'जिन्ना ने वंदे मातरम् का विरोध किया, बचाव के बजाय नेहरू ने टेके घुटने...', लोकसभा में PM मोदी के संबोधन की बड़ी बातें

लोकसभा में 'वंदे मातरम्' की 150वीं वर्षगांठ पर पीएम मोदी ने विशेष चर्चा की शुरुआत की. उन्होंने गीत की सांस्कृतिक जड़ों, स्वतंत्रता संग्राम में इसकी प्रेरक भूमिका और अंग्रेजों की बांटो-राज करो नीति के खिलाफ इसकी ताकत को रेखांकित किया. पीएम ने कहा कि वंदे मातरम् आज भी नए भारत की ऊर्जा और संकल्प का आधार है. पढ़ें लोकसभा में पीएम मोदी के संबोधन की बड़ी बातें...

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लोकसभा में पीएम मोदी ने 'वंदे मातरम्' पर चर्चा की शुरुआत की. (Photo- X/BJP) लोकसभा में पीएम मोदी ने 'वंदे मातरम्' पर चर्चा की शुरुआत की. (Photo- X/BJP)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 08 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:06 PM IST

लोकसभा में 'वंदे मातरम्' की 150वीं वर्षगांठ पर पीएम मोदी ने एक विशेष चर्चा की शुरुआत की. अपने संबोधन में उन्होंने राष्ट्रगीत के ऐतिहासिक महत्व, इसकी सांस्कृतिक जड़ों, स्वतंत्रता संग्राम में इसकी भूमिका और आज के भारत पर इसके प्रभाव को विस्तार से समझाया. पीएम मोदी ने कहा कि वंदे मातरम् सिर्फ एक गीत नहीं है, यह वह ऊर्जा है जिसने गुलामी के अंधकार में भी देश को हिम्मत, एकता और संकल्प की ताकत दी.

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कांग्रेस पर साधा निशाना: लोकसभा में वंदे मातरम् पर चर्चा के दौरान पीएम मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि 15 अक्टूबर 1936 को मोहम्मद अली जिन्ना ने वंदे मातरम् के खिलाफ नारा दिया, और कांग्रेस नेतृत्व तुरंत दबाव में आ गया. पीएम के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष जवाहरलाल नेहरू ने जिन्ना का जवाब देने के बजाय वंदे मातरम् की पृष्ठभूमि पर सवाल उठाने शुरू कर दिए. नेहरू ने नेताजी को पत्र लिखकर कहा कि 'आनंदमठ' की पृष्ठभूमि मुस्लिमों को आहत कर सकती है. इसके बाद कांग्रेस ने घोषणा की कि गीत के उपयोग की समीक्षा होगी. देशभर में विरोध हुआ, लेकिन अंततः कांग्रेस ने वंदे मातरम् को सीमित कर दिया. पीएम बोले, कांग्रेस मुस्लिम लीग के सामने झुक गई."

कांग्रेस पर तुष्टीकरण और वैचारिक भ्रम का आरोप: पीएम मोदी ने कांग्रेस पर तुष्टीकरण की राजनीति का आरोप लगाते हुए कहा कि इसी दबाव में वंदे मातरम् को बांटा गया और यही मानसिकता बाद में देश के बंटवारे तक ले गई. उन्होंने कहा कि कांग्रेस की नीतियों में आज भी वही भ्रम है, "INC चलते-चलते MNC हो गया." पीएम के मुताबिक, कांग्रेस जिनके साथ खड़ी होती है, वे वंदे मातरम् पर विवाद खड़ा करते हैं. उन्होंने कहा कि जब भी देश पर संकट आया, वंदे मातरम् और वंदे भारत की भावना ने राष्ट्र को एकजुट कर आगे बढ़ने की शक्ति दी.

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हजारों वर्षों की सांस्कृतिक चेतना का प्रवाह: पीएम मोदी ने कहा कि वंदे मातरम् की जड़ें किसी राजनीतिक आंदोलन में नहीं, बल्कि भारत की हजारों साल पुरानी सांस्कृतिक चेतना में हैं. उन्होंने बताया कि इस गीत में मां भारती के प्रति वह भाव है, जो वेदों से लेकर रामायण तक भारतीय परंपरा में मिलता है. उन्होंने "माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः" और राम के "जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी" का उदाहरण देते हुए कहा कि वंदे मातरम् उन्हीं भावों का आधुनिक रूप है.

अंग्रेजों ने 'बांटो और राज करो' की शुरुआत बंगाल से की: अपने संबोधन में पीएम मोदी ने बताया कि 1857 के विद्रोह से अंग्रेज भयभीत थे. उन्हें समझ आ गया था कि भारत को एकजुट रहने दिया गया तो उनका शासन खत्म हो जाएगा. इसलिए उन्होंने विभाजन की नीति की शुरुआत बंगाल से की, जहां सबसे पहले उन्होंने समाज को बांटने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि बंगाल ने ही वंदे मातरम् को जन्म दिया, इसलिए अंग्रेजों ने उसकी ताकत को तोड़ने का प्रयास किया.

वंदे मातरम् जुलूस पर रोक, छात्रों पर जुर्माना: पीएम मोदी ने इतिहास के दिलचस्प उदाहरण भी साझा किए. उन्होंने बताया कि 1906 में बारीसाल में जब अंग्रेजों ने वंदे मातरम् जुलूस को रोकना चाहा, तो 10 हजार लोग सड़क पर उतर आए थे. अंग्रेजी शासन में छपी एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि रंगपुर में बच्चों द्वारा वंदे मातरम् गाने पर 200 छात्रों को 5-5 रुपये का जुर्माना लगाया गया था. कई स्कूलों में इसे गाने पर रोक लगा दी गई. उन्होंने कहा कि इन घटनाओं से साबित होता है कि यह गीत स्वतंत्रता संग्राम का सबसे मजबूत हथियार था.

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50 वर्ष पूरे होने पर देश गुलामी में: पीएम मोदी ने कहा कि वंदे मातरम् की 50वीं वर्षगांठ उस दौर में आई, जब भारत गुलामी की जंजीरों में जकड़ा हुआ था. लोग अत्याचार झेल रहे थे, लेकिन यह गीत उन्हें उम्मीद और संकल्प देता था. वहीं 100वीं वर्षगांठ पर देश आपातकाल के अंधेरे दौर से गुजर रहा था. उन्होंने कहा कि तब लोकतंत्र पर हमला हो रहा था, संविधान का गला घोंटा जा रहा था और कई देशभक्त जेलों में थे. ऐसे समय में भी वंदे मातरम् लोगों को हिम्मत देता रहा.

150 वर्ष पूरे होने पर भारत नई ऊंचाइयों पर: पीएम मोदी ने कहा कि आज, जब वंदे मातरम् के 150 वर्ष पूरे हो रहे हैं, भारत दुनिया की सबसे उभरती शक्तियों में से एक है. उन्होंने कहा कि भारत अब विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और तेजी से आगे बढ़ रहा है. पीएम मोदी ने इसे "मां भारती की कृपा और वंदे मातरम् की ऊर्जा" बताया.

वंदे मातरम् सिर्फ आजादी का मंत्र नहीं: पीएम मोदी ने कहा कि वंदे मातरम् कोई सामान्य गीत नहीं है. यह मातृभूमि को बेड़ियों से मुक्त कराने का मंत्र, प्रेरणा और आंदोलन था. उन्होंने कहा कि इस गीत ने स्वतंत्रता संग्राम की दिशा तय की और लाखों लोगों को साहस दिया.

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वंदे मातरम् ने अंग्रेजों की साजिश विफल की: पीएम मोदी ने बंगाल विभाजन का जिक्र करते हुए कहा कि अंग्रेजों ने सोचा था, "बंगाल टूटेगा तो भारत टूटेगा" लेकिन वंदे मातरम् ने उनके पूरे प्रयास को विफल कर दिया. लोग आंदोलन में कूद पड़े और अंग्रेजों को अपनी नीतियां बदलनी पड़ीं.

भारत वंदे मातरम् की प्रेरणा से आगे बढ़ रहा है: प्रधानमंत्री ने कहा कि आधुनिक भारत की प्रगति, तकनीक, वैश्विक नेतृत्व और आत्मनिर्भरता की दिशा में बढ़ते कदम, सबमें वही ऊर्जा है जिसने देश को आजादी दिलाई थी. उन्होंने कहा कि वंदे मातरम् इस देश की आत्मा में बसता है और आने वाले वर्षों में भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाने वाली शक्ति बना रहेगा.

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