कांग्रेस ने अपने सांसद शशि थरूर के उस बयान से दूरी बना ली है, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वैश्विक मंच पर एनर्जी, सक्रियता और संवाद की इच्छा को भारत की प्रमुख संपत्ति (प्राइम एसेट) बताया था. ये टिप्पणी शशि थरूर ने ऑपरेशन सिंदूर से जुड़ी एक रिपोर्ट में की थी, जो सोमवार को एक अखबार में प्रकाशित हुई थी.
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि यह उनकी (शशि थरूर की) निजी राय हो सकती है, लेकिन यह कांग्रेस पार्टी की राय नहीं है. यह कांग्रेस का विचार नहीं है, हमने प्रधानमंत्री की विदेश नीति और कार्यशैली पर तथ्यों और प्रमाणों के आधार पर अपनी बात रखी है.
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US ट्रैवल एडवाइजरी पर भी निशाना
सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि अमेरिका द्वारा भारत के लिए ट्रैवल एडवाइजरी जारी करना देश की छवि को धूमिल करने वाला कदम है, और भारत सरकार को इसका कड़ा विरोध दर्ज कराना चाहिए. उन्होंने केंद्र की विदेश नीति को पूरी तरह फेल बताया.
शशि थरूर ने दिया स्पष्टीकरण
बता दें कि मॉस्को (रूस) में एक कार्यक्रम के दौरान शशि थरूर ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि उनके लेख को बीजेपी में शामिल होने की मंशा के रूप में न देखा जाए. उन्होंने कहा कि ये लेख राष्ट्रीय एकता और भारत के हित में खड़ा होने की भावना से प्रेरित था, न कि किसी पार्टी में शामिल होने के इरादे से लिखा गया था. शशि थरूर ने अपने लेख में ऑपरेशन सिंदूर के बाद की राजनयिक पहलों की तारीफ की और कहा कि यह भारत की दृढ़ता और प्रभावशाली संवाद का उदाहरण है.
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बीजेपी ने शेयर किया लेख
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने शशि थरूर के लेख को X पर शेयर किया, जिसे कांग्रेस में संभावित मतभेद के संकेत के रूप में देखा जा रहा है. एजेंसी के मुताबिक राजनीतिक विश्लेषकों ने कहा कि शशि थरूर के बयान से पार्टी नेतृत्व के साथ उनके संबंधों में दरार और गहराने की संभावना है, खासकर तब जब कांग्रेस मोदी सरकार की विदेश नीति को लगातार विफल बता रही है.
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