कुंतरी लगा फाली गांव में बुधवार को अचानक आई बाढ़ ने भारी तबाही मचाई. इस तबाही के चलते कई लोग अपने घरों में ही दफन हो गए. इसी आपदा के दौरान दबने से जुड़वां बच्चों और उनकी मां की मौत हो गई. शुक्रवार को जब तीनों को निकाला गया तो जुड़वां बच्चे मां से चिपके हुए थे. इस दृश्य को देखते ही सभी की आंखें नम हो गईं.
रेस्क्यू के दौरान मां की छाती से चिपके मिले दोनों बच्चे
चमोली में जब आपदा (Chamoli Disater) आई तो कांता देवी अपने जुड़वां बच्चों के साथ मलबे में दफन हो गईं. रेस्क्यू टीम ने जब तीनों के शव निकाले तो दोनों बच्चे अपनी मां की छाती से चिपके थे. इस दृश्य को देखकर रेस्क्यू टीम सहित मौके पर मौजूद लोगों की आंखें नम हो गईं. साथ ही मौके पर मौजूद पूरा गांव बिलख उठा.
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कक्षा 4 में पढ़ते थे दोनों बच्चे
जानकारी के अनुसार दस वर्षीय विकाश और विशाल कक्षा 4 में पढ़ते थे. बुधवार को जब आपदा आई तो कांता देवी, कुंवर सिंह अपने जुड़वां बच्चे के साथ घर में थे. इस दौरान अचानक आई बाढ़ से सभी घर के अंदर फंस गए. रेस्क्यू टीम ने 42 वर्षीय कुंवर सिंह को तो 16 घंटे बाद मलबे से जीवित निकाल लिया था. लेकिन कुंवर सिंह जैसी किस्मत उनके जुड़वां बच्चे और पत्नी कांता देवी की नहीं रही. क्योंकि तीनों की मौत हो गई.
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आपको बता दें कि उत्तराखंड के चमोली जिले में बारिश से तबाह हुए गांवों से शुक्रवार को पांच और शव मिले. इसके साथ ही इलाके में भूस्खलन और बाढ़ से मरने वालों की संख्या बढ़कर सात हो गई है. अधिकारियों ने बताया कि गुरुवार को दो शव मिले थे. जिले में नंदानगर पहले से ही भू-धंसाव से जूझ रहा है. कुंतारी लगा फली से मिले शवों की पहचान देवेश्वरी देवी (65), कांता देवी (38) और उनके 10 वर्षीय बेटों विकास और विशाल के रूप में हुई है.
कमल नयन सिलोड़ी