पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को बड़ा फैसला लिया और किसान आंदोलन में मारे गए शुभकरन सिंह (22 वर्ष) के परिवार को 1 करोड़ का चेक सौंपा है. सीएम मान ने परिवार को सरकारी नौकरी का नियुक्ति पत्र भी दिया है. पीड़ित परिवार मुख्यमंत्री आवास पर भगवंत मान से मुलाकात करने पहुंचा था.
दरअसल, पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर इसी साल फरवरी में किसानों का विरोध-प्रदर्शन चल रहा था. पुलिस झड़प के दौरान शुभकरण सिंह की खनुआरी बॉर्डर पर मौत हो गई थी. प्रदर्शनकारी किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की मांग को लेकर सरकार पर दबाव बनाने के लिए दिल्ली जाने के लिए अड़े थे.
मंगलवार को सीएम मान ने ट्वीट किया और लिखा, 'किसान आंदोलन के दौरान खनौरी बॉर्डर पर गोली लगने से युवा किसान शुभकरण सिंह की मौत हो गई थी. किसान के परिवार से मुलाकात की. वादे के मुताबिक परिवार को 1 करोड़ रुपए का चेक दिया और सरकारी नौकरी के लिए नियुक्ति पत्र. किसानों की अपनी सरकार हर दुख-सुख में किसानों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है और खड़ी रहेगी.'
झड़प में शुभकरण की मौत होने का दावा
किसानों के अनुसार, पंजाब के बठिंडा के 22 वर्षीय शुभकरण सिंह की हरियाणा पुलिस के साथ झड़प के दौरान मौत हो गई थी. किसानों ने आरोप लगाया था कि पुलिस द्वारा आंसू गैस के गोले दागे जाने से शुभकरण की मौत हो गई थी. हालांकि, पुलिस ने बॉर्डर पर किसी प्रदर्शनकारी की मौत की पुष्टि नहीं की थी.
पशुपालन का काम करता था शुभकरण
शुभकरण बठिंडा के बलोके गांव का रहने वाला था. उसके परिवार में दो बहनें, एक दादी और उसके पिता चरणजीत सिंह हैं, जो स्कूल वैन ड्राइवर के तौर पर काम करते हैं. शुभकरण पशुपालन का काम भी करते थे. युवा किसान के पास करीब 3 एकड़ जमीन थी और कुछ मवेशी भी थे. घटना के वक्त पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शुभकरण की मौत पर शोक जताया था और आश्वासन दिया कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
पथराव में 12 पुलिसवाले हो गए थे घायल
हरियाणा पुलिस ने दावा किया था कि खनौरी बॉर्डर पर हुई झड़प में 12 अधिकारी गंभीर रूप से घायल हो गए हैं. हालांकि, युवा किसान की मौत की पुष्टि नहीं की थी. हरियाणा पुलिस के एक अधिकारी ने बताया था कि हरियाणा के जींद की सीमा के निकट पंजाब के संगरूर जिले में स्थित खनौरी में लाठी और पत्थरों से हमला किया गया, जिसमें करीब 12 पुलिसकर्मी घायल हो गए.
वहीं, किसानों ने दावा किया था कि हरियाणा पुलिस के जवानों ने आंसू गैस के गोले के अलावा रबर की गोलियां भी चलाईं. हजारों किसान अपनी ट्रैक्टर-ट्रॉलियों और ट्रकों के साथ खनौरी और शंभू बॉर्डर पर डेरा डाले हुए थे और फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी और कृषि ऋण माफी सहित अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे थे.
अमन भारद्वाज