उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में बीते 10 जून को जुमे की नमाज के बाद प्रदर्शन के बाद शहर में हिंसा फैल गई थी. इस मामले में आरोपी AIMIM जिलाध्यक्ष मोहम्मद शाह आलम सहित कई आरोपियों पर केस दर्ज किया गया था. आरोप था कि शाह आलम ने प्रदर्शन के दौरान भीड़ को उकसाया था, जिसके बाद हिंसा फैल गई थी. बता दें कि शाह आलम की अग्रिम जमानत अर्जी कोर्ट ने खारिज कर दी है.
जानकारी के अनुसार, 10 जून को जुमे की नमाज के बाद प्रयागराज में हिंसा फैल गई थी. इस मामले में एआईएमआईएम के जिला अध्यक्ष मोहम्मद शाह आलम पर भीड़ को उकसाने का आरोप लगाया था, इसको लेकर पुलिस ने केस दर्ज किया था. अब एडीजे रत्नेश कुमार श्रीवास्तव ने अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी है. वहीं आरोपी उमर खालिद की भी अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर दी गई है.
मोहम्मद शाह आलम और उमर खालिद ने कोर्ट में दलील दी कि उन्हें झूठा फंसाया गया है. अभियोजन की दलील थी कि अपराध गैर जमानती और गंभीर प्रकृति का है. इसलिए जमानत निरस्त की जाए. बता दें कि प्रयागराज में हिंसा के बाद खुल्दाबाद थाने में केस दर्ज किया गया था. डीजीसी क्रिमिनल गुलाब चंद्र अग्रहरि ने यह जानकारी दी.
प्रयागराज में 10 जून को हुई हिंसा में आरोपी शाह आलम के घर पर प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने एक नोटिस भी चस्पा किया था. हिंसा में शाह आलम का नाम भीड़ को उकसाने में आया था. शाह आलम ओवैसी की पार्टी AIMIM के नेता भी हैं. प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने अवैध निर्माण किए जाने को लेकर नोटिस चस्पा किया था.
पंकज श्रीवास्तव