ये हैं भारत के पहले CM जिनका मेसी से होगा सामना, जान‍िए कैसे पॉलिट‍िक्स के साथ हो रही फुटबॉल प्रैक्ट‍िस

13 दिसंबर को हैदराबाद में लियोनेल मेसी और अनुमुला रेवंत रेड्डी के बीच एक फ्रेंडली फुटबॉल मैच होगा, जो सिर्फ खेल तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि राजनीतिक ब्रांडिंग का नया रूप भी पेश करेगा. रेवंत रेड्डी, जो खुद फुटबॉल खिलाड़ी रह चुके हैं, इस मैच के माध्यम से युवा पीढ़ी से जुड़ने और अपनी छवि को मजबूत करने की कोशिश कर रहे हैं.

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फाइलों से फुटबॉल तक...मैदान में तेलंगाना CM रेवंत रेड्डी फाइलों से फुटबॉल तक...मैदान में तेलंगाना CM रेवंत रेड्डी

टी एस सुधीर

  • हैदराबाद,
  • 02 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 2:47 PM IST

आजकल हर शाम हैदराबाद के MCRHRD  ग्राउंड में फ्लडलाइट्स के नीचे अनुमुला रेवंत रेड्डी जब फुटबॉल प्रैक्टिस करते दिखते हैं. वैसे ये सिर्फ किक मारने की तैयारी भर नहीं है, हकीकत में ये एक बड़ा मैसेज है. भारत के किसी मुख्यमंत्री ने ऐसा पहले कभी नहीं किया. 13 दिसंबर को लियोनेल मेसी हैदराबाद आएंगे और दोनों एक फ्रेंडली मैच में आमने-सामने होंगे. उस दिन सुर्खियां सिर्फ 'मेसी हैदराबाद में...' नहीं रहेंगी...  बल्क‍ि - 'मेस्सी vs रेवंत रेड्डी' ट्रेंड कर रहे होंगे!

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सच कहें तो मेसी जैसा G.O.A.T (ग्रेटेस्ट ऑफ ऑल टाइम) के सामने खुद को खड़ा करना हिम्मत का काम है. रेवंत जानते हैं कि उनकी हर मूव, हर पास, हर किक पर नजर होगी. मीम्स बनेंगे, ट्रोल्स आएंगे. इसीलिए हर शाम ऑफिशियल मीटिंग्स खत्म करने के बाद वो जर्सी पहनकर सीधे मैदान पर उतर जाते हैं और आधी रात तक पसीना बहाते हैं. हार भी जाएं तो मेस्सी से हारे हैं, बुरा नहीं. लेकिन तैयारी में कोई कमी नहीं छोड़ना चाहते. और अगर थोड़ा भी सम्मान बचा लिया तो भारत के मुख्यमंत्रियों के लिए नया बेंचमार्क तैयार हो जाएगा.

बता दें कि रेवंत जवानी में फुटबॉल खेलते थे. अब मौका मिला है तो वो F.A.S.T लेन में दौड़ लगा रहे हैं. F.A.S.T यानी Fit, Assertive, Strategic, Tough, असल में यही ब्रांड वो बनाना चाहते हैं. ये उनकी सरकार के 'तेलंगाना राइजिंग 2047' विजन में भी फिट बैठता है, जिसमें स्कूलों में खेल को करियर का रास्ता माना जा रहा है, डिस्ट्रैक्शन नहीं. इसलिए वो सिर्फ मुख्यमंत्री नहीं, मेसी के साथ-साथ तेलंगाना के एम्बेसडर भी बनना चाहते हैं.

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तेलंगाना में पहले भी रहे ख‍िलाड़ी नेता 

बता दें कि तेलुगू स्टेट्स में पहले भी स्पोर्ट्समैन नेता रहे हैं. अभी तेलंगाना के नए अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहम्मद अजहरुद्दीन हैं, हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी यूनिवर्सिटी टाइम में खतरनाक फास्ट बॉलर थे, आंध्र के आखिरी मुख्यमंत्री किरण कुमार रेड्डी हैदराबाद की तरफ से क्रिकेट खेल चुके हैं. लेकिन क्रिकेट और फुटबॉल में फर्क है. फुटबॉल हर किसी का खेल है. गली का बच्चा भी खेल लेता है. बस एक गेंद और थोड़ी सी जगह चाहिए.

Gen-Z तक क्या जाएगा सीएम रेड्डी का मैसेज

जब मुख्यमंत्री मैदान में उतरेंगे तो वो सिर्फ फिटनेस नहीं दिखा रहे होंगे, वो जेन-ज़ी से सीधा कनेक्ट कर रहे होंगे जो फुटबॉल को पागलपन की हद तक प्यार करते हैं. पसीना, मेहनत, टीमवर्क, स्ट्रैटेजी... सबका मैसेज जाएगा. एक एनर्जेटिक, आम आदमी जैसा नेता जो 'हममें से एक' है, ये इमेज बनेगी. लंबे-लंबे भाषणों से ज्यादा फुटबॉल के मैदान पर 90 मिनट में वो लाखों युवाओं का दिल जीत सकते हैं. इंस्टाग्राम जनरेशन को वायरल क्लिप्स चाहिए और रेवंत ठीक वही दे रहे हैं. 'सिर्फ काम नहीं, खेल भी' वाला सीएम वाली ये ब्रांडिंग नई है.

अभी तक हमने चंद्रबाबू नायडू को टेक टॉक करते देखा, केजरीवाल को स्कूल-हॉस्पिटल दिखाते देखा, स्टालिन को सोशल वेलफेयर स्कीम्स गिनाते देखा. रेवंत अलग हैं, वो रिबन काटने या फोटो खिंचवाने नहीं जा रहे, खुद खिलाड़ी बनकर मैदान में उतर रहे हैं. फुटबॉल उनके लिए ग्लोबल स्टेज पर छप्पर फाड़ छलांग लगाने का जरिया बन गया है. भारतीय राजनीति में स्पोर्ट्स की सॉफ्ट पावर को इस तरह पॉलिटिकल ब्रांडिंग के लिए इस्तेमाल होते पहले कभी नहीं देखा.

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क्या होगा पॉलिटिकल मैसेज

साथ ही एक पॉलिटिकल मैसेज भी है. पिछले बीआरएस रेजीम ने फॉर्मूला रेसिंग कराई थी, वो अमीरों का खेल माना जाएगा. अब फुटबॉल को गरीब का खेल बताकर रेवंत पॉलिटिकल गोल करने की तैयारी कर रहे हैं.  2026 समर में फुटबॉल वर्ल्ड कप से कुछ महीने पहले टाइमिंग परफेक्ट है. ये मैच हैदराबाद को सिर्फ आईटी हब नहीं, स्पोर्टिंग डेस्टिनेशन भी बनाएगा. जब भारत 2036 ओलंपिक होस्ट करने की दावेदारी कर रहा है, तब रेवंत हैदराबाद का नाम रिंग में डाल रहे हैं.

हैदराबाद के पुराने लोग तो फुटबॉल का ये दीवानापन अच्छे से समझते हैं. 1956 ओलंपिक में भारत चौथे स्थान पर रहा था, ऑस्ट्रेलिया को हराया था. उस टीम में हैदराबाद के आठ खिलाड़ी थे और कोच सैयद अब्दुल रहीम भी हैदराबादी थे. अब RR9 (रेवंत रेड्डी नंबर 9) और LM10 (लियोनेल मेसी नंबर 10) का आमना-सामना उस गोल्डन एरा को सलाम भी है. सही मायने में कहा जाए तो 13 दिसंबर को सिर्फ फुटबॉल मैच नहीं होने वाला... बल्क‍ि एक नया पॉलिटिकल ब्रांड जन्म लेने वाला है. 

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