रामपुर से सपा के विधायक आजम खान शुक्रवार को जेल से बाहर आएंगे. सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद उनकी रिहाई का आदेश गुरुवार रात जिला कारागार पहुंच गया था. ऐसे में सीतापुर जेल का दरवाजा खुलते ही आजम खान बाहर आ गए हैं, जहां उनका वेलकम प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल यादव पहुंचे थे. ऐसे में सभी की निगाहें है कि 27 महीने के बाद जेल से बाहर आ रहे सपा के कद्दावर नेता और मुस्लिम चेहरा आजम खान से मुलाकात करने क्या पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव भी जाएंगे?
आजम खान को जमानत मिलते ही यूपी की सियासत तेज हो गई है. सीतापुर जेल से बाहर आते ही उनके सूबे की राजनीति नए मोड़ ले सकती है, क्योंकि आजम खान समर्थक अखिलेश यादव से नाराज चल रहे हैं. वहीं, शिवपाल यादव से लेकर दूसरे तमाम दल के नेता आजम खान को अपने पाले में लेने की कवायद में हैं.
सीतापुर की जेल से 27 महीने के बाद बाहर आ रहे आजम खान के स्वागत के लिए शिवपाल यादव से लेकर सपा विधायक आशु मलिक तक पहुंचे हैं. हालांकि, सभी की नजर अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव पर है कि क्या वे आजम खान से मिलने रामपुर जाएंगे, क्योंकि पिछले 27 महीनों में सपा प्रमुख ने महज एक बार शुरू में सीतापुर जेल में जाकर उनसे मुलाकात की थी. वहीं उनकी रिहाई के लिए सपा किसी तरह का कोई आंदोलन खड़ा नहीं कर सकी. अखिलेश यादव भले ही आजम की रिहाई पर जेल वेलकम करने न पहुंचे हों
अखिलेश पर क्या बोलीं आजम की पत्नी
आजम खान मामले में अखिलेश यादव की भूमिका के बारे में पूछे जाने पर आजम खान की पत्नी तंजीन फातिमा बोली वो आपके सामने है. मैं तो उनके (अखिलेश यादव) बारे में कुछ नहीं कहना चाहती हूं. आजम खान को न्याय मिला है, जिन लोगो ने हमारा साथ दिया है, घर आकर हमारी हिम्मत बढ़ाई है उनकी मैं शुक्रगुजार हूं. आजम खान सीतापुर जेल से रिहाई होने के बाद सीधे रामपुर पहुंचेंगे.
वहीं, आजम खान के जेल में रहते हुए उनके समर्थकों ने तो पहले ही अखिलेश यादव के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर कर दी थी. इतना ही नहीं अखिलेश पर आजम के करीबियों का आरोप लगाया था कि पार्टी के लिए खून-पसीना बहाने वाले मुस्लिम नेता की रिहाई के लिए अखिलेश यादव ने कोई प्रयास नहीं किया.
इस पर अखिलेश यादव ने कहा था कि वह आजम के परिवार से संपर्क में हैं और आजम के रिहाई के लिए कानूनी मदद कर रहे हैं. अखिलेश ने कहा था कि मैं व पार्टी दोनों हमेशा आजम खान के साथ हैं. वहीं, आजम खान के जेल से रिहा होने पर अखिलेश भले ही सीतापुर जेल मुलाकात करने के लिए न पहुंचे हों, लेकिन ट्वीट कर उनकी रिहाई का स्वागत जरूर किया है.
सपा के मुस्लिम चेहरा माने जाते आजम खान
बता दें कि आजम खान सपा के सबसे बड़े मुस्लिम नेता माने जाते हैं. 2022 के चुनाव में मुस्लिम मतदाताओं ने सपा के पक्ष में एकजुट होकर वोटिंग की थी, लेकिन चुनाव के बाद मुस्लिमों को तवज्जो नहीं मिली. इस तरह से मुस्लिमों की अनदेखी का आरोप अखिलेश यादव पर लगाया था. ऐसे में 10 बार के विधायक और लोकसभा-राज्यसभा के सांसद रह चुके आजम खान ऐसे समय पर जेल से बाहर आ रहे हैं, जब उनके करीबी पार्टी और खासकर अध्यक्ष अखिलेश यादव के खिलाफ मोर्चा खोल चुके हैं.
आजम खान को मौजूदा समय में यूपी का सबसे बड़ा मुस्लिम नेता माना जाता है और वो ना सिर्फ रामपुर बल्कि पूरे प्रदेश में अल्पसंख्यक समुदाय के वोटर्स पर उनकी मजबूत पकड़ है. मुस्लिमों के बीच सपा के सियासी आधार बढ़ाने में आजम खान की अहम भूमिका रही है. इसीलिए आजम खान को साधने के लिए शिवपाल यादव लगातार कोशिश कर रहे हैं. आजम खान के जेल में रहते हुए जाकर मुलाकात की थी तो अब जेल से बाहर उनके लिए स्वागत के लिए भी पहुंचे हैं.
अखिलेश ने क्या अपना दूत भेजा है?
अखिलेश यादव भले ही सीतापुर जेल आजम खान से रिहाई के दौरान वेलकम करने खुद न पहुंचे हों, लेकिन उन्होंने अपने दूत के तौर पर सपा विधायक आशु मलिक को जरूर भेजा है. आशु मलिक को मुलायम-अखिलेश का करीबी माना जाता है. माना जा रहा है कि अखिलेश यादव, आशु मलिक के जरिए आजम खान के मूड को मिजाज को भांपना चाह रहे, क्योंकि पिछले दिनों सपा विधायक रविदास मलहोत्रा से आजम खान ने सीतापुर जेल में मिलने से मना कर दिया था. ऐसे में अखिलेश यादव पहले आजम खान के मिजाज का अंदाजा लगा लेना चाहते हैं और फिर उसके बाद किसी तरह का कोई कदम बढ़ाना चाहते हैं.
आजम खान के बेटे से अखिलेश मिले थे
बता दें कि आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम खान इसी साल मार्च महीने में जब जेल से बाहर आए थे तो चुनावी सरगर्मी के बीच अखिलेश यादव ने उन्हें लखनऊ बुलाकर मुलाकात की थी और साथ में प्रेस कॉफ्रेंस किया था. अखिलेश ने चुनाव में रामपुर जाकर आजम खान के समर्थन में रैली और रोड शो किया था, जहां पर मंच पर उनके साथ अब्दुल्ला आजम थे. इस दौरान अब्दुल्ला को अपना छोटा भाई बताया था. ऐसे में अब निगाहें आजम खान के जेले बाहर आने के बाद अखिलेश पर है.
आजम खान क्या उठाएंगे सियासी कदम
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि आजम के बाहर आते ही सपा में राजनीतिक उठा पटक हो सकती. आजम खान की बगावत से अखिलेश यादव की परेशानी बढ़ सकती है, क्योंकि सपा के सबसे बड़े मुस्लिम नेता हैं. सपा के सामने उन्हें जोड़े रखने में चुनौती है. ऐसे में अखिलेश भले ही अपने चाचा शिवपाल यादव को कोई खास तवज्जो न दे रहे हों, लेकिन आजम खान के साथ किनारा नहीं करना चाहते हैं.
अखिलेश यादव अब क्या अपने पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान से 27 महीने के बाद मुलाकात करने रामपुर जाएंगे. सूबे में 2017 में योगी सरकार के आने के बाद आजम खान के लिए कानूनी शिकंजा कसना शुरू किया है तो एक के बाद एक 89 मामले दर्ज थे. 26 फरवरी 2020 को आजम खान ने अपने पत्नी और बेटे के साथ रामपुर अदालत में आत्म समर्पण किया था और उसके बाद से जेल में बंद थे. ऐसे में अब जब वो जेल से बाहर आए हैं तो क्या अखिलेश यादव उनसे मिलने जाएंगे.
आजम खान क्या मुलायम सिंह से मिलेगें
वहीं, आजम खान भी क्या सपा के संस्थापक और संरक्षक मुलायम सिंह यादव से मुलाकात करेंगे. आजम और मुलायम एक साथ मिलकर सपा की बुनियाद रखी की थी और पार्टी यादव-मुस्लिम समीकरण में इन्हीं दोनों नेताओं की ही अहम भूमिका रही है. ऐसे में सभी की निगाहें इस बात पर है कि आजम खान अब जेल से बाहर तो आ गए हैं तो क्या वो मुलायम सिंह से मुलाकात करेंगे.
आरजेडी के सुप्रीम लालू यादव ने जब पिछले साल अगस्त में जेल से बाहर आए थे तो मुलायम सिंह यादव के दिल्ली आवास पर जाकर मुलाकात की थी. इस दौरान अखिलेश यादव भी मौजूद थे. ऐसे में अब 27 महीने के बाद आजम खान जेल से बाहर आए हैं तो क्या मुलायम सिंह से मिलेंगे. एक बात तो साफ है कि आजम खान इन दिनों में सपा प्रमुख अखिलेश यादव से नाराज है और उनके बीच पुल का काम मुलायम सिंह यादव ही कर सकते हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि अखिलेश और मुलायम एक साथ आजम खान से मुलाकात करने का दांव चल सकते हैं, क्योंकि आजम खान की मिजाज से मुलायम बेहतर तरीके से वाकिफ हैं?
कुबूल अहमद