'साजिद अकरम ने 27 साल पहले हैदराबाद छोड़ दिया था', सिडनी हमलावरों के इंडिया कनेक्शन पर बोली तेलंगाना पुलिस

तेलंगाना पुलिस ने पुष्टि की है कि सिडनी के बॉन्डी बीच आतंकी हमले का एक हमलावर, साजिद अकरम, मूल रूप से हैदराबाद का था जो 27 साल पहले ऑस्ट्रेलिया चला गया था.. 15 लोगों की हत्या करने वाला साजिद 1998 में ऑस्ट्रेलिया गया था और भारतीय पासपोर्ट धारक था.

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मंगलवार को बॉन्डी बीच पर पहुंचकर लोगों ने मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित की (Photo-AP) मंगलवार को बॉन्डी बीच पर पहुंचकर लोगों ने मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित की (Photo-AP)

अब्दुल बशीर

  • हैदराबाद,
  • 16 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 7:51 PM IST

सिडनी के बॉन्डी बीच पर रविवार को हुए दहला देने वाले आतंकी हमले के आरोपी के भारतीय पासपोर्ट वाले कनेक्शन पर तेलंगाना पुलिस ने बयान जारी किया है. तेलंगाना पुलिस के महानिदेशक (DGP) ने एक प्रेस नोट जारी करते हुए कहा है कि हनुक्का उत्सव के दौरान अंधाधुंध गोलीबारी करने वाले दो हमलावरों में से एक- 50 वर्षीय साजिद अकरम, मूल रूप से हैदराबाद का रहने वाला था जो 27 साल पहले ऑस्ट्रेलिया चले गया था.

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इस बर्बर हमले में एक 10 साल की बच्ची और 87 साल के बुजुर्ग समेत कुल 15 निर्दोष लोगों की मौत हो गई थी. ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों ने इसे आईएसआईएस (ISIS) विचारधारा से प्रेरित आतंकवादी हमला घोषित किया है. 

हमले को साजिद अकरम और उसके 24 वर्षीय बेटे नवीद अकरम ने अंजाम दिया था. साजिद पुलिस की फायरिंग में मारा गया था. नावीद इस समय घायल है जिसका इलाज चल रहा है. 

कौन है साजिद अकरम?

तेलंगाना डीजीपी के प्रेस नोट के अनुसार, साजिद अकरम ने हैदराबाद से बी.कॉम की पढ़ाई पूरी की थी. वह करीब 27 साल पहले, नवंबर 1998 में रोजगार की तलाश में ऑस्ट्रेलिया चला गया था. वहां उसने एक यूरोपीय महिला वेनेरा ग्रोसो से शादी की और स्थायी रूप से वहीं बस गया. उनका बेटा नवीद (दूसरा हमलावर) और एक बेटी ऑस्ट्रेलिया में ही पैदा हुए और वे ऑस्ट्रेलियाई नागरिक हैं, जबकि साजिद आज भी भारतीय पासपोर्ट धारक है.

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यह भी पढ़ें: आरोपी को छह साल पहले क्लीन चिट, खड़ी देखती रही पुलिस... बॉन्डी अटैक से सामने आईं कई खामियां

पुलिस के मुताबिक, पिछले 27 वर्षों में साजिद का हैदराबाद में अपने रिश्तेदारों से संपर्क बहुत सीमित था. वह केवल छह बार संपत्ति या पारिवारिक मामलों के लिए भारत आया था. यहां तक कि अपने पिता की मृत्यु के समय भी वह भारत नहीं आया था. हैदराबाद में रहने वाले उसके परिवार के सदस्यों ने उसकी कट्टरपंथी सोच या गतिविधियों के बारे में कोई भी जानकारी होने से इनकार किया है.

तेलंगाना पुलिस ने स्पष्ट किया है कि 1998 में भारत छोड़ने से पहले साजिद अकरम के खिलाफ कोई प्रतिकूल रिकॉर्ड नहीं था. पुलिस का मानना है कि साजिद और उसके बेटे के कट्टरपंथी बनने का भारत या तेलंगाना के किसी स्थानीय प्रभाव से कोई संबंध नहीं है.

फिलीपींस में 'मिलिट्री ट्रेनिंग' का शक और भारतीय पासपोर्ट का इस्तेमाल

इस मामले में एक चौंकाने वाला खुलासा यह हुआ है कि हमले से कुछ ही हफ्ते पहले, बाप-बेटे की यह जोड़ी फिलीपींस गई थी. बीबीसी ने अधिकारियों के हवाले से बताया है कि वे 1 नवंबर से 28 नवंबर के बीच फिलीपींस में थे और ऐसी खबरें हैं कि वे वहां 'मिलिट्री-स्टाइल ट्रेनिंग' लेने गए थे. सबसे अहम बात यह है कि इस यात्रा के लिए साजिद अकरम ने अपने 'भारतीय पासपोर्ट' का इस्तेमाल किया, जबकि उसके बेटे नवीद ने ऑस्ट्रेलियाई पासपोर्ट का.

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