World Press Freedom Index में भारत 150वें पायदान पर लुढ़का, चीन-पाकिस्तान में और भी बुरे हाल

प्रेस की स्वतंत्रता के मामले में पाकिस्तान 157वें, श्रीलंका 146वें, बांग्लादेश 162वें, म्यांमार 176वें और चीन 175वें नंबर पर है. 'रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स' (आरएसएफ) के मुताबिक, इस साल नार्वे पहले नंबर पर है. जबकि डेनमार्क दूसरे, स्वीडन तीसरे, एस्टोनिया चौथे और फिनलैंड 5वें नंबर पर है.

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प्रेस की आजादी के मामले में भारत 150वें पायदान पर पहुंच गया प्रेस की आजादी के मामले में भारत 150वें पायदान पर पहुंच गया

गीता मोहन

  • नई दिल्ली,
  • 04 मई 2022,
  • अपडेटेड 1:56 PM IST
  • भारत पिछले साल 142वीं रैंक पर था
  • प्रेस की आजादी के मामले में नेपाल भारत से आगे

World Press Freedom Index यानी प्रेस की आजादी के मामले में भारत 150वें पायदान पर पहुंच गया है. 180 देशों की इस लिस्ट में भारत पिछले साल 142वीं रैंक पर था. इतना ही नहीं भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान और चीन प्रेस की आजादी के मामले में और पीछे हैं. नार्वे इस लिस्ट में पहले नंबर पर है. 

वैश्विक मीडिया निगरानीकर्ता की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रेस की आजादी के मामले में नेपाल में भारत, चीन और पाकिस्तान से काफी अच्छी स्थिति है. नेपाल इस लिस्ट में 30 अंक चढ़कर 76 वे नंबर पर पहुंच गया है. पिछले साल नेपाल 106वें पायदान पर था.

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PAK भारत से पीछे

रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान का नंबर भारत से पीछे है. प्रेस की स्वतंत्रता के मामले में पाकिस्तान 157वें, श्रीलंका 146वें, बांग्लादेश 162वें, म्यांमार 176वें और चीन 175वें नंबर पर है.

'रिपोर्टर्स विदाउट बॉर्डर्स' (आरएसएफ) के मुताबिक, इस साल नार्वे पहले नंबर पर है. जबकि डेनमार्क दूसरे, स्वीडन तीसरे, एस्टोनिया चौथे और फिनलैंड 5वें नंबर पर है. जबकि इस लिस्ट में आखिरी नंबर उत्तरी कोरिया का है. उत्तर कोरिया 180वें नंबर पर है.

प्रेस की आजादी के मामले में रूस 155वीं रैंक पर है. वहीं, पिछले साल रूस 150वें नंबर पर था. चीन इस बार दो पायदान ऊपर चढ़ा है. चीन पिछले साल 177वे नंबर पर था. 
 
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय अधिकारियों को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का सम्मान करना चाहिए. साथ ही आलोचनात्मक रिपोर्टिंग के लिए, राजनीति से प्रेरित आरोपों में हिरासत में लिए गए पत्रकारों को रिहा करना चाहिए. उन्हें निशाना बनाना और स्वतंत्र मीडिया का गला घोंटना बंद करना चाहिए. 

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बयान में आगे कहा गया है कि अधिकारियों द्वारा पत्रकारों को निशाना बनाने के साथ-साथ असहमति पर कार्रवाई से हिंदू राष्ट्रवादी ऑनलाइन और ऑफलाइन, दोनों तरह से भारत सरकार की आलोचना करने वाले पत्रकारों को धमकाने, परेशान करने और दुर्व्यवहार करने के लिए प्रोत्साहित हुए हैं. 

World Press Freedom Index पर प्रतिक्रिया देते हुए  भारत के तीन पत्रकार संगठनों ने संयुक्त बयान जारी कर कहा, नौकरी की असुरक्षा बढ़ी हैं, वहीं प्रेस की स्वतंत्रता पर हमलों में तेजी से वृद्धि देखी गई है. भारत ने रैंकिंग में बहुत अच्छा प्रदर्शन नहीं किया. 

 

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