पहले गुजरात, उत्तराखंड, कर्नाटक और अब त्रिपुरा... CM बिप्लब देब के इस्तीफे के पीछे की पूरी कहानी

Biplab Deb के त्रिपुरा के सीएम पद से इस्तीफा देने के बाद अब विधायक दल की बैठक में नया नेता चुना जाएगा.

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बिप्लब देव के काम से संगठन और विधायक खुश नहीं थे. (फाइल फोटो) बिप्लब देव के काम से संगठन और विधायक खुश नहीं थे. (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 14 मई 2022,
  • अपडेटेड 5:19 PM IST
  • सीएम बिप्लब देब का इस्तीफा
  • BJP ने फिर बदला सीएम

चुनाव से पहले बीजेपी ने एक और राज्य में मुख्यमंत्री बदलने का फैसला किया है. अब त्रिपुरा के सीएम बिप्लब देब (CM Biplab Deb) ने इस्तीफा दे दिया है. साल 2023 में इस राज्य में चुनाव होने हैं. लेकिन सीएम बिप्लब देब के खिलाफ जिस तरह से नाराजगी की खबरें आ रही थीं उसको देखते हुए बीजेपी आलाकमान ने उनसे इस्तीफा ले लिया है.

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इस्तीफे के बाद बिप्लब देब मीडिया के सामने आए और कहा कि 2023 की तैयारियों को लेकर संगठन को मजबूत करना है. संगठन के हित में इस्तीफा दिया है और अब वो बीजेपी के कार्यकर्ता के रूप में करेंगे. बिप्लब देब ने कहा, 'पीएम मोदी से बात हुई है और पार्टी का फैसला सर्वोपरि है'. 

फिलहाल अब खबर है कि त्रिपुरा का नया सीएम चुनने के लिए जल्दी पार्टी के विधायक दल की बैठक होने जा रही है. इसके लिए दिल्ली से बीजेपी महासचिव भूपेंद्र यादव और विनोद तावड़े को पर्यवेक्षक के तौर पर भेजा जा रहा है. त्रिपुरा का नया सीएम कौन होगा इसको लेकर अभी तक कोई भी नाम साफ नहीं है.

गौरतलब है कि बीजेपी ने त्रिपुरा में 25 साल पुरानी कम्युनिस्ट सरकार को हराकर राज्य में पहली बार सत्ता में आई थी. साल 2018 में हुए चुनाव में बीजेपी ने यहां प्रचंड जीत दर्ज की थी. बीजेपी ने यहां 35 और उसके सहयोगी दल  स्वदेशी पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) 8 सीटों पर कब्जा जमाने में कामयाब रही है. यानी 59 सीटों में 43 सीटें बीजेपी गठबंधन के खाते में गई थीं.

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लेकिन उत्तराखंड, गुजरात और कर्नाटक की तरह ही कार्यकर्ताओं और संगठन की नाराजगी को देखते हुए बीजेपी ने यहां भी मुख्यमंत्री बदलने में देर नहीं लगाई है. दरअसल त्रिपुरा से एक संदेश लगातार जा रहा था कि बिप्लब देब सरकार और संगठन के बीच समन्वय ठीक से बैठा नहीं पा रहे हैं. हाल ही में दो विधायक सुदीप राय और आशीष साह  पार्टी छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए.  इसके साथ ही बीजेपी के सहयोगी दल आईपीएफटी भी सीएम के काम करने के तरीके से खुश नहीं था.

 


 

 

 

 

 


 

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