नुसरत फतेह अली खान: कव्वाल से बढ़कर एक यादगार कंपोज़र भी, जिसने हॉलीवुड-बॉलीवुड में तहलका मचाया

पाकिस्तान-हिन्दुस्तान में अब भी नुसरत फतेह अली खान की कव्वालियों की बात होती है, क्योंकि वो शहंशाह-ए-कव्वाली हैं. हर माहौल-हर वक्त-हर पीढ़ी के हिसाब वाली कव्वालियां आज भी कानों को सुकून देती हैं. लेकिन एक कव्वाल से इतर अगर हम नुसरत फतेह अली खान के दूसरे पहलू को देखें तो बतौर म्यूज़िक कम्पोज़र उन्होंने कई ऐसे यादगार काम किए हैं, जो काफी ऐतिहासिक हैं. 

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माइकल ब्रूक और नुसरत फतेह अली खान (फोटो: Real Worlds Records) माइकल ब्रूक और नुसरत फतेह अली खान (फोटो: Real Worlds Records)

मोहित ग्रोवर

  • नई दिल्ली,
  • 16 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 10:28 AM IST
  • शहंशाह ए कव्वाली नुसरत फतेह अली खान की आज बरसी
  • 16 अगस्त, 1997 को लंदन में हुआ था निधन

कव्वाली के शहंशाह कहे जाने वाले पाकिस्तानी सिंगर नुसरत फतेह अली खान (Nusrat Fateh Ali Khan) को इस दुनिया से गए 24 साल पूरे हो गए हैं. (13 अक्टूबर 1948-16 अगस्त 1997) लेकिन आज भी नुसरत की कव्वालियां हर जगह गूंजती हुई सुनाई पड़ती हैं, सबसे खास बात ये है कि आज की युवा पीढ़ी भी उस पुराने ज़माने के कव्वाल को सुनना-समझना चाहती है. हालांकि, इस पीढ़ी के लिए सबसे बड़ा दुख यही होगा कि उन्होंने कभी नुसरत को लाइव नहीं सुन सका. 

16 अगस्त, 1997 को लंदन में इलाज के दौरान नुसरत फतेह अली खान का निधन हो गया था. मानो संगीत की दुनिया में उदासी छा गई हो, सिर्फ पाकिस्तान और हिन्दुस्तान ही नहीं बल्कि पश्चिमी देशों में भी नुसरत फतेह अली खान की अच्छी-खासी फैन फॉलोइंग थी, जो कव्वाली (Qawalli) के लाइव शो के अलावा हॉलीवुड की फिल्मों में आए कुछ बेहतरीन गानों-साउंडट्रैक से बनी थी या स्पेशल एलबम से पैदा हुई थी. 

पाकिस्तान-हिन्दुस्तान में अब भी नुसरत फतेह अली खान की कव्वालियों की बात होती है, क्योंकि वो शहंशाह-ए-कव्वाली हैं. हर माहौल-हर वक्त-हर पीढ़ी के हिसाब वाली कव्वालियां आज भी कानों को सुकून देती हैं. लेकिन एक कव्वाल से इतर अगर हम नुसरत फतेह अली खान के दूसरे पहलू को देखें तो बतौर म्यूज़िक कम्पोज़र उन्होंने कई ऐसे यादगार काम किए हैं, जो काफी ऐतिहासिक हैं. 

80 के दशक के आखिर और 90 के दशक की शुरुआत में जब नुसरत फतेह अली खान का जलवा पूरे एशिया में था, तब यूरोप और अमेरिका में भी वहां रह रहे हिन्दुस्तानी-पाकिस्तानी लोगों के बीच उनकी डिमांड थी. ये भी एक कारण रहा कि उस तरफ के लोगों में नुसरत के संगीत और उनकी आवाज़ के लिए रुचि बढ़ने लगी. 

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क्लिक करें: नुसरत फतेह अली खान: टॉफी के लालच में गाना सीखा, पिता की मौत ने बना दिया 'शहंशाह-ए-कव्वाली'

माइकल ब्रूक और नुसरत की जोड़ी ने रचा इतिहास...

कनाडाई गिटारिस्ट और कंपोज़र माइकल ब्रूक (Michael Brook) ने अपनी एक एल्बम में कुछ ऐसा सुर छेड़ा की सुनने वालों को उसमें एशियाई म्यूज़िक महसूस हुआ. उसके बाद माइकल ब्रूक की ओर से नुसरत फतेह अली खान के साथ काम करने की पेशकश की गई. कनाडा के गिटारिस्ट और एशिया के बादशाह की जोड़ी ने इसके बाद जो किया वो इतिहास बन गया, दोनों ने साथ आकर ‘Night Song’ एल्बम बनाई, जो उस वक्त की सबसे बड़ी हिट साबित हुई. इतना ही नहीं इस एल्बम को ग्रैमी अवॉर्ड्स का नॉमिनेशन भी मिला. माइकल ब्रूक और नुसरत फतेह अली खान की ये एल्बम आज भी सबसे बेहतरीन में से एक गिनी जाती है, यू-ट्यूब पर आप दोनों की जोड़ी को गिटार और हारमोनियम पर काम करते देख सकते हैं. 

माइकल ब्रूक के साथ एल्बम से इतर नुसरत फतेह अली खान का म्यूज़िक अमेरिकी और ब्रिटिश सिंगर-कंपोज़र्स के साथ परवान चढ़ रहा था. 80 के दशक के आखिर में पश्चिमी देशों में नुसरत फतेह अली खान के जो शो हो रहे थे, उसके पीछे म्यूजिशियन पीटर गैब्रिएल काम कर रहे थे. दोनों की जोड़ी इस तरह आगे बढ़ी कि नुसरत फतेह अली खान के म्यूज़िक की हॉलीवुड में एंट्री हो गई. 

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सदी के सबसे बेहतरीन फिल्म डायरेक्टर्स में गिने जाने वाले Martin Scorsese की फिल्म The Last Temptation of Christ (1988) में नुसरत फतेह अली खान के एक अलाप का इस्तेमाल हुआ है, जो फिल्माए गए सीन के दर्द को संजोने का काम करता है. ऐसी ही एक जोड़ी अमेरिकी सिंगर Eddie vedder के साथ नुसरत फतेह अली खान की बनी, फिल्म Dead Man Walking में दोनों ने साथ मिलकर काम किया. जिसमें The Face Of Love, The Long Road गानों का इस्तेमाल हुआ.  इनके अलावा भी नुसरत फतेह अली खान के म्यूज़िक, कव्वाली, अलाप आपको Natural Born Killers, Bend It Like Beckham जैसी फिल्मों में सुनाई पढ़ेंगे. यू-ट्यूब पर सर्च करने पर आपको इन्हें सुनने में मदद मिलेगी. 

बॉलीवुड के साथ भी रहा नुसरत का इतिहास...

अगर नई पीढ़ी को नुसरत फतेह अली खान और बॉलीवुड का कनेक्शन बताएं तो शायद ‘धड़कन’ फिल्म का दूल्हे का सेहरा और मेरे रश्क ए कमर गाना ही आसानी से याद आएगा. लेकिन वक्त-वक्त पर नुसरत फतेह अली खान ने बॉलीवुड के साथ काम किया है या उनके द्वारा कंपोज़ किए गए गानों का यहां पर इस्तेमाल किया गया है. 


साल 1981 में आई नाखुदा फिल्म में नुसरत फतेह अली खान के ‘हक अली मौला’ का इस्तेमाल हुआ था. इसके लंबे वक्त बाद शेखर कपूर की फिल्म बैंडित क्वीन में नुसरत का कंपोज़ किया ‘छोटी-सी उमर’ आया था. इसके बाद तो बॉलीवुड की कई फिल्मों में आपको नुसरत के गाने सुनने को मिल जाएंगे, जिसमें बॉबी देओल और ऐश्वर्या की फिल्म प्यार हो गया, या इनके अलावा कच्चे धागे, गम है या खुशी है जैसे गाने भी बनाए गए हैं. 

वहीं, नुसरत फतेह अली खान के कई ओरिजनल सॉन्ग को बॉलीवुड में कॉपी भी किया गया है. जिसमें दम मस्त कलंदर का तू चीज़ बड़ी है मस्त-मस्त शामिल है. वहीं अनु मलिक का ‘मेरा पिया घर आया’ सॉन्ग भी इसी लिस्ट में शामिल है. एक बार नुसरत फतेह अली खान से सवाल हुआ था कि बॉलीवुड में आपके गानों को सबसे बेहतरीन किसने कॉपी किया, जिसमें उन्होंने अनु मलिक का भी नाम लिया था. 

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