सुप्रीम कोर्ट ने बिहार में जारी SIR पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है, लेकिन दोनों पक्षों से मंगलवार सुबह 10:30 बजे तक सुनवाई का समय-निर्धारण प्रस्तुत करने को कहा है.सोमवार को हुई सुनवाई को कोर्ट ने निर्वाचन आयोग (ECI) से सवाल किया कि आधार कार्ड, वोटर आईडी (EPIC) और राशन कार्ड को मतदाता पहचान के लिए स्वीकार क्यों नहीं किया जा रहा है.
जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस जॉयमाला बागची की पीठ ने कहा कि अगर फर्जीवाड़े की बात है तो धरती पर कोई भी डॉक्यूमेंट ऐसा नहीं है, जिसकी नकल न हो सके. फिर आपके सूचीबद्ध 11 दस्तावेजों का क्या आधार है?
कोर्ट ने ईसीआई से इन दस्तावेजों को शामिल करने पर विचार करने और मंगलवार सुबह 10:30 बजे तक जवाब देने को कहा है.
ECI ने अपने हलफनामे में कहा कि जनवरी 2025 की मतदाता सूची में शामिल सभी लोग ड्राफ्ट सूची में रहेंगे, बशर्ते वे गणना फॉर्म जमा करें. कोर्ट ने पूछा कि अगर कोई मतदाता सूची से हटाया जाता है तो आपत्ति दर्ज करने और सुनवाई का तंत्र क्या है. कोर्ट ने ये भी सवाल उठाया कि सामूहिक बहिष्करण के बजाय सामूहिक समावेशन क्यों नहीं किया जा रहा.
सुनवाई के दौरान ईसीआई के वकील ने कहा कि हमें राशन कार्ड स्वीकार करने में कठिनाई हो रही है, क्योंकि बड़े पैमाने पर फर्जी राशन कार्ड हैं. हम कह रहे हैं कि आधार नागरिकता का प्रमाण नहीं है, लेकिन आप पहचान के प्रमाण के रूप में आधार दाखिल कर सकते हैं... हमारे फॉर्म में कहा गया है कि अपना आधार नंबर दें.
ड्राफ्ट मतदाता सूची को रोकने की मांग
याचिकाकर्ताओं के वकील गोपाल शंकर नारायण ने ड्राफ्ट मतदाता सूची को अंतिम रूप देने पर रोक की मांग की, लेकिन कोर्ट ने कहा कि ड्राफ्ट सूची उनके अधिकारों को प्रभावित नहीं करती और जरूरत पड़ने पर वह पूरी प्रक्रिया रद्द कर सकता है.
सुनवाई को मंगलवार के लिए स्थगित करते हुए कोर्ट ने कहा कि वह अगली तारीख में विस्तृत सुनवाई का वक्त तय करेगा. तभी हम ड्राफ्ट शैड्यूल पर बात करेंगे.
अनीषा माथुर / संजय शर्मा