भारत में मौसम के कई रूप नजर आ रहे हैं. देश के पहाड़ी राज्यों में बर्फबारी के हालात बने हुए हैं तो वहीं मैदानी इलाके लू की चपेट में हैं. मौसम विभाग की मानें तो 2 मई को महाराष्ट्र, गुजरात, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, रायलसीमा, तेलंगाना और ओडिशा के अधिकतर हिस्सों में हीटवेव चलने की आशंका है. वहीं अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नागालैंड, मिजोरम, त्रिपुरा और मणिपुर में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है.
दिल्ली का मौसम
आईएमडी ने दिल्ली में 3 मई तक तेज हवाओं का अलर्ट जारी किया है. वहीं 4 और 7 मई को दिल्ली में गरज-चमक के साथ हल्की बारिश होने की संभावना है. IMD के मुताबिक, इस पूरे हफ्ते दिल्ली का अधिकतम तापमान 37 से 40 डिग्री सेल्सियस के बीच रह सकता है और न्यूनतम तापमान 20 से 25 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है.
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देश के मौसम का हाल
मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट के अनुसार, अगले 24 घंटों के दौरान गिलगित-बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद, लद्दाख, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में हल्की बारिश और छिटपुट बर्फबारी हो सकती है. वहीं अरुणाचल प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी संभव है. पूर्वोत्तर भारत में कुछ स्थानों पर हल्की बारिश हो सकती है.
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इसके अलावा केरल और दक्षिणी तमिलनाडु में हल्की छिटपुट बारिश हो सकती है. गंगीय पश्चिम बंगाल में कई स्थानों पर और उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, बिहार और सौराष्ट्र और कच्छ में कुछ स्थानों पर लू की स्थिति हो सकती है. वहीं झारखंड, केरल, कोंकण और गोवा और रायलसीमा के कुछ हिस्सों में लू की स्थिति हो सकती है.
देश की मौसमी गतिविधियां
मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट के मुताबिक, चक्रवाती परिसंचरण के रूप में पश्चिमी विक्षोभ अब जम्मू कश्मीर और उससे सटे पाकिस्तान के ऊपर समुद्र तल से 3.1 से 5.8 किलोमीटर ऊपर है. वहीं चक्रवाती परिसंचरण उत्तरपूर्वी असम पर समुद्र तल से 1.5 से 3.1 किलोमीटर ऊपर बना हुआ है. ट्रफ रेखा बिहार से मणिपुर तक उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और दक्षिण असम तक फैली हुई है.
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इसके अलावा दक्षिण-पूर्व मध्य प्रदेश से लेकर विदर्भ, मराठवाड़ा और उत्तरी आंतरिक कर्नाटक से गुजरते हुए दक्षिण आंतरिक कर्नाटक तक एक ट्रफ/हवा का विच्छेदन औसत समुद्र तल से 1.5 किमी ऊपर तक फैला हुआ है. दक्षिणी तमिलनाडु और आसपास के इलाकों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है. वहीं 3 मई की रात से एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालय क्षेत्र के करीब पहुंचने की संभावना है.
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