भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच पंजाब के कई जिलों में गुरुवार रात अचानक ब्लैकआउट लागू कर दिया गया. अमृतसर, पठानकोट, फिरोजपुर, जालंधर, होशियारपुर और गुरदासपुर जैसे संवेदनशील इलाकों में बिजली गुल कर दी गई और लोगों से घरों के भीतर रहने की अपील की गई. चंडीगढ़ और हरियाणा के पंचकूला में भी देर रात करीब दो घंटे तक बिजली बंद रही. यह सब उस वक्त हुआ, जब पाकिस्तान की ओर से भारत के सैन्य ठिकानों पर ड्रोन और मिसाइल अटैक की कोशिश की गई, जिसे भारतीय सुरक्षा बलों ने सफलतापूर्वक नाकाम कर दिया.
एजेंसी के अनुसार, पंजाब सरकार और जिला प्रशासन की ओर से ब्लैकआउट को सुरक्षा के लिहाज से जरूरी बताया गया. पठानकोट के डिप्टी कमिश्नर आदित्य उप्पल ने लोगों से अपील कर कहा कि वे घरों में ही रहें और ब्लैकआउट प्रोटोकॉल का पालन करें. कई जगहों पर सायरन भी बजाए गए और खासकर सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा एजेंसियों की तैनाती बढ़ा दी गई.
गुरुवार रात रक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान की सेना ने जम्मू, पठानकोट, अमृतसर, श्रीनगर, अवंतिपुरा, कपूरथला, जालंधर, लुधियाना, आदमपुर, बठिंडा, चंडीगढ़, नल, फलोदी, उत्तरलाई और भुज समेत 15 से ज्यादा शहरों में भारतीय सैन्य ठिकानों को टारगेट करने की कोशिश की. हालांकि भारतीय वायुसेना ने अपनी सतर्कता और S-400 एयर डिफेंस सिस्टम की मदद से सभी हमलों को हवा में ही नष्ट कर दिया.
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इससे पहले बुधवार को भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पीओके और पाकिस्तान में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल मिसाइल स्ट्राइक की थी, जिसमें जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल जैसे संगठनों के ठिकाने ध्वस्त कर दिए गए थे. इसी के जवाब में पाकिस्तान ने यह कायराना हरकत करने की कोशिश की.
ब्लैकआउट और सायरन के बीच लोगों में बेचैनी तो रही, लेकिन उन्होंने कहा कि हमें अपनी भारतीय सेना पर पूरा भरोसा है. पठानकोट के रहने वाले बलविंदर सिंह ने कहा कि रात को बेचैनी जरूर हुई, लेकिन जैसे ही देखा कि सेना सतर्क है और हमले विफल हो गए हैं, तो राहत मिली.
अमृतसर और फिरोजपुर के ग्रामीण इलाकों में भी यही स्थिति रही. कई बुजुर्गों ने 1965 और 1971 की जंगों की यादें ताजा कीं और कहा कि यह पहला मौका नहीं है, जब उन्होंने इस तरह की तैयारी देखी हो. पंजाब सरकार ने अगले तीन दिन तक सभी शैक्षणिक संस्थानों को बंद रखने का आदेश दिया है. चंडीगढ़ में भी शनिवार तक स्कूल बंद रहेंगे. प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों से बचें और केवल आधिकारिक सूचनाओं पर ही भरोसा करें.
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