'टॉप 5 जज छुट्टियों में भी काम कर रहे, फिर भी पेंडिंग मामलों का दोष हम पर...', सुनवाई के दौरान भड़के CJI गवई

जस्टिस सूर्यकांत ने भी मामले में स्थगन मांगने वाले वकीलों पर निशाना साधा और कहा कि वकील ने छुट्टी के बाद अब स्थगन की मांग की है और बताया कि वह अगले वीकेंड तक उपलब्ध नहीं हैं. उन्होंने कहा कि यही वजह है कि हम अपने रिटायरमेंट की तारीख का इंतजार करते हैं.

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सीजेआई गवई ने जताई नाराजगी सीजेआई गवई ने जताई नाराजगी

अनीषा माथुर

  • नई दिल्ली,
  • 21 मई 2025,
  • अपडेटेड 12:03 PM IST

सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को वक्फ संशोधन कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर लगातार दूसरे दिन सुनवाई चल रही है. इससे पहले चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) बीआर गवई ने एक अन्य मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि टॉप पांच जज छुट्टियों के दौरान भी यहां बैठे हैं और हम काम कर रहे हैं, फिर भी पेंडिंग मामलों के लिए हमें दोषी ठहराया जा रहा है.

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वकील काम नहीं करना चाहते

अदालतों के कामकाजी रवैये पर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए सीजेआई गवई ने कहा कि वकील काम नहीं करना चाहते हैं. जस्टिस सूर्यकांत ने भी मामले में स्थगन मांगने वाले वकीलों पर निशाना साधा और कहा कि वकील ने छुट्टी के बाद अब स्थगन की मांग की है और बताया कि वह अगले वीकेंड तक उपलब्ध नहीं हैं.

जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि पांच वरिष्ठतम जजों ने छुट्टियों के दौरान काम करने का दृढ़ निश्चय किया है. हमें काम करने में कोई परेशानी नहीं है. बार काउंसिल के सदस्य जो भी मामले चाहते हैं, हम सुनेंगे. लेकिन हम बार के सदस्यों से इस तरह की प्रतिक्रिया नहीं चाहते हैं, हम छुट्टियों के दौरान भी बिजी रहते हैं.

रिटायरमेंट की तारीख का इंतजार

इस पर सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने दलील दी कि हम तैयार हैं जब भी माननीय न्यायाधीश इस मामले को सुनना चाहेंगे, हम तैयार है. हम में से भी कई लोग छुट्टियों पर काम कर रहे हैं. इस पर जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि यही वजह है कि हम अपने रिटायरमेंट की तारीख का इंतजार करते हैं.

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ये भी पढ़ें: CJI के लिए क्या है प्रोटोकॉल? महाराष्ट्र दौरे पर क्यों नाराज हुए गवई, बाद में पहुंचे चीफ सेक्रेटरी, डीजीपी और पुलिस कमिश्नर

चीफ जस्टिस गवई ने रविवार को महाराष्ट्र पहुंचने पर भी अपनी नाराजगी जाहिर की थी. सीजेआई गवई ने कहा कि जब महाराष्ट्र का कोई व्यक्ति देश का मुख्य न्यायाधीश बनता है और पहली बार महाराष्ट्र आता है तो महाराष्ट्र के मुख्य सचिव, डीजीपी या मुंबई पुलिस कमिश्नर यह उचित नहीं समझते कि वे मौजूद रहें तो उन्हें इस पर विचार करना चाहिए. 

सीजेआई ने याद दिलाया प्रोटोकॉल

उन्होंने कहा कि प्रोटोकॉल कोई साधारण औपचारिकता नहीं है, बल्कि यह संवैधानिक बॉडी के बीच सम्मान का प्रतीक है. सीजेआई ने कहा कि जब किसी संवैधानिक संस्था का प्रमुख पहली बार राज्य का दौरा करता है तो उसके साथ जिस तरह का व्यवहार किया जाता है, उस पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए. हालांकि इसके बाद महाराष्ट्र सरकार ने अब जस्टिस गवई को राज्य का 'परमानेंट गेस्ट' घोषित कर दिया है.

ये भी पढ़ें: वक्फ एक्ट की वैधता पर सुप्रीम कोर्ट में आज अहम बहस, आ सकता है अंतरिम फैसला

दरअसल, सु्प्रीम कोर्ट के नव नियुक्त मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई की महाराष्ट्र विजिट के दौरान प्रोटोकॉल का पालन नहीं हुआ था. सीजेआई रविवार को जब मुंबई पहुंचे तो महाराष्ट्र के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और मुंबई पुलिस कमिश्नर जैसे वरिष्ठ अधिकारी उनकी अगवानी के लिए वहां मौजूद नहीं थे, जिसपर सीजेआई ने अपनी नाराजगी जाहिर की थी.

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