पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार उद्योगों को प्रोत्साहन देने की तैयारी में जुट गई है. शुक्रवार को ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और पंजाब सीएम भगवंत मान ने चंडीगढ़ में एक कार्यक्रम के दौरान सेक्टरल कमेटियों की शुरुआत की. इस मौके पर केजरीवाल ने कहा कि यह पहल पंजाब में उद्योगों की गति को दोगुना करेगी. इससे व्यापार बढ़ने के साथ ही रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे. केजरीवाल ने कहा कि अब पंजाब में व्यवसाय शुरू करने के लिए सिर्फ 45 दिनों में डीम्ड अप्रूवल मिलेगा, जबकि 125 करोड़ रुपये तक के एमएसएमई के लिए किसी मंजूरी की जरूरत नहीं होगी.
केजरीवाल ने पूर्व सरकारों पर साधा निशाना
केजरीवाल ने पूर्व सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि पहले पंजाब में वसूली का सिस्टम था, जहां उद्योगपतियों को धमकाकर पैसे वसूले जाते थे. इससे उद्योग पंजाब छोड़कर अन्य राज्यों में चले गए और पंजाब, जो कभी देश का नंबर एक राज्य था, 18वें स्थान पर पहुंच गया.उन्होंने कहा कि 2022 में ‘आप’ सरकार के सत्ता में आने के बाद से वसूली के इस सिस्टम को बदलने की कोशिश की जा रही है. पिछले तीन वर्षों में उद्योगों के साथ बैठकें कर उनके सुझावों को लागू किया गया. अब 45 दिनों में सभी मंजूरियां देने या डीम्ड अप्रूवल प्रदान करने की नीति लागू की गई है. केजरीवाल ने जोर देकर कहा कि उनकी सरकार का उद्देश्य पार्टी फंड जुटाना नहीं, बल्कि पंजाब की तरक्की करना है.
क्या बोले सीएम भगवंत मान?
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि सितंबर 2023 में उद्योग-सरकार बैठकों के दौरान 24 सेक्टरल कमेटियों का विचार सामने आया था. ये कमेटियां प्रत्येक औद्योगिक क्षेत्र के लिए नीतियां तैयार करेंगी और उद्योगपतियों की भागीदारी सुनिश्चित करेंगी. पंजाब में विकास की अपार संभावनाएं हैं और ये कमेटियां एक विश्वस्तरीय ईको-सिस्टम बनाने में मदद करेंगी.उन्होंने बताया कि मार्च 2022 से अब तक पंजाब को 1.14 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव मिले हैं, जिनसे 4.5 लाख से अधिक रोजगार के अवसर सृजित हुए हैं.
जापान, अमेरिका, जर्मनी, यूके जैसे देश पंजाब में निवेश करना चाहते हैं. मान ने भ्रष्टाचार-मुक्त शासन और उद्योग-अनुकूल नीतियों को इसका कारण बताया. उन्होंने कहा कि पहले उद्यमियों का शोषण होता था, लेकिन अब ‘आप’ सरकार उद्योगों को प्रोत्साहित करती है. सेक्टरल कमेटियां उद्योगों को नीति निर्माण में सक्रिय भूमिका देंगी, जिससे पंजाब फिर से ‘रंगला पंजाब’ बनने की राह पर अग्रसर होगा.
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