पंजाब में रेल सेवा और मालगाड़ियों के संचालन को लेकर राज्य सरकार और भारतीय रेलवे (Indian Railways) के बीच तनाव जारी है. एक तरफ जहां पंजाब सरकार का दावा है कि राज्य में मालगाड़ियों के परिचालन के लिए सभी रेलवे ट्रैक खाली करा दिए गए हैं. वहीं, रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ने दावा किया है कि राज्य में कई जगहों पर प्रदर्शनकारी किसान रेलवे ट्रैक पर डटे हुए हैं.
रेलवे के मुताबिक आंदोलनकारी किसानों ने रेल परिसर, प्लेटफॉर्म और रेलवे ट्रैक समेत विभिन्न स्थानों पर डेरा डाल रखा है. जिसकी वजह से ट्रेनों का संचालन नहीं हो पा रहा है. रेलवे ने शुक्रवार को प्रदर्शनकारी किसानों द्वारा बाधित की गई रेल पटरियों के मामले में पंजाब सरकार पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया है.
पंजाब में रेलवे परिचालन बाधित होने के मामले पर राज्य सरकार द्वारा जारी बयान के कुछ ही घंटे बाद रेलवे ने ट्वीट करके प्रतिक्रिया दी. बता दें कि पंजाब सरकार ने कहा था कि राज्य सरकार के मनाने पर 30 से ज्यादा किसान संगठनों ने मालगाड़ियों की आवाजाही के लिए राज्य में पटरियों को शुक्रवार को खाली कर दिया है. पंजाब में मालगाड़ियों की आवाजाही के लिए पूरा रेल नेटवर्क बिल्कुल साफ है.
वहीं, इससे पहले रेलवे बोर्ड के चेयरमैन वीके यादव ने कहा कि पंजाब सरकार प्रदेश में सभी स्थानों पर रेलवे पटरियों को खाली कराने में नाकाम रही है. 22 स्थानों पर रेलवे ट्रैक को खाली कराना अब भी बाकी है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि प्रदेश में ट्रेन सेवाओं की बहाली के लिए राज्य सरकार से 100 फीसदी सुरक्षा मंजूरी की जरूरत है.
बता दें कि किसान संगठनों ने हाल में पारित कृषि कानूनों के खिलाफ रेलवे पटरियों एवं स्टेशन परिसरों में प्रदर्शन शुरू किया था. जिसकी वजह से 24 सितंबर से ही रेल सेवा बाधित है. रेलवे के अनुसार रेल की पटरियों के आस-पास जारी आंदोलन की वजह से रेलवे को करोड़ों का नुकसान हो चुका है.
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