दुनियाभर में कोरोना वायरस (Coronavirus) की रोकथाम के लिए तेजी से टीकाकरण अभियान चल रहा है. भारत में भी करोड़ों लोगों को कोरोना की डोज लगाई जा चुकी है. कोरोना वैक्सीन की सीमित मात्रा में उपलब्धता के बीच डब्ल्यूएचओ की रीजनल डायरेक्टर डॉ. पूनम खेत्रपाल सिंह ने अहम जानकारी दी है. उन्होंने कहा है कि कोवैक्स प्रोग्राम (Covax) के जरिए भारत को मॉर्डना वैक्सीन (Moderna Vaccine) की 75 लाख डोज दिए जाने की पेशकश की गई है.
हालांकि, अभी यह साफ नहीं हो सका है कि देश में ये टीके कब उपलब्ध होंगे, क्योंकि डब्ल्यूएचओ ने कहा कि टीकों की उपलब्धता इंडेम्निटी क्लॉज के क्लीयरेंस के अधीन है. डॉ. पूनम ने आगे कहा कि कोरोना का डेल्टा वैरिएंट 100 से अधिक देशों में फैल गया है. जिस तरह से यह फैल रहा है, उससे जल्द ही विश्व स्तर पर सबसे प्रमुख कोविड-19 स्ट्रेन बन जाएगा. चिंता के सभी स्वरूपों में डेल्टा सबसे तेजी से फैलता है.
बता दें कि भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के तबाही मचाने के बाद तेजी से वैक्सीन्स को इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी दी जा रही है. पिछले महीने ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने मॉडर्ना वैक्सीन को भी इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दे दी थी. वैक्सीन की डोज भारतीय दवा निर्माता कंपनी सिप्ला द्वारा आयात की जाएगी.
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वहीं, नीति आयोग के सदस्य डॉ वी के पॉल ने हाल ही में कहा था कि सरकार मॉडर्न के साथ सक्रिय रूप से काम कर रही है ताकि यह पता चल सके कि देश में इसकी कोविड -19 वैक्सीन कैसे और कब उपलब्ध कराई जा सकती है.
उन्होंने कहा था, "... अनुबंध की बारीकियों पर बातचीत चल रही है. चर्चा अभी तक समाप्त नहीं हुई है. हम प्रयास कर रहे हैं कि यह जल्द से जल्द हो. अब हम उनसे किसी भी समय हां सुनने की उम्मीद कर रहे हैं.''
सूत्रों के मुताबिक, भारत सरकार ने इंडेम्निटी क्लॉज कॉन्ट्रैक्ट को अंतिम रूप देने के लिए कुछ शर्तें रखी हैं और इसे अमेरिकी दवा निर्माता को भेज दिया गया है. बता दें कि देश में अब तक 41 करोड़ से अधिक कोरोना वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी हैं.
मिलन शर्मा