डेस्टिनेशन वेडिंग पर विदेशों में खर्च हो रहे 1 लाख करोड़ रुपये कैसे बच सकते हैं? एक्सपर्ट ने बताया तरीका

CAIT के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और सचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि भारत के विभिन्न राज्यों के लगभग 100 प्रमुख शहरों और उनके आसपास 2 हजार से अधिक ऐसे स्थान हैं, जहां बड़े धूमधाम से डेस्टिनेशन वेडिंग की जा सकती हैं. उन्होंने कहा कि एक अनुमान के मुताबिक हर साल विदेश में लगभग 5 हजार डेस्टिनेशन शादियां होती हैं, जिसका खर्च 75 हजार करोड़ रुपये से 1 लाख करोड़ रुपये के बीच होने का अनुमान है.

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ऐश्वर्या पालीवाल

  • नई दिल्ली,
  • 09 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 7:12 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेक इन इंडिया की तर्ज पर "वेड इन इंडिया" का आह्वान किया है. इस विचार को कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने दूरदर्शी बताया है. क्योंकि इससे देश से बाहर जाने वाले मुद्रा के अनावश्यक प्रवाह पर अंकुश लगेगा. बता दें कि 26 नवंबर को पीएम मोदी ने 'मन की बात' कार्यक्रम के दौरान पहली बार वेड इन इंडिया का जिक्र किया था. पीएम के आह्वान के बाद CAIT देशभर के व्यापारियों और नागरिक समाज के बीच भारत के डेस्टिनेशन वेडिंग को प्रोत्साहित करने के लिए एक अभियान चला रहा है.

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CAIT के मुताबिक विदेश में भारतीयों द्वारा डेस्टिनेशन वेडिंग के बारे में अभी तक कोई आधिकारिक सर्वेक्षण नहीं हुआ है, लेकिन एक अनुमान के मुताबिक हर साल विदेश में लगभग 5 हजार डेस्टिनेशन शादियां होती हैं, जिसका खर्च 75 हजार करोड़ रुपये से 1 लाख करोड़ रुपये के बीच होने का अनुमान है.

CAIT के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया और सचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि भारत के विभिन्न राज्यों के लगभग 100 प्रमुख शहरों और उनके आसपास 2 हजार से अधिक ऐसे स्थान हैं, जहां बड़े धूमधाम से डेस्टिनेशन वेडिंग की जा सकती हैं. 

ऐसे प्रमुख शहरों में गोवा, महाराष्ट्र में लोनावला, महाबलेश्वर, मुंबई, शिरडी, नासिक, नागपुर, गुजरात में द्वारका, अहमदाबाद, सूरत, बड़ौदा, मध्य प्रदेश में ओरछा, ग्वालियर, उज्जैन, भोपाल, इंदौर, जबलपुर, राजस्थान में जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, जैसलमेर, पुष्कर, उत्तर प्रदेश में मथुरा, वृन्दावन, आगरा, वाराणसी, कानपुर, दक्षिण भारत में चेन्नई, यादगिरी हिल, ऊटी, बेंगलुरु, हैदराबाद, तिरूपति, कोच्चि, त्रिची, कोयम्बटूर, पॉन्डिचेरी, दिल्ली के अलावा, नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम, मानेसर, बहादुरगढ़, NCR में फरीदाबाद और पंजाब-हरियाणा में चंडीगढ़, मोहाली, अमृतसर और जम्मू.

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भरतिया और खंडेलवाल ने बताया कि अमीर लोगों का एक वर्ग विदेशों में डेस्टिनेशन वेडिंग कर रहा है, जो देश में शादी समारोह करने के बजाय विदेश में शादी करना अपनी शान समझते हैं. जिससे भारत का बड़ा व्यवसाय विदेशों में ट्रांसफर हो रहा है. जबकि भारत में ही बड़ी संख्या में ऐसी जगहें हैं, जहां धूमधाम से डेस्टिनेशन वेडिंग की जा सकती है. अगर अमीर वर्ग विदेश की बजाय इन जगहों पर डेस्टिनेशन वेडिंग करने लगे, तो बाकी लोग भी उन्हें फॉलो करने लगेंगे. नतीजा ये होगा कि शादियों पर खर्च होने वाला पैसा देश में ही रहेगा. 

उन्होंने बताया कि ये सभी जगह मीडियम बजट से लेकर बड़े बजट तक की डेस्टिनेशन वेडिंग करने में पूरी तरह सक्षम हैं. ऐसी कई कंपनियां हैं, जो शादियों के आयोजन के लिए सामान्य से लेकर विशेष सुविधाएं और व्यवस्थाएं प्रदान करती हैं. पिछले कुछ वर्षों में भारत में एक बड़ा नेटवर्क विकसित हुआ है और यही कारण है कि शादी से संबंधित सेवाएं देश में एक बड़ा व्यवसाय बन गया है. चाहे देश में डेस्टिनेशन वेडिंग हो या विदेश में, ये कंपनियां या ग्रुप इसे संपन्न कराने में अव्वल रहते हैं. 

उन्होंने कहा कि हर साल देश में अलग-अलग जगहों पर होने वाली डेस्टिनेशन वेडिंग अपनी भव्यता या अपनी खासियतों के कारण चर्चा का विषय बन जाती हैं, जिससे यह साबित होता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भारत का पैसा देश में ही खर्च करने का आह्वान कितना सार्थक है. यदि डेस्टिनेशन वेडिंग हमारे ही देश में होंगी, तो न केवल भारतीय मूल्य विकसित होंगे, बल्कि देश के व्यापार और अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा और बड़ी मात्रा में स्थायी और अस्थायी रोजगार भी उपलब्ध होगा. 

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