चंदौली कांड: बंद कमरे में बेरहमी से पीटा, देखा तो फंदे पर लटकी मिलीं दीदी... छोटी बहन का दावा

यूपी के चंदौली में पुलिस ने हिस्ट्रीशीटर कन्हैया यादव के घर पर दबिश दी वहां उसकी दो बेटियां मिलीं. आरोप है कि पुलिस ने पूछताछ के नाम पर मारपीट की. बचने के लिए बड़ी बहन निशा पहली मंजिल पर चली गई. उसके पीछे पुलिस कर्मी पहुंच गए और उसके साथ मारपीट की.

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हिस्ट्रीशीटर कन्हैया यादव की छोटी गुंजा ने घटना के बारे में पूरी जानकारी दी. हिस्ट्रीशीटर कन्हैया यादव की छोटी गुंजा ने घटना के बारे में पूरी जानकारी दी.

aajtak.in

  • चंदौली,
  • 02 मई 2022,
  • अपडेटेड 5:15 PM IST
  • यूपी के चंदौली की घटना में चौतरफा घिरी UP पुलिस
  • हिस्ट्रीशीटर पिता को गिरफ्तार करने गई थी पुलिस

उत्तर प्रदेश के चंदौली में हिस्ट्रीशीटर कन्हैया यादव की बेटी निशा (21 साल) की मौत का मामला गरमा गया है. सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सीधे पुलिस पर हत्या के आरोप लगाए हैं. अखिलेश ने कहा कि संबंधित थाने के इंस्पेक्टर के खिलाफ धारा 302 का केस दर्ज किया जाए. इस मामले में घटना की प्रत्यक्षदर्शी और निशा की छोटी बहन गुंजा ने सनसनीखेज दावे किए हैं.

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गुंजा ने आज तक को बताया है कि पुलिस ने बहन को तब तक पीटा, जब तक कि उसकी मदद के लिए चीख-पुकार बंद नहीं हो गई. गुंजा ने कहा- घर में कोई नहीं था. 40 पुलिसवाले थे. इनमें महिला सिपाही भी थी. हम लोग छत पर थे. दरवाजा बंद था. पुलिस दरवाजा खोलकर अंदर घुस आई. जब हम लोगों (बड़ी बहन निशा और छोटी बहन गुंजा) ने विरोध किया तो मारपीट की गई. महिला और पुरुष पुलिसकर्मी पिटाई कर रहे थे. 

अंदर दीदी के साथ मारपीट करते रहे पुलिसवाले

दीदी अंदर भागी और ऊपर एक कमरे में पहुंचीं तो पीछे से महिला पुलिसकर्मियों के साथ जवान भी पहुंच गए. उन्होंने (पुलिस) वहां दीदी (निशा) के साथ मारपीट की. दीदी मदद के लिए चिल्ला रही थीं. मैंने आवाज लगाई कि सर क्या कर रहे हैं.. मत कीजिए. इसके बावजूद इन्होंने एक नहीं सुनी और दीदी के साथ मारपीट करते रहे. बाहर मेरे साथ भी मारपीट की जा रही थी. थोड़ी देर बाद दीदी की आवाज आना बंद हो गई. मैं पूछा तो मेरी बात का कोई जवाब नहीं दे रहा था. 

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नई साड़ी के फंदे से लटका मिला शव

मैं ऊपर आई तो देखा कि दीदी पंखे से लटकी थीं. बक्से से नई साड़ी निकालकर फंदा बनाया गया था. फंदे की गांठ बहुत ढीली थी. मैंने खुद फंदा खोला और दीदी को फर्श पर लिटाया. पल्स और हार्ट बीप चेक किया. पैर जमीन पर थे. पंखे ज्यादा ऊपर नहीं लगा है. गले में साड़ी थी. गुंजा का कहना था कि जब पुलिस वाले दरवाजा खोलकर अंदर आए तो हम लोगों ने पूछा कि बिना वारंट के कैसे आ गए. तो डांटने लगे और पिटाई शुरू कर दी. 

ना चोट, ना सुसाइड की पुष्टि तो मौत कैसे?

बता दें कि चंदौली में पुलिस की टीम हिस्ट्रीशीटर को पकड़ने के लिए दबिश देने के लिए गई थी. आरोप है कि जब पुलिस घर पहुंची तो वहां हिस्ट्रीशीटर की बड़ी बेटी निशा की हत्या कर दी. इस घटना को लेकर विपक्ष सरकार पर हमला कर रहा है. मृतक निशा की पोस्टमार्टम रिपोर्ट आ गई है. इसमें गंभीर चोट के निशान नहीं है. चार डॉक्टर के पैनल ने पीएम किया है. गले पर हल्के निशान हैं. जबड़े पर मामूली चोट के निशान हैं. सवाल उठ रहा है कि ना कोई गंभीर चोट है, ना सुसाइड की पुष्टि है तो फिर मौत कैसे हुई? 

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पीएम रिपोर्ट में हैंगिग भी नहीं

परिजन का कहना है कि पुलिस ने मारपीट कर फांसी के फंदे से लटका दिया, लेकिन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हैंगिंग नहीं आया. लड़की ने घर में फांसी लगाई लेकिन फांसी के फंदे से लटकते किसी बाहरी ने क्यों नहीं देखा. पुलिस की मारपीट में निशा घायल हो गई थी तो अस्पताल क्यों नहीं ले जाया गया? गले के सामने खरोंच और बांए जबड़े के नीचे आधा सेंटीमीटर की चोट कैसे आई? मौत का कारण साफ नहीं, इसलिए विसरा परीक्षण के लिए सुरक्षित रखा गया. बता दें कि जहर खाने से हुई मौत के मामले में विसरा परीक्षण के लिए सुरक्षित रखा जाता है.

हिस्ट्रीशीटर कन्हैया यादव को गिरफ्तार करने गई थी पुलिस

सैयदराजा थाना क्षेत्र के मनराजपुर गांव के रहने वाले कन्हैया यादव बालू का कारोबारी है. ऐसी भी चर्चा है कि कन्हैया यादव खनन माफियाओं से सांठगांठ कर बालू का अवैध कारोबार भी करता था. कन्हैया यादव का पुराना आपराधिक इतिहास है. आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे की ना सिर्फ कन्हैया यादव बल्कि उसके परिवार के सभी सदस्यों के खिलाफ अलग-अलग मामलों में मुकदमे दर्ज हैं. पुलिस उसकी तलाश में रविवार की शाम उसके घर पर दबिश देने गई थी. 

चंदौली एसपी ने सफाई में कहा... 

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चंदौली एसपी अंकुर अग्रवाल ने कहा कि पीएम रिपोर्ट में मौत के कारणों की पुष्टि नहीं हो पाई है. गले पर खरोंच और जबड़े में हल्के चोट के निशान हैं. इंटरनल और एक्सटर्नल किसी तरह की नई चोट नहीं है. घटना के रिक्रिएशन कर विशेषज्ञों से मदद की जाएगी. पुलिस सभी बिंदुओं की जांच कर रही है. जांच में अन्य पुलिसकर्मी दोषी पाए जाएंगे तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी.

मेरी बेटी की हत्या कर शव लटकाया: पिता

लड़की के पिता कन्हैया यादव ने आज तक से बातचीत में कई गंभीर आरोप लगाए. कहा- मेरी बेटी निशा को पुलिस वालों ने पहले बेरहमी से मारा और फिर हत्या कर लाश को कमरे में लटका कर भाग गए. मेरे ऊपर लगाए गए सभी केस फर्जी हैं. मैं कोई खनन माफिया नहीं हूं. मेरे पास बालू की दुकान लगाने का लाइसेंस है. जीएसटी अदा करता हूं. सिर्फ पुलिस ने वसूली के लिए मेरे ऊपर केस दर्ज करवाए. मुझसे थानेदार ने 10 हजार रुपए मांगना शुरू किए थे. मैंने मना किया और जिसके बाद यह सब शुरू हो गया. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में क्या आया नहीं पता, लेकिन मेरी बेटी के शरीर पर मारे जाने के निशान हैं. पीठ पर पिटाई के निशान हैं.

 

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