राजस्थान उपचुनाव: कौन मारेगा बाजी, गहलोत बनाम मोदी के मंत्री में कौन किस पर भारी?

राजस्थान की तीन सीटों पर हो रहा उपचुनाव मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए राजनीतिक तौर पर काफी अहम माना जा रहा है. इसी के चलते गहलोत ने अपने मंत्रियों को उपचुनाव की कमान सौंप रखी है. वहीं, बीजेपी के लिए भी उपचुनाव काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, जिसके लिए पीएम मोदी के मंत्री को जिम्मेदारी सौंपी गई है. इस तरह से उपचुनाव में गहलोत के मंत्री बनाम मोदी के मंत्री की राजनीतिक अग्रिपरीक्षा होगी? 

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नरेंद्र मोदी बनाम अशोक गहलोत नरेंद्र मोदी बनाम अशोक गहलोत

कुबूल अहमद

  • नई दिल्ली,
  • 08 अप्रैल 2021,
  • अपडेटेड 4:25 PM IST
  • बीजेपी की ओर से अर्जुन मेघवाल ने संभाली कमान
  • गहलोत ने तीन सीटों पर तीन मंत्री लगा रखे हैं
  • कांग्रेस की दो और एक सीट बीजेपी की रही है

राजस्थान की तीन विधानसभा सीट पर 17 अप्रैल को होने वाले चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी ने अपने-अपने सिपहसलारों को मोर्चा पर लगा दिया है. यह उपचुनाव मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लिए राजनीतिक तौर पर काफी अहम माना जा रहा है. इसी के चलते गहलोत ने अपने मंत्रियों को उपचुनाव की कमान सौंप रखी है. वहीं, बीजेपी के लिए भी उपचुनाव काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, जिसके लिए पीएम मोदी के मंत्री को जिम्मेदारी सौंपी गई है. इस तरह से उपचुनाव में गहलोत के मंत्री बनाम मोदी के मंत्री की राजनीतिक अग्रिपरीक्षा होगी? 

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बता दें कि राजस्थान की राजसमंद, सहाड़ा और सुजानगढ़ सीट पर उपचुनाव हो रहे हैं, जिनमें दो सीटें कांग्रेस तो एक सीट बीजेपी के पास रही है. राजसमंद सीट बीजेपी के विधायक किरण माहेश्वरी के निधन से रिक्त हुई है जबकि सहाड़ा सीट से कांग्रेस के विधायक कैलाश त्रिवेदी और सुजानगढ़ सीट से कांग्रेस विधायक मास्टर भंवर लाल मेघवाल के निधन के चलते उपचुनाव हो रहे हैं.

सहाड़ा सीट गायत्री देवी बनाम रतनलाल जाट
सहाड़ा विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने दिवंगत विधायक कैलाश त्रिवेदी की पत्नी गायत्री देवी को उतारा है तो बीजेपी ने पूर्व विधायक और बीज निगम के पूर्व अध्यक्ष डॉ रतनलाल जाट को प्रत्याशी बनाया. ऐसे में इस सीट को जीतने के लिए कांग्रेस ने सहानुभूति का दांव खेलने के साथ-साथ सीएम गहलोत ने अपने मंत्री रघु शर्मा को जिम्मेदारी सौंप रखी है. रघु सहाड़ा में लगातार डेरा जमाए हुए हैं. वहीं, बीजेपी ने इस सीट को कांग्रेस से जीतने के लिए मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग को मैदान में उतारा है. इसके अलावा भीलवाड़ा सांसद सुभाष बहेड़िया और चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी को मोर्चे पर लगा रखा है. 

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राजसमंद: दीप्ति माहेश्वरी बनाम तनसुख बोहरा
राजसमंद विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने तनसुख बोहरा को प्रत्याशी बनाया है तो बीजेपी ने दिवंगत विधायक किरण माहेश्वरी की बेटी दीप्ति माहेश्वरी को उतारा. यह बीजेपी की परंपरागत सीट मानी जाती है, जिसे बचाए रखने की जिम्मेदारी पार्टी ने नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और सासंद दिया कुमारी को सौंप रखी है. वहीं, बीजेपी से यह सीट छीनने के लिए कांग्रेस ने प्रभारी मंत्री उदयलाल आंजना और खान मंत्री प्रमोद जैन भाया को जिम्मेदारी सौंपी है. कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अजय माकन के लिए भी यह सीट महत्वपूर्ण है. इसीलिए इस सीट पर कांग्रेस कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती है.

सुजानगढ़: मेघावाल बनाम मेघवाल
सुजानगढ़ विधानसभा सीट पर कांग्रेस ने दिवंगत विधायक भंवरलाल मेघवाल के पुत्र मनोज मेघवाल को मैदान में उतारा है. भंवरलाल मेघवाल अशोक गहलोत सरकार में सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री थे. वहीं, बीजेपी ने पूर्व मंत्री खेमाराम मेघवाल को प्रत्याशी बनाया है. कांग्रेस अपनी सीट बरकरार रखने के लिए उच्च शिक्षा और प्रभारी मंत्री भंवर सिंह भाटी को सुजानगढ़ में लगातार रखा है. यह सीट भी कांग्रेस के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, जिसके चलते भाटी ने भी पूरी तरह से चुनावी किलेबंदी कर रखी है.

वहीं, यही सीट बीजेपी जीतने के लिए अपने सिपहसलारों को लगा रखा है, जिसमें मोदी कैबिनेट में मंत्री अर्जुन मेघवाल और उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ को लगाया है. राठौड़ का का यह गृह जिला है और पूरे जिले में उनका दबदबा है. साथ ही स्थानीय सांसद राहुल कस्वा को भी भूमिका सौंपी गई है. ऐसे में देखना है कि उपचुनाव में कौन किस पर पारी पड़ता है. 
 

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